हरिंद्र सिंह/दैनिक इंडिया न्यूज
मुख्यमंत्री ने विधान सभा अध्यक्ष को प्रधानमंत्री जी के डिजिटल इण्डिया कार्यक्रम को ‘वन नेशन-वन एप्लीकेशन’ के माध्यम से चरितार्थ करने के लिए धन्यवाद दिया
लोक सभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने आज यहां उत्तर प्रदेश विधान सभा में ई-विधान व्यवस्था एवं 18वीं विधान सभा के नवनिर्वाचित सदस्यों के प्रबोधन कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि देश की आजादी के बाद लोकतंत्र की 75 वर्ष की यात्रा में देश में संसदीय लोकतंत्र सशक्त हुआ है। जनता का विश्वास संसदीय लोकतंत्र के प्रति और बढ़ा है। उत्तर प्रदेश की विधान सभा सम्भवतः विश्व की सबसे बड़ी विधान सभा है। यहां से निकले नेताओं ने देश का गौरव बढ़ाया है। देश के वर्तमान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी सहित उत्तर प्रदेश से आने वाले अनेक प्रधानमंत्रियों ने देश को नेतृत्व दिया है। इसलिए राष्ट्रीय राजनीति में उत्तर प्रदेश की हमेशा विशेष भूमिका रही है। उत्तर प्रदेश विधान सभा की भी सभी विधान मण्डलों के मार्गदर्शन में विशेष भूमिका रही है।
लोक सभा अध्यक्ष ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं सदन के नेता के रूप में अपने दायित्वों का निर्वहन करने के लिए बधाई देते हुए आशा व्यक्त की कि मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में राज्य का सर्वांगीण और समावेशी विकास होगा। देश के अन्दर उत्तर प्रदेश सामाजिक, आर्थिक परिवर्तन का एक नया युग शुरू करेगा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश देश की राजनीतिक एवं सांस्कृतिक हृदय स्थली, एक ऐतिहासिक और गौरवशाली प्रदेश है। यह राज्य भारत की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक, भौतिक और राजनीतिक चेतना का केन्द्र रहा है। स्वतंत्रता संग्राम के आन्दोलन से लेकर अब तक इस पवित्र भूमि के हमारे राजनेताओं ने राज्य के विकास के लिए यशस्वी कार्य किये हैं।
लोक सभा अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश विधान सभा के सदस्यों को जनता ने बहुत भरोसे के साथ चुनकर भेजा है। वे यहां लाखों लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने जनप्रतिनिधियों द्वारा जनता के सरोकारों को सदन के माध्यम से सरकार तक पहुंचाने पर बल देते हुए कहा कि विधान मण्डल एक ऐसा केन्द्र है जहां पर राज्य की 25 करोड़ जनता की भावनाओं, चिन्ताओं, अभावों, कठिनाइयों, समस्याओं का एक साथ समावेश हो सकता है। इसलिए विधान मण्डल का चर्चा एवं संवाद के माध्यम से सार्थक उपयोग करने की आवश्यकता है, जिससे अन्तिम पायदान के व्यक्ति की चिन्ताओं, अभावों, कठिनाइयों, समस्याओं का समाधान किया जा सके और उनके जीवन स्तर में सामाजिक, आर्थिक परिवर्तन ला सके।
लोक सभा अध्यक्ष ने कहा कि बाबा साहब डॉ0 आम्बेडकर ने कहा था कि हमें राजनीतिक लोकतंत्र के साथ-साथ सामाजिक लोकतंत्र भी लाना पड़ेगा। सामाजिक लोकतंत्र को मजबूत करने से राजनीतिक लोकतंत्र मजबूत होगा। निर्वाचित जनप्रतिनिधि विधान मण्डल में समाज के वंचित, गरीब, पीड़ित, शोषित वर्गों सहित सभी लोगों की आवाज बनते हैं। सरकार उनकी आवाज को ध्यान में रखकर अपनी सार्थक और सकारात्मक नीतियां और कार्ययोजनाएं तैयार करती है। उन्होंने आशा जतायी कि इस विधान सभा की गौरवशाली परम्परा, नियमों, प्रक्रियाओं के अनुरूप सभी सदस्य चर्चा के माध्यम से अन्तिम पायदान के व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन के लिए प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि सदन चर्चा और संवाद के केन्द्र होने चाहिए। जितनी अधिक चर्चा, संवाद, तर्क-वितर्क होगा, इस मंथन से उतना ही अमृत निकालकर हम जनता का कल्याण कर पाएंगे। इसलिए संसदीय प्रणाली चर्चा और संवाद का केन्द्र है।
