मेरठ में इंसानियत शर्मसार, पिता ने ढाई साल की बेटी को गंगनहर में फेंका

दैनिक इंडिया न्यूज़ नई दिल्ली :मेरठ के सरधना थाना इलाके के मढ़ियाई गांव में एक हृदयविदारक घटना सामने आई है, जिसमें एक पिता ने अपनी ढाई साल की मासूम बेटी को गंगनहर में फेंक दिया। इस घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है और इंसानियत को शर्मसार कर दिया है।

घटना के अनुसार, मढ़ियाई गांव का रहने वाला सल्लू मियां मजदूरी करता है। वह अपनी ढाई साल की बेटी इकरा को यह कहकर अपने साथ ले गया कि उसे घुमाने ले जा रहा है। बच्ची अपने पिता के पीछे-पीछे चल दी। जब वे गांव से करीब डेढ़ किलोमीटर दूर गंगनहर पर पहुंचे, तो सल्लू ने इकरा को गोदी में उठा लिया। जैसे ही वह पानी की ओर बढ़ा, इकरा घबरा गई और अपने पिता के सीने से लिपटकर “पापा-पापा” चिल्लाने लगी। इसके बावजूद, सल्लू ने निर्दयता से अपनी बेटी को अपने सीने से छुड़ाया और गंगनहर में फेंक दिया।

इकरा को गंगनहर में फेंकते समय सल्लू को जरा भी रहम नहीं आया। बच्ची जब पानी में फेंकी गई, तो वह एक बार भी ऊपर नहीं आई। सल्लू वहीं खड़ा रहा और देखता रहा कि इकरा मर गई या जिंदा है। जब उसे यकीन हो गया कि इकरा डूब चुकी है और वह जिंदा नहीं बची होगी, तब वह वहां से वापस घर लौट आया।

सल्लू के चार बच्चे थे, जिनमें तीन बेटियां और एक बेटा था। पहले ही उसकी दो बेटियों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो चुकी है। अब उसने अपनी ढाई साल की बेटी इकरा को गंगनहर में धक्का देकर मार दिया। अब केवल उसका एक बेटा ही बचा है। पुलिस को शक है कि जिन दो बेटियों की संदिग्ध मौत हुई है, कहीं उन्हें भी सल्लू ने किसी साजिश के तहत तो नहीं मार डाला। फिलहाल सरधना पुलिस इस मामले की गहनता से जांच कर रही है और सल्लू से पूछताछ कर रही है।

इस घटना ने पूरे मेरठ को झकझोर कर रख दिया है और लोग इस निर्दयी पिता के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। मेरठ की जनता का कहना है कि ऐसे जल्लादों को 1000 बार भी फांसी दी जाए तो कम है,लोगों ने मुख्यमंत्री से अपील किया है ऐसी सजा मिले जिससे एक नजीर बन जाए कि भविष्य में इस तरह की गलती करने के लिए कोई सोच ना सके। पुलिस की जांच के बाद ही इस हृदयविदारक घटना के सभी पहलू स्पष्ट हो पाएंगे।

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