श्रीराम कथा में शिव-पार्वती विवाह का प्रसंग सुन मंत्रमुग्ध हुए रामभक्त-जितेंद्र प्रताप सिंह

दैनिक इंडिया न्यूज,लखनऊ: राष्ट्रीय सनातन महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष जितेंद्र प्रताप सिंह ने कहा नर्मदेश्वर महादेव मंदिर परिसर में चल रही नौ दिवसीय श्रीराम कथा में मंगलवार को कथावाचक भरत पीठाधीश्वर श्री कृष्ण कुमार तिवारी जी ने शिव-पार्वती विवाह का प्रसंग सुनाया। प्रसंग सुन श्रद्धालु भावविभोर हो गए। इस दौरान शिव-पार्वती विवाह की झांकी भी सजाई गई। भरत पीठाधीश्वर ने कहा कि पर्वतराज हिमालय की घोर तपस्या के बाद माता जगदंबा प्रकट हुईं और उन्हें बेटी के रूप में उनके घर में अवतरित होने का वरदान दिया। इसके बाद माता पार्वती हिमालय के घर अवतरित हुईं। बेटी के बड़ी होने पर पर्वतराज को उनकी शादी की चिंता सताने लगी। कहा कि माता पार्वती बचपन से ही बाबा भोलेनाथ की अनन्य भक्त थीं। एक दिन पर्वतराज के घर महर्षि नारद पधारे और उन्होंने भगवान भोलेनाथ के साथ पार्वती के विवाह का संयोग बताया। कहा कि नंदी पर सवार भोलेनाथ जब भूत-पिशाचों के साथ बरात लेकर पहुंचे तो उसे देखकर पर्वतराज और उनके परिजन अचंभित हो गए, लेकिन माता पार्वती ने खुशी से भोलेनाथ को पति के रूप में स्वीकार कर लिया। विवाह प्रसंग के दौरान शिव-पार्वती की झांकी पर श्रद्धालुओं ने पुष्प बरसाए। शिव-पार्वती विवाह में श्रद्धालु झूमकर विवाह के गीत गाने लगे। कथा के समापन पर सामूहिक रूप से श्री हनुमान चालीसा , श्री हनुमान अष्टक का पाठ भी कराया पाठ के समापन पर एकत्रित राम भक्तों ने जय श्री राम के नारे लगाए राम भक्तों के ऊपर फूलों की वर्षा की गयी। राम भक्त जय श्री राम के जयकारे लगाते लगाते मंत्र-मुग्ध हुए मानो जैसे त्रेता युग में श्री राम के जयकारे लग रहे हैं आरती के बाद राम भक्तों को प्रसाद वितरण किया गया। मंच से भरत पीठाधीश्वर ने लगातार दो दिन तक श्री राम कथा के साथ साथ सामूहिक रूप से राम रक्षा स्त्रोत के लिए सभी भक्तों को आमंत्रित किया।

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