लोक सभा अध्यक्ष ने कहा कि हम सब सदन में जनता के प्रतिनिधि हैं। सदन की गरिमा बनाना हम सबकी जिम्मेदारी है। हमारा जैसा आचरण रहेगा, उससे ही सदन की गरिमा बनती है। सदन की गरिमा बनाये रखने के लिए हम सभी को तर्क के आधार पर संवाद करना चाहिए। देश के अनेक नेता विधान मण्डल और संसद में तर्क के आधार पर अपनी बात रखकर सर्वश्रेष्ठ बने हैं। उन्होंने कहा कि विधान मण्डल और लोक सभा सर्वश्रेष्ठ नेता बनाने का माध्यम और मंच है।
लोक सभा अध्यक्ष ने कहा कि संसद और विधान मण्डल का मूल कार्य कानून बनाने का है। उत्तर प्रदेश विधान मण्डल का गौरवपूर्ण इतिहास रहा है, जिसने महत्वपूर्ण कानून बनाकर लोगों के जीवन में उल्लेखनीय सामाजिक, आर्थिक, परिवर्तन किया है। उन्होंने कहा कि कानून बनाते समय व्यापक चर्चा एवं संवाद होना चाहिए। कानून बनाने से पहले भी जनता से इनपुट लेना चाहिए, संवाद बनाना चाहिए। कानून बनाते समय जितनी अच्छी चर्चा होगी, उतना ही अच्छा कानून बनेगा। ऐसा कानून जनता के लिए कल्याणकारी होगा।
लोक सभा अध्यक्ष ने कहा कि सभी सरकारों का लक्ष्य कानून बनाकर जनता को अधिकार और न्याय दिलाने तथा दैनिक जीवन की कठिनाइयों को सरल बनाने का प्रयास रहता है। वर्तमान समय में कानून बनाते समय हो रही संवाद की कमी चिंता का विषय है। नवनिर्वाचित विधायकों को सदन में हुई पुरानी चर्चाओं का अनुभव प्राप्त करने के लिए उनका अध्ययन करना चाहिए। इससे सदन में कानून बनाते समय चर्चा करने में उन्हें सुविधा होगी। सदस्यों को अधिकतम समय विधान सभा में बैठने का प्रयास करना चाहिए। विधान सभा में बैठने से नवनिर्वाचित सदस्यों को अनुभवी विधायकों का मार्गदर्शन प्राप्त होगा। देश की सबसे बड़ी विधान सभा को चर्चा और संवाद का ऐसा केन्द्र बनना चाहिए, जो देश की अन्य विधान सभाओं का मार्गदर्शन कर सके।
लोक सभा अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में देश में सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से शासन को जवाबदेह बनाया गया है। जिस तरह शासन में सूचना प्रौद्योगिकी के व्यापक इस्तेमाल से पारदर्शिता आती है, उसी प्रकार विधान मण्डलों में सूचना प्रौद्योगिकी के बेहतर प्रयोग से सदन में तर्क एवं संवाद की स्थिति बेहतर होती है। उत्तर प्रदेश विधान सभा ने अत्यन्त कम समय में जिस तरह से पेपरलेस ई-विधान सभा की ओर कदम बढ़ाया है, वह सराहनीय है। इसी प्रकार यहां की लाइब्रेरी, संग्रहालय, रिसर्च विंग को भी आधुनिक और बेहतरीन बनाया जाना चाहिए। विधायकों की कैपेसिटी बिल्डिंग के लिए समय-समय पर देश के बड़े-बड़े विद्वानों के माध्यम से प्रबोधन कार्यक्रम होना चाहिए।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए विधान सभा अध्यक्ष श्री सतीश महाना ने कहा कि आज का यह क्षण ऐतिहासिक है। देश की किसी भी विधान सभा में ई-विधान पहली बार लागू किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में विगत डेढ़ महीने में पेपरलेस विधान सभा का कार्य किया गया है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी के युग में आधुनिक डिजिटल तकनीक को अपनाया जाना आवश्यक है।
