हरिंद्र सिंह दैनिक इंडिया न्यूज लखनऊ।मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का वर्ष 2023-24 का बजट सर्वसमावेशी एवं समग्र विकास की अवधारणा के साथ ‘आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश’ की परिकल्पना को साकार करने वाला बजट है। बजट में प्रदेश के गांव, गरीब, किसान, नौजवान, महिलाओं सहित प्रत्येक तबके से सम्बन्धित विकास योजनाओं को सम्मिलित किया गया है। उन्होंने कहा कि देश राम राज्य की अवधारणा को साकार कर रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा दिया गया ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ का मंत्र ही रामराज्य की अवधारणा है। इस मंत्र को अंगीकार करते हुए उत्तर प्रदेश आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश सही दिशा में, देश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। यह बजट प्रदेश को भारत का ग्रोथ इंजन बनाने में सहायक होगा।
मुख्यमंत्री ने विधान परिषद में वर्ष 2023-24 के बजट पर सामान्य चर्चा में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने बजट चर्चा में भाग लेने के लिए उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य सहित सभी सदस्यों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि चर्चा में प्रतिभाग करके सभी सदस्यों ने प्रदेश की जनता की आशाओं तथा आकांक्षाओं की ओर शासन का ध्यान आकृष्ट किया है। साथ ही, सरकार से जुड़े मुद्दों को इस सदन के सम्मुख रखने का कार्य किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने वर्ष 2014 में ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ का मंत्र दिया था। वही इस सरकार की सफलता तथा प्रदेश की 25 करोड़ जनता, गांव, गरीब, किसान, नौजवान, महिलाओं और प्रत्येक तबके को आगे बढ़ाने का अभियान है। इसी के परिणामस्वरूप उत्तर प्रदेश बदलता दिखायी दे रहा है। वर्ष 2017 से पहले प्रदेश के नौजवानों के सामने पहचान का संकट था। किसान बदहाल था। गरीब भुखमरी का शिकार था। महिलाएं, बेटियां सुरक्षित नहीं थीं। संगठित अपराध में लिप्त माफियाओं की समान्तर सत्ता चलती थी। कहीं संगठित अपराध को संचालित करने वाला, कहीं भूमाफिया, कहीं वन माफिया, कहीं खनन माफिया, कहीं पशु माफिया थे। हर प्रकार के माफिया प्रदेश में पनप रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2023-24 के बजट पर चर्चा करते हुए हमें उत्तर प्रदेश में विगत 06 वर्षाें में हुए बदलाव को ध्यान में रखना होगा। आज पूरा देश और दुनिया उत्तर प्रदेश के विगत 06 वर्षाें के बदलाव के साथ नये उत्तर प्रदेश को देख रही है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन और प्रेरणा से प्रदेश जिस गति से आगे बढ़ रहा है, उससे आम जनमानस के मन में विश्वास पैदा हुआ है। इस जन विश्वास के परिणामस्वरूप ही 05 वर्ष के कार्यकाल के बाद पुनः हमारी सरकार दो-तिहाई बहुमत के साथ सत्ता में आयी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विगत 06 वर्षाें के दौरान प्रदेश में हुए टीम वर्क को सभी ने महसूस किया है। वर्ष 2015-16 का प्रदेश का बजट मात्र 03 लाख 20 हजार करोड़ रुपये का तथा वर्ष 2016-17 का बजट 03 लाख 40 हजार करोड़ रुपये का था। 06 वर्षाें के उपरान्त वित्त मंत्री श्री सुरेश कुमार खन्ना द्वारा प्रस्तुत किया गया वित्तीय वर्ष 2023-24 का बजट दोगुने से अधिक बड़ा है। यह बजट 06 लाख 90 हजार करोड़ रुपये से अधिक का है। यह 07 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचेगा। यह प्रदेश की अर्थव्यवस्था के विस्तार को भी दिखाता है। विगत 06 वर्षाें में प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय को दोगुना करने में सफलता प्राप्त हुई है। साथ ही, प्रदेश की अर्थव्यवस्था भी दोगुनी हुई है। इसके अलावा, हर वर्ष का बजट एक निश्चित थीम के साथ आगे बढ़ा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बैंकिंग सेक्टर का व्यवसाय 2012 से 2017 के बीच 12 लाख 97 हजार 995 करोड़ रुपये था। वर्ष 2017 से 2022 के दौरान यह बढ़कर 22 लाख 06 हजार करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। बैंकों की जमा पूंजी में प्रदेश के युवाओं तथा उद्यमियों को लोन के रूप में वर्ष 2017 में 46 प्रतिशत प्राप्त होता था। वह आज बढ़कर लगभग 55 प्रतिशत हो गया है। वित्तीय संस्थाओं द्वारा वर्ष 2017 से 2022 के बीच 09 लाख 52 हजार करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया गया, जो प्रदेश के नौजवानों की आकांक्षाओं पूर्ण करने का माध्यम बन रहा है। साथ ही, कारीगरों के हुनर को प्रोत्साहित करते हुए अर्थव्यवस्था में संतुलन लाने का कार्य हो रहा है। उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था 01 ट्रिलियन डाॅलर की अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ चुकी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की राजस्व के क्षेत्र में यह उपलब्धि तब है, जब प्रदेश सरकार ने राज्य की जनता पर कोई अतिरिक्त कर नहीं लगाये, बल्कि पेट्रोल-डीजल पर वैट को कम किया गया। वर्तमान में प्रदेश में डीजल व पेट्रोल का मूल्य आस-पास के अन्य राज्यों की तुलना में कम है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी तथा यूक्रेन संकट के बावजूद उत्तर प्रदेश आज रेवेन्यू सरप्लस स्टेट है। वित्तीय वर्ष 2016-17 में बजट के वित्त पोषण हेतु 20 प्रतिशत राशि ऋणों से प्राप्त होती थी। वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में यह 16 प्रतिशत तक सीमित हो गयी है। पहले बजट का 8 फीसदी भाग लिये गये ऋण का ब्याज चुकाने पर व्यय होता था। वित्तीय वर्ष 2023-24 में यह घटकर 06 प्रतिशत पर आने जा रहा है। यह उत्तर प्रदेश की प्रगति की सही दिशा को दर्शाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा के राजकीय विद्यालयों के साथ-साथ शासकीय सहायता प्राप्त निजी प्रबन्धन के विद्यालयों के रिनोवेशन के लिए बजट में व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि महाकवि तुलसीदास जी की विरासत की ओर देश व दुनिया आकर्षित है। तुलसीदास जी ने मध्यकाल में भारत का मार्गदर्शन करने वाला, गुलामी की बेड़ियों से मुक्त करने वाला महाकाव्य ‘रामचरितमानस’ दिया। तुलसीदास जी को अकबर ने अपने दरबार में बुलाया, लेकिन उन्होंने जाने से इनकार कर दिया। तुलसीदास जी ने कहा कि हमारा तो एक ही राजा, राजा राम हैं। राम के सिवा मैं किसी को राजा नहीं मानता। भगवान श्रीराम की विरासत पर हम सभी को गर्व होना चाहिए।