हरिंद्र सिंह/डीडी इंडिया न्यूज
पिछले 24 घण्टे में प्रदेश में 90 हजार 285 कोरोना टेस्ट किए गए,
अब तक राज्य में 10 करोड़ 93 लाख 35 हजार 221 कोविड टेस्ट सम्पन्न
बिस्तार
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण पूरी तरह से नियंत्रण में है। अन्य राज्यों के सापेक्ष उत्तर प्रदेश की स्थिति अत्यन्त संतोषप्रद है। जनपद गौतमबुद्धनगर तथा गाजियाबाद में 25 नए केस मिले हैं। ऐसे में दिल्ली के आसपास के क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरती जाए।
मुख्यमंत्री जी आज यहां लोक भवन में आहूत टीम-09 की बैठक में प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में अवगत कराया गया कि पिछले 24 घण्टों में राज्य में कोरोना संक्रमण के 35 नए मामले सामने आए हैं। इस अवधि में 36 व्यक्तियों को सफल उपचार के उपरान्त डिस्चार्ज किया गया है। वर्तमान में प्रदेश में कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या 289 है। पिछले 24 घण्टे में प्रदेश में 90 हजार 285 कोरोना टेस्ट किए गए। अब तक राज्य में 10 करोड़ 93 लाख 35 हजार 221 कोविड टेस्ट सम्पन्न हो चुके हैं।
राज्य में गत दिवस तक 30 करोड़ 51 लाख 41 हजार से अधिक कोरोना वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी हैं। 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में 12 करोड़ 59 लाख 74 हजार से अधिक लोगों को टीके की दोनों डोज देकर कोविड सुरक्षा कवच प्रदान किया जा चुका है। इस प्रकार 85.45 प्रतिशत लोग कोविड टीके की दोनों डोज ले चुके हैं। 15 करोड़ 28 लाख से अधिक लोगों ने कोविड वैक्सीन की पहली डोज प्राप्त कर ली है।
विगत दिवस तक 15 से 17 वर्ष आयु वर्ग के 01 करोड़ 31 लाख 45 हजार से अधिक किशोरों ने कोविड वैक्सीन की प्रथम डोज तथा 81 लाख 87 हजार से अधिक किशोरों ने द्वितीय डोज प्राप्त कर ली है। इस प्रकार, 15 से 17 वर्ष आयु वर्ग में अब तक कुल 02 करोड़ 13 लाख 33 हजार से अधिक डोज लगायी जा चुकी हैं। 12 से 14 वर्ष आयु वर्ग के 25 लाख 10 हजार से अधिक बच्चों ने टीके की पहली खुराक प्राप्त कर ली है। 25 लाख 22 हजार से अधिक प्रिकॉशन डोज प्रदान की जा चुकी हैं। मुख्यमंत्री जी ने 12 से 14 वर्ष आयु वर्ग के टीकाकरण को तेज किए जाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में 18 वर्ष से अधिक उम्र के प्रत्येक नागरिक को कोविड का टीका लग चुका है। 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को बूस्टर डोज दिए जाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। प्रदेश में लगभग 700 निजी टीकाकरण केंद्रों पर बूस्टर डोज लगायी जा रही है। सभी पात्रजन बूस्टर डोज अवश्य लगवाएं। यह सुनिश्चित किया जाए कि कहीं भी निर्धारित शुल्क से अधिक न लिया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में नेशनल सेंटर फॉर डिज़ीज कंट्रोल (एन0सी0डी0सी0) की शाखा स्थापित की जानी चाहिए। इस संबंध में राज्य सरकार निःशुल्क भूमि उपलब्ध कराएगी। भारत सरकार के सहयोग से आवश्यक कार्यवाही तेजी से आगे बढ़ायी जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में संचारी रोग नियंत्रण अभियान प्रभावी रूप से संचालित हो रहा है। शीघ्र ही दस्तक अभियान भी प्रारंभ होगा। गत 10 अप्रैल से साप्ताहिक मुख्यमंत्री आरोग्य मेलों की शुरुआत भी हो चुकी है। उन्होंने निर्देशित किया कि संचारी रोग नियंत्रण व दस्तक अभियान को मुख्यमंत्री आरोग्य मेलों से जोड़ा जाए, ताकि अधिकाधिक लोग लाभान्वित हो सकें।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि नर्सिंग सेवा स्वास्थ्य सुविधाओं की रीढ़ है। इस क्रम में प्रदेश के सभी नर्सिंग कॉलेजों में शिक्षण-प्रशिक्षण कार्य का सुव्यवस्थित संचालन आवश्यक है। कतिपय क्षेत्रों से बगैर मान्यता के नर्सिंग कॉलेजों के संचालन की सूचना प्राप्त हुई है। इनके खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान अस्पतालों में कार्य करने वाले कार्मिकों की सेवाभावना प्रेरणास्पद है। अस्थायी तौर पर नियुक्त किये गए ऐसे कार्मिकों के भविष्य की सुरक्षा के दृष्टिगत उचित प्रबंध किए जाएं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश के सभी 75 जनपदों में मेडिकल कॉलेज की स्थापना के क्रम में 16 जिलों में पी0पी0पी0 मॉडल पर मेडिकल कॉलेज स्थापित किए जाने हैं। विगत दिनों संभल और महराजगंज जनपद में पी0पी0पी0 मोड पर मेडिकल कॉलेज की स्थापना के संबंध में एम0ओ0यू0 भी हो चुका है। शेष असेवित जनपदों में भी मेडिकल कॉलेजों की स्थापना की कार्यवाही तेजी से आगे बढ़ाई जाए। प्राचार्यांे की नियुक्ति में कार्यकुशलता, कर्मठता, विजन और योग्यता पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि जनपद बलरामपुर में के0जी0एम0यू0 के सैटेलाइट सेंटर की स्थापना की कार्यवाही तेजी से आगे बढ़ायी जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना काल खण्ड के दौरान देश के कुछ राज्यों में अस्पतालों में आग लगने की दुःखद घटना घटी। राज्य सरकार की चाक-चौबंद व्यवस्थाओं का ही परिणाम था कि प्रदेश में ऐसी दुर्घटना नहीं हुई। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों/अस्पतालों में फायर सेफ्टी की व्यवस्था की भौतिक समीक्षा की जाए। जहां कमी/गड़बड़ी हो, वहां तत्काल व्यवस्था ठीक की जाए।