दैनिक इंडिया न्यूज़ लखनऊ ।मुख्य अतिथि ब्रजेश पाठक उप मुख्य मंत्री, विशिष्ट अतिथि डॉ राजेन्द्र प्रसाद, डॉ राधाकृष्ण धीमन निदेशक संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान, डॉ आर के कटियार पूर्व प्रधानाचार्य जी वी एम चिकित्सा विद्यालय कानपुर, जे पी सिंह सदस्य उत्तर प्रदेश माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद , लोकेन्द्र प्रताप सिंह विधायक, सुधांशु शुक्ला विधायक ने सहभागिता करते हुए कार्यक्रम की सफलता के लिए शुभकामनाए ज्ञापित करते हुए गोष्ठी का शुभारम्भ हुआ।
चेस्ट रोग विशेषज्ञ डॉ बीपी सिंह ने कहा चेस्ट से संम्बधित गंभीर बीमारीयां जैसे सी.ओ.पी.डी, अस्थमा, आईलडी, फेफड़ो का कैंसर, टी०बी० और अन्य जैसे रोग तेजी से फैलते और चुनौतीपूर्ण होते जा रहे है, जिससे इन रोगों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए नई विधाओं की आवश्यकता होती है।
बढते आकड़ो की रिपोर्ट
पूरे विश्व में रोग के बढते आकड़ो की रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक स्तर पर सभी क्रोनिक फेफड़ों की बीमारी के मामलों में से 15.69% भारत में है और कुल श्वसन रोग से होने वाली मौतों में से 30 25% भारत में है। रिपोर्ट आगे बताती है कि भारत में श्वसन संबंधी मामलों की संख्या संभावित रूप से सी.ओ.पी.डी. और आस्थमा क्रमशः-55.23 मिलियन और 35 मिलियन है, जिसमें सी.ओ.पी.डी. नंबर-2 मौत का कारण है। भारत के कुछ वर्षों में ही रेस्पिरेटरी जनित बीमारीयों में विश्व में नंबर एक पर आने की पूरी संभावना होती दिख रही है।
अन्य कारण जैसे तंबाकू का उपयोग और देश में निरंतर खतरनाक प्रदूषण के स्तर के साथ-साथ बायोमास और अन्य पर्यावरणीय जोखिम के रूप में अन्य प्रदूषक जोखिम ने श्वसन रोगों के बोझ को कम करने की चुनौती को और बढ़ा दिया गया है।
कोविड-19 ने श्वसन रोग के प्रकोप से निपटने के लिए मजबूत बुनियाद ढांचे की सख्त आवश्यकता पर प्रकाश डाला और मजबूत पलमोनरी रिहैबलिटेशन प्रोग्राम के साथ-साथ जरूरत पडने पर आगे की देखभाल और कई बीमारीयों के अंतिम उपचार के रूप में फेफडों के प्रत्यारोपण की सुविधा की अवश्यकता पर भी प्रकाश डाला है।
क्रिटिकल केयर में एंटिबायोटिक रजिस्टेंश के इलाज के लिए एक बड़ी चुनौती है, और वर्ष 2050 तक 10 मिलियन अतिरिक्त मौतों का अनुमान मान है। हमें इस खतरे के नियंत्रण 1 के लिए प्रभावी रणनीति विकसीत करनी होगी।
सूर्या फाउंडेशन लखनऊ के तत्वावधान में मिडलैंड हेल्थकेयर एंड रिसर्च सेंटर महानगर लखनऊ पिछले 18 वर्षे से सीएमई आयोजित करता रहा है। और अब 17 दिसंबर 2023 को होटल ताज महल, लखनऊ में 15th रेस्पिरेटरी एंड मेडिकल अपडेट संगोष्ठी क्रिटिकल केयर अपडेट 2023 के लिए एक नया मंच प्रदान करेगा।
यह 2023 अपडेट भारत के उच्च संसथानों को समायोजित करके यूपी में पहले फेफड़े के प्रत्यारोपण कार्यक्रम क्वाडिनेटर के साथ-साथ सी.आर.आर.टी. ई.सी.सी.एम.ओ. आदि जैसे आधुनिक क्रिटिकल केयर मैनेजमेंट को सफलतापूर्वक एकीकृत किया गया है।