दैनिक इंडिया न्यूज लखनऊ
बीते महीने अपर मुख्य सचिव मुख्यामंत्री कार्यालय की अध्यक्षता में हुई थी बैठक
लखनऊ। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) की तर्ज पर अब उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ का दायर व्यापक बनाते हुए राज्य राजधानी क्षेत्र (एससीआर) विकसित किया जाएगा। एससीआर में लखनऊ के साथ पड़ोसी जिलों बाराबंकी, उन्नाव और कानपुर के कई हिस्सों को जोड़ते हुए नियोजित तरीके से विकसित किया जाएगा। इस कड़ी में एक पहल के तौर पर लखनऊ विकास प्राधिकरण के विस्तार का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इस प्रस्ताव के बाद लखनऊ विकास प्राधिकरण का क्षेत्रफल तीन गुना तक बढ़ जाएगा। प्रस्ताव के मुताबिक प्राधिकरण में बाराबंकी के चार क्षेत्रों जिसमें एक नगर पालिका परिषद भी है, को लखनऊ में शामिल किया जाएगा।
वर्तमान में लखनऊ विकास प्राधिकरण के तहत आने वाला क्षेत्र 1051 वर्ग किलोमीटर जो बाराबंकी के कई हिस्सों को शामिल करने के बाद बढ़कर 3091 वर्ग किलोमीटर हो जाएगा। आवास विभाग को भेजे गए प्रस्ताव के मुताबिक बाराबंकी जिले के निंदूरा, देवां और बंकी विकास खंड का पूरा क्षेत्र जबकि नगर
गौरतलब है कि बीते महीने अपर मुख्य सचिव मुख्यामंत्री कार्यालय की अध्यक्षता में हुई बैठक में लखनऊ में हो रहे अनियोजति विकास पर नाराजगी जताते हुए विकास प्राधिकरण के सीमा विस्तार पर काम करने को कहा गया था। बैठक में लखनऊ- अयोध्या रोड पर बाराबंकी तक हो रहे अनियोजित विकास को रोकने के लिए प्रस्ताव बनाने को कहा गया था जिसके बाद प्राधिकरण ने सीमा विस्तार की योजना बनाकर इसे बीते सप्ताह आवास विभाग को भेज दिया है। प्राधिकरण अधिकारियों का कहना है कि 1974 में महज 8 वर्ग किलोमीटर को लखनऊ विकास क्षेत्र के तहत लाया गया था जिसमें समय समय पर विस्तार किया गया है। काकोरी क्षेत्र के 14 गांवों में प्राधिकरण की सीमा में 2014 में शामिल किया गया तो 2009 में 197 गांवों को इसके दायरे में लाया गया। आवास विभाग के अधिकारियों का कहना है कि लखनऊ विकास प्राधिकरण की सीमा विस्तार के साथ ही एससीआर का काम भी पूरा किया जाएगा। इस संदर्भ में प्रस्तुतिकरण किया जा चुका है औ? उसी के मुताबिक कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। एससीआर में विकास के काम करने के लिए एक प्लेटफारम बनाया गया है जिसके तहत लखनऊ से कानपुर तक योजना बनेगी। नोयडा, ग्रेटर नोयडा, गाजियाबद और गुड़गांव की तरह ही एससीआर का भी सुनियोजित विकास किया जाएगा। एससीआर के तहत आने वाले जिलों के अधिकारियों से लैंड बैंक भी विकसित करने को कहा गया है जिससे देश-विदेश के उद्यमियों को निवेश करने में दिक्कत न हो।