विधान सभा अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री जी का संकल्प पूरे देश की विधान सभाओं को एक पोर्टल पर लाने का है। इसी उद्देश्य से नेवा (नेशनल ई-विधान एप्लीकेशन) लागू किया गया है। इससे देश की सभी विधान सभाओं में एकरूपता होगी। उन्होंने कहा कि लोक सभा में अधिक से अधिक सदस्यों को बोलने का अवसर उपलब्ध कराने के लिए व्यवस्था बनायी गयी है। प्रदेश की विधान सभा में भी इसे लागू करने का प्रयास किया जाएगा।
विधान सभा अध्यक्ष ने कहा कि अब सदन में सभी सदस्यों के बैठने के लिए सीट निर्धारित कर दी गयी है। सभी सदस्य अपनी निर्धारित सीट पर ही बैठेंगे और वहीं से अपनी बात रखेंगे। ई-विधान एक नयी व्यवस्था है। सदस्यों को भलीभांति इसे अपनाने के लिए प्रशिक्षण लेना पड़ेगा। सीखना एक निरन्तर चलने वाली प्रक्रिया है। सीखने में संकोच नहीं करना चाहिए। लोक सभा की कैण्टीन से प्रेरणा लेकर प्रदेश विधान सभा की कैंटीन को बेहतर बनाया जाएगा।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने लोक सभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला का स्वागत किया। उन्होंने विधान सभा अध्यक्ष को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के डिजिटल इण्डिया कार्यक्रम को ‘वन नेशन-वन एप्लीकेशन’ के माध्यम से चरितार्थ करने के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जी ने डिजिटल इण्डिया के माध्यम से शासन की योजनाओं को आमजन तक पहुंचाने पर जोर दिया है। राज्य सरकार द्वारा विगत 05 वर्ष में समाज के अन्तिम पायदान तक के लोगों को शासन की योजनाओं से जोड़ने का कार्य किया गया। डी0बी0टी0 के माध्यम से शासन की योजनाओं को अन्तिम व्यक्ति तक पहुंचाने के उत्साहवर्धक परिणाम आये हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विधान सभा के निर्वाचित सदस्य प्रदेश की लगभग 25 करोड़ जनता का प्रतिनिधित्व करते हैं। शासन की योजनाओं को बनाने तथा जनता तक पहुंचाने में इनकी बड़ी भूमिका है। उन्होंने प्रदेश विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष का कार्यक्रम में सम्मिलित होने तथा ई-विधान लागू करने के लिए शुभेच्छा व्यक्त करने हेतु धन्यवाद देते हुए विश्वास व्यक्त किया कि इस तकनीक की मदद से प्रदेश की 25 करोड़ जनता के हितों के लिए मिलकर कार्य कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रतिपक्ष के आलोचनात्मक प्रश्न शासन को जनता के लिए अनेक महत्वपूर्ण कार्य करने में मदद करते हैं। सत्ता पक्ष व प्रतिपक्ष प्रतिबद्ध होकर जनता के लिए कार्य करें, तो बहुत सी समस्याओं का समाधान होता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि लोक सभा अध्यक्ष जी जनवरी, 2020 में संसदीय लोकतंत्र को सुदृढ़ करने के सम्बन्ध में तमाम विधान मण्डलों से जुड़े पदाधिकारियों के सम्मेलन को सम्बोधित करने इस सदन में आए थे। 17वीं विधान सभा इस दृष्टि से अत्यन्त समृद्धशाली थी। यद्यपि उस दौरान 02 वर्ष कोरोना कालखण्ड की चुनौती में गुजरे, किन्तु उस दौरान भी प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में सत्र बाधित नहीं होने दिया गया। सदन के वरिष्ठ सदस्य वर्चुअली जुड़कर कार्यवाही में सम्मिलित हुए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश विधान सभा में विगत 05 वर्षाें में अनेक कार्यक्रम हुए हैं। 