हरिंद्र सिंह/दैनिक इंडिया न्यूज
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि लखनऊ ग्रीन कॉरिडोर की विशिष्ट योजना को अगले 02 महीने में प्रारंभ करा दिया जाए। यह योजना लखनऊ को एक आकर्षक स्वरूप देने वाली होगी। लखनऊ में गोमती नदी के दोनों तटों पर तथा नैमिषारण्य अतिथि भवन के आस-पास कुछ झुग्गी बस्तियां हैं। इनका चिन्हीकरण यहां के निवासियों का पुनर्स्थापन कराया जाए। नियमानुसार इन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छ भारत मिशन आदि शासकीय योजनाओं से जोड़ा जाना चाहिए। यह कार्य जल्द से जल्द करा लिया जाए। लखनऊ की बटलर झील को अमृत सरोवर के रूप में विकसित किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विकास प्राधिकरण, नगरीय निकाय, स्थानीय प्रशासन और पुलिस यह सुनिश्चित करें कि कहीं भी किसी भी परिस्थिति में अवैध बस्तियां/रिहायशी कालोनी बसने न पाए। हर विकास प्राधिकरण/नगरीय निकाय में टाउन प्लानर की तैनाती की जाए। आई0आई0टी0 अथवा राज्य सरकार तकनीकी शैक्षणिक संस्थानों का सहयोग लिया जाना चाहिए। परियोजनाओं का निर्धारण करते समय आगामी 50 वर्षों की स्थिति को ध्यान में रखें। हर कालोनी में सभी जरूरी सुविधाएं हों। अवैध कालोनियों को विकसित न होने दें।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्राधिकरण सीमान्तर्गत सभी आवासीय/निजी/शासकीय भवनों में रेन वॉटर हार्वेंस्टिंग को प्रोत्साहित किया जाए। इस संबंध में एक सुस्पष्ट नियमावली तैयार कर प्रस्तुत करें। विकास प्राधिकरणों द्वारा निवासियों से जल शुल्क लिए जाने में एकरूपता का अभाव है। अधिकांश विकास प्राधिकरणों द्वारा जल शुल्क नहीं लिया जा रहा है। कुछ विकास प्राधिकरणों जैसे लखनऊ व वाराणसी द्वारा अपने स्तर पर निर्धारित शुल्क पर जल शुल्क लिया जा रहा है। ऐसे में स्पष्ट जल शुल्क नियमावली की आवश्यकता है। इसे यथाशीघ्र तैयार किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जहां कोई भूमि/भूखण्ड प्राधिकरण द्वारा विकसित योजना के बाहर हो अथवा जहां प्राधिकरण जलापूर्ति करने में असमर्थ हो, वहां जल शुल्क कतई न लिया जाए। जल शुल्क/अम्बार शुल्क की दरों को प्राधिकरण द्वारा प्रत्येक वित्तीय वर्ष की प्रथम अप्रैल को आयकर विभाग के कास्ट इन्फ्लेशन इंडेक्स के आधार पर पुनरीक्षित किया जाना चाहिए। विकास प्राधिकरण की भूमि, सार्वजनिक मार्ग अथवा सार्वजनिक स्थान पर निर्माण सामग्री रखने वाले व्यक्तियों अथवा निकाय पर लगने वाले अंबार शुल्क के पुनरीक्षण पर विचार किया जाना चाहिए। इस सम्बंध में अच्छी और उपयोगी अंबार शुल्क नियमावली तैयार की जाए।
इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री श्री एस0पी0 गोयल, प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन श्री नितिन रमेश गोकर्ण, लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्री इन्द्रमणि त्रिपाठी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।