हरिंद्र सिंह/डीडी इंडिया
मुख्यमंत्री ने पुलिस मुख्यालय पर आयोजित पुलिस अलंकरण समारोह
के दौरान 75 पुलिसकर्मियों को अलंकृत किया
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज यहां पुलिस मुख्यालय पर आयोजित पुलिस अलंकरण समारोह के दौरान 75 पुलिसकर्मियों को अलंकृत किया। इनमें से 15 पुलिसकर्मियों को मुख्यमंत्री उत्कृष्ट सेवा पुलिस पदक, 35 कर्मियों को वीरता के लिए पुलिस पदक तथा 25 पुलिसकर्मियों को विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय लाल बहादुर शास्त्री जी की जयन्ती है। उन्होंने दोनों महान विभूतियों के प्रति भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि इस पावन दिवस पर पुलिस पदक अलंकरण समारोह का आयोजन किया जाना अत्यन्त सराहनीय है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि महात्मा गांधी ने हमेशा निर्धन और कमजोर वर्ग के उत्थान पर विशेष ध्यान दिया। समाज के वंचित, उपेक्षित और गरीब लोगों की रक्षा करना, उन्हें न्याय दिलाना हमारा कर्तव्य है। आम जनता पुलिस से अपेक्षा करती है कि वह अपने अच्छे आचरण एवं व्यवहार से जनता की सेवा करे तथा सही दिशा देकर जनमानस का विश्वास अर्जित करे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सभी पुलिसकर्मी गरीब, असहाय, बच्चों, महिलाओं एवं वृद्धजनों की समस्याओं के निराकरण के प्रति जागरूक रहें। उन्होंने पुलिसकर्मियों से अपेक्षा की कि वे अपने कर्तव्य निर्वहन में गरीब जनता की बात को पूरी संवेदनशीलता से सुनकर उनकी समस्याओं का तत्काल निराकरण करेंगे और जनता की सेवा के लिए हमेशा समर्पित रहेंगे। अच्छा कार्य करने वाले पुलिसकर्मियों का जनता सम्मान करती है। पुलिसकर्मी जनता से अच्छा व्यवहार करके सटीक जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं। वर्तमान सरकार के प्रयासों से विगत कई वर्षाें में पुलिस की छवि बेहतर हुई है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश का पुलिस बल देश ही नहीं वरन दुनिया का सबसे बड़ा पुलिस बल है। इतने बड़े संगठन से जुड़कर प्रत्येक पुलिसकर्मी को गौरवान्वित होना चाहिए। इस विशाल पुलिस बल से जुड़े पुलिसकर्मियों को अपने संगठन की उन्नति और उसकी विश्वसनीयता को बनाये रखने में अपना सक्रिय और सकारात्मक योगदान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था बनाये रखने में पुलिस की महत्वपूर्ण भूमिका है। अच्छी कानून-व्यवस्था का सकारात्मक प्रभाव प्रदेश के चतुर्दिक विकास पर पड़ता है। प्रदेश में बड़े पैमाने पर निवेश आता है, जिससे रोजगार का सृजन होता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि किसी भी मामले को सुलझाने में पुलिस की निष्पक्ष विवेचना अत्यन्त आवश्यक है। पुलिस की कार्यवाही यदि निष्पक्ष है, तो उस पर सवालिया निशान नहीं लगेगा, अन्यथा मीडिया ट्रायल शुरू हो जाएगा, जिससे जनता के मन में पुलिस की छवि धूमिल होगी। उन्होंने कहा कि हर हाल में इस बात का प्रयास होना चाहिए कि किसी भी मामले में मीडिया ट्रायल की स्थिति न बने। इसे रोकने के लिए यह आवश्यक है कि पुलिस मीडिया के सामने सही तथ्यों को संक्षेप में समयबद्धता के साथ रखे। उन्होंने सोशल मीडिया की निगरानी पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि जनता की सुरक्षा राज्य सरकार का दायित्व है। इसमें पुलिस की महत्वपूर्ण भूमिका है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2017 में सत्ता में आने के तुरन्त बाद ही राज्य सरकार ने बालिकाओं की सुरक्षा व सम्मान के लिए सभी थानों में एण्टी रोमियो स्क्वॉड का गठन किया। ‘विमेन पावर लाइन-1090’ बालिकाओं एवं महिलाओं की सुरक्षा के लिए निरन्तर कार्यरत है। प्रदेश सरकार द्वारा महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा, सम्मान तथा स्वावलम्बन के लिए ‘मिशन शक्ति’ का संचालन किया गया। इस अभियान के उत्साहजनक परिणामों को देखते हुए वर्तमान में ‘मिशन शक्ति’ का तृतीय चरण गतिमान है। महिलाओं की समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए ‘मिशन शक्ति’ के अन्तर्गत थाना स्तर पर विशेष व्यवस्था की गई है। मिशन शक्ति के तहत महिलाओं को अनेक कार्यक्रमों से जोड़ा जा रहा है।
प्रत्येक थाने पर ‘महिला हेल्प डेस्क‘ की स्थापना की गयी है। विभिन्न स्थानों पर महिलाओं की सुविधा के लिए ‘पिंक बूथ’ बनाये गये हैं तथा ‘पिंक वाहनों’ को क्रियाशील किया गया है। आज जगह-जगह पर पिंक बूथ दिख रहे हैं। प्रदेश की 350 तहसीलों में महिला हेल्पडेस्क स्थापित की गयी है। महिला सुरक्षा की स्थिति पहले से बेहतर हुई है। प्रदेश के समस्त थानों पर महिला आरक्षी को महिला बीट अधिकारी के रूप में तैनात कर महिला/बालिकाओं को त्वरित पुलिस सहायता पहुंचाने की व्यवस्था की गई है। आज प्रदेश की महिलाएं अपनी समस्याएं महिला पुलिस अधिकारियों को आसानी से बेझिझक बता सकती हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अपराध अनुसंधान को गति देने के उद्देश्य से विगत दिनांे राजधानी लखनऊ में यू0पी0 स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंसेज का शिलान्यास किया गया। इस संस्थान का मुख्य उद्देश्य फॉरेंसिक साइंसेज के क्षेत्र