दैनिक इंडिया न्यूज,आर्गेनिक तुलसी ग्रीन टी अपने औषधीय गुणों के लिए जानी जाती है। यही वजह है कि इसका इस्तेमाल अक्सर लोग कई स्वास्थ्य समस्याओं से बचाव के लिए करते हैं। नीचे क्रमवार जानिए कौन-कौन सी शारीरिक समस्याओं में आर्गेनिक तुलसी ग्रीन टी लाभकारी हो सकती है। वहीं, इस बात का ध्यान रखें कि यह किसी भी बीमारी का इलाज नहीं है, बल्कि इसका उपयोग शारीरिक समस्याओं से बचाव और उनके प्रभाव को कम करने के लिए किया जा सकता है।
अनिद्रा में सहायक
नींद न आने की समस्या यानी अनिद्रा से बचाव और इसके प्रभाव को कम करने में लाभकारी हो सकती है। एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में साफ तौर से जिक्र मिलता है कि ऑर्गेनिक तुलसी ग्रीन टी का उपयोग अनिद्रा में लाभकारी हो सकता है।
एंग्जायटी कम होती है
ऑर्गेनिक तुलसी ग्रीन टी को आजकल बहुत कवरेज मिल रही है और इसके पीछे बहुत से कारण भी हैं। आपके स्वास्थ्य के लिए कई मायनों में फायदेमंद है, फिर चाहे बात कैमोमाइल टी की हो, टर्मरिक टी की या फिर पिपरमेंट टी। आर्गेनिक तुलसी ग्रीन टी में एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं, साथ ही इनमें एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटी-वायरल गुण भी होते हैं। अगर आप ग्रीन टी को अपनी डाइट में नियमित रूप से शामिल करती हैं तो आपको क्या-क्या फायदे मिलते हैं, आइए जानते हैं।
डाइजेशन अच्छा होता है
डाइजेस्टिव और गैस्ट्रोइंटेस्टिनल प्रॉब्लम्स के लिए भी ग्रीन टी बहुत लाभकारी हैं। आप इनका सेवन दिन में दो बार करेंगी तो आपका पाचन दुरुस्त होगा। विशेषतौर पर कैमोमाइल टी डाइजेस्टिव सिस्टम के फंक्शन में सुधार करती है। इसमें फ्लैवोनोइड्स (flavonoids) और टरपेनोइड्स (terpenoids) होते हैं। यह बुखार, इंफ्लेमेशन, मसल्स क्रैंप और इंसोम्निया जैसी समस्याओं को ठीक करने में मदद करती है।
एंटी-एजिंग गुण होते हैं
ये चाय हर्ब्स से बनती हैं और हर्ब्स में एंटी ऑक्सीडेंट्स जैसे पॉलीफैनल, फ्लैवोनोइड और कैटेचिन्स आदि मौजूद होते हैं। एंटी ऑक्सीडेंट्स त्वचा को यूवी किरणों से प्रोटेक्ट करते हैं, साथ ही एंटी-ऑक्सीडेंट्स ऑक्सीडेशन प्रोसेस को कम करते हैं जिससे शरीर में फ्री रेडिकल्स का प्रभाव कम होता है। फ्री रेडिकल्स एजिंग साइन्स के लिए जिम्मेदार होते हैं। इसलिए हर्बल टी का सेवन करने से एंटी-एजिंग इफेक्ट मिलते हैं और झुर्रियां/फाइन लाइन्स कम होती हैं।
शरीर के दर्द में आराम
टर्मरिक टी या हल्दी की चाय उन लोगों के लिए लाभकारी है तो अर्थराइटिस या गाउट जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं। हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज़ होती हैं जो जोड़ों से सूजन को कम करती हैं और अर्थराइटिस के लक्षणों को कम करती हैं।
बोन हेल्थ बेहतर होती है
महिलाओं को अक्सर उम्र बढ़ने के साथ-साथ हड्डियों के जोड़ों में दर्द की शिकायत होने लगती है। घुटनों में दर्द बहुत ही आम समस्या हो गई है। ऐसे में हर्बल टी का सेवन आपके लिए लाभकारी होगा। हर्बल टी जैसे रूइबोस टी में आयर, कैल्शियम, पोटेशियम, कॉपर, मैंगनीज, जिंक और मैग्नीशियम जैसे मिनरल्स होते हैं जो बोन डेंसिटी बढ़ाते हैं और हड्डियों का स्वास्थ्य बेहतर करने में मदद करते हैं।
इम्यूनिटी बढ़ाता है
हर्बल टी में पॉलीफेनॉल होते हैं, जो कि फाइटोकेमिकल होने की वजह से आपके इम्यून फंक्शन्स को बेहतर करता है और शरीर को कई बीमारियों से बचाता है। इम्यूनिटी अच्छी होने से आपका शरीर इंफेक्शन के खिलाफ लड़ सकता है साथ ही कई बीमारियों से खुद को बचा सकता है।