वाचस्पति त्रिपाठी / डी डी इन्डिया न्यूज
मऊ । मुख्य विकास अधिकारी राम सिंह वर्मा द्वारा एक विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन के निर्देशों के क्रम में जनपद के ग्राम पंचायतों/गन्ना समितियों को 80 प्रतिशत अनुदान पर फसल अवशेष प्रबन्धन के यंत्र जैसे सुपर सीडर, पैडी स्ट्रा चापर, रिवर्सिबल एम0बी0प्लाऊ, सुपर स्ट्रा मैनेजमेन्ट, आदि कृषि विभाग से उपलब्ध कराये गये हैं। फसल अवशेष जलाने से वातावरण प्रदूषित होने के साथ-साथ मिट्टी के पोषक तत्वों की अत्याधिक क्षति होती है तथा स्वास्थ्य पर प्रितिकूल प्रभाव पड़ता है। इससे सामान्य वायु की गुणवत्ता में कमी आती है, जिससे होने वाले विभिन्न रोग व बीमारी मानव स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं। धान की कटाई एवं गेहूॅ की बुआई के मध्य 20 से 30 दिन का समय ही उपलब्ध होता है। किसानों को गेहूॅ की बुआई की जल्दी होती है तथा खेत की तैयारी में कम समय लगे एवं शीघ्र ही गेहूॅ की बुआई हो जाए, इस कारण से किसान फसल अवशेष को जला देते हैं, इसकी रोक-थाम करने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा कृषक समूह/ग्राम पंचायत समिति/गन्ना समिति को 80 प्रतिशत अनुदान पर फसल अवशेष प्रबन्धन के यंत्र उपलब्ध कराये गये हैं, ताकि फसल जलाने की घटना शून्य किया जा सके।