यू.पी. ATS को मिली बड़ी कामयाबी : पाकिस्तानी एजेंट मो. रईस गिरफ्तार

गुप्तचरी करने के मिलते थे 15 हज़ार

दैनिक इंडिया न्यूज लखनऊ। यूपी एटीएस ने रविवार को बड़ी सफलता के साथ गोंडा जिले में निवास करने वाले मोहम्मद रईस (आईएसआई एजेंट) को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। रईस पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का एजेंट है और उसे लालच देकर आईएसआई का एजेंट बनाया गया था। कई दिनों से गोंडा निवासी रईस पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के लिए जासूसी कर रहा था। जिसके बाद एटीएस मुख्यालय में पूछताछ की गई और उसकी गिरफ्तारी हुई। सूत्रों के अनुसार, मुंबई के अरमान नामक युवक ने पाकिस्तानी एजेंट के साथ रईस की बातचीत भी कराई थी। तरबगंज थाना क्षेत्र निवासी मोहम्मद रईस दो महीने पहले मुंबई से अपने घर लौटने का निर्णय लिया था।

मोबाइल डेटा रिकवर करने में जुटी ए.टी.एस.

रईस को सऊदी अरब में नौकरी का भ्रम देकर जासूसी करवाई जा रही थी। उसने कई सैन्य प्रतिष्ठानों की तस्वीरें भेजने का वादा किया था और इसके लिए उसे पंद्रह हजार रुपये दिए गए थे। रईस ने अपने दोस्त सलमान और अन्य लोगों को भी जासूसी कार्य में शामिल किया था। उन्होंने भारत में मुस्लिमों पर अत्याचार और बाबरी मस्जिद की शहादत की चर्चा करके युवाओं को पाकिस्तानी जासूस बनाने का प्रयास किया। रईस गोंडा में निवास करता था और उसका संपर्क आईएसआई हैंडलर्स के साथ था। अब एटीएस टीम रईस के मोबाइल के डेटा को रिकवर करने में जुटी हुई है। इसके साथ ही, अरमान और सलमान की गिरफ्तारी के लिए भी एटीएस टीम मुंबई की ओर रवाना हुई है।

इस मामले में एटीएस ने बताया है कि विभिन्न गोपनीय स्रोतों से सूचना प्राप्त हो रही थी कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के एजेंट द्वारा भारतीय नागरिकों को देश के खिलाफ जासूसी करके और अपने प्रलोभन में फंसाकर भारतीय सैन्य और सामरिक महत्व के स्थानों की गोपनीय और प्रतिषेधित सूचनाएं प्राप्त की जा रही हैं। इस सूचना की जांच एटीएस टीमों द्वारा लगातार की जा रही है। जांच के दौरान पता चला है कि एक व्यक्ति मोहम्मद रईस के पुत्र मोहम्मद हुसैन, जो गोंडा जिले के दीनपुरवा ग्राम में निवास करता है, ISI का एजेंट बन चुका है और महत्वपूर्ण गोपनीय सूचनाओं को ISI के हैंडलर्स को प्रदान कर रहा है। उसे इसके बदले में धन भी प्राप्त हुआ है।

स्वीकार किया अपने अपराध

मोहम्मद रईस को एटीएस मुख्यालय पर बुलाकर नियमानुसार पूछताछ की गई और उससे भेजी गई सूचनाओं के संबंध में जानकारी मांगी गई, लेकिन रईस ने संतोषजनक उत्तर नहीं दिया। वहीं, गहनता से की गई पूछताछ के दौरान रईस ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया। इसका नाम सद्दाम शेख के मददगार के रूप में भी उभरा था।

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