02 वर्ष पूर्व पेपरलेस बजट प्रस्तुत किया गया था। आज नेशनल ई-विधान एप्लीकेशन का सपना साकार हुआ है। इससे सदस्यों के लिए कार्य करना सरल और सहज होगा। अब उन्हें बड़ा बैग लेकर विधान सभा नहीं आना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि तकनीक प्रदर्शन की वस्तु नहीं है। आम जनता हेतु इसे उपयोगी बनाने के लिए प्रशिक्षित होकर सकारात्मक रूप से उपयोग करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि विधान सभा में 128 नये सदस्य निर्वाचित होकर आये हैं। तकनीक से भागना नहीं, उसे अंगीकार करना चाहिए। साथ ही, तकनीक का पिछलग्गू भी नहीं बनना है। क्षेत्र की जनता से बेहतर संवाद के लिए फील्ड विजिट जरूरी है। उन्होंने कहा कि सदस्यगण अपनी सुविधा, प्रदेश के विकास तथा राज्य की 25 करोड़ जनता के कल्याण के लिए तकनीक का अधिकाधिक उपयोग करेंगे, तो प्रदेश की सम्भावनाएं मूर्तरूप लेंगी। प्रधानमंत्री जी की मंशा के अनुरूप हम सभी देश की अर्थव्यवस्था में राज्य की भूमिका महत्वपूर्ण बनाने में सफल होंगे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि संसद संसदीय लोकतंत्र की दृष्टि से एक उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करती हैं। लोक सभा की कार्यपद्धति का अधिकाधिक उपयोग करके 18वीं विधान सभा में प्रश्नकाल और अधिक समृद्ध, चर्चा परिचर्चा को बेहतर बनाने तथा नये सदस्यों को अपनी बात रखने का अधिक अवसर देकर स्वस्थ संसदीय प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का कार्य किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि 17वीं विधान सभा में सस्टेनेबल डेवलपमेण्ट गोल पर 36 घण्टे निरन्तर चर्चा की गयी। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयन्ती कार्यक्रम पर विधान मण्डल का विशेष सत्र आहूत किया गया। यह कार्यक्रम स्वस्थ संसदीय प्रणाली को व्यक्त करने का माध्यम था।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज हम देश और दुनिया की सबसे बड़ी विधान सभा को ई-विधान के रूप में परिवर्तित कर रहे हैं। यह आजादी का अमृत महोत्सव का वर्ष भी है। आजादी के 75 वर्ष पूर्ण करना आत्मावलोकन का अवसर दे रहा है। साथ ही, आगामी 25 वर्ष, जिसे प्रधानमंत्री जी ने अमृतकाल कहा है, के लिए एक व्यापक कार्ययोजना लेकर चलना है। इस अमृतकाल में समाज के हर तबके के व्यक्ति सांसद, विधायक, ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत के सदस्य, जिला पंचायत के सदस्य व चेयरमैन, नगर निकायों के पार्षद व चेयरमैन, महापौर, आम नागरिक, किसान, नौजवान, महिला सभी को अपने-अपने क्षेत्र में समृद्धि और सुशासन के लिए कार्य करने की जरूरत है, जिससे आजादी के अमर सेनानियों का स्वप्न साकार हो सके। उन्होंने कहा कि 25 वर्ष की इस कार्ययोजना को लेकर आगे बढ़ने से अमृतकाल का उपयोग प्रधानमंत्री जी की ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की परिकल्पना को साकार करने के साथ ही भारत को दुनिया के अन्दर नेतृत्वकर्ता देश के रूप में स्थापित किया जा सकेगा।
कार्यक्रम को नेता प्रतिपक्ष श्री अखिलेश यादव ने भी सम्बोधित किया। उन्होंने नेवा (नेशनल ई-विधान एप्लीकेशन) के लिए विधान सभा अध्यक्ष के प्रति आभार जताया तथा इसमें सहयोग के लिए राज्य सरकार को बधाई दी।
कार्यक्रम के दौरान एन0आई0सी0 द्वारा नेवा (नेशनल ई-विधान एप्लीकेशन) की कार्य प्रणाली पर एक संक्षिप्त प्रस्तुति दी गयी।
कार्यक्रम के अन्त में संसदीय कार्य मंत्री श्री सुरेश कुमार खन्ना ने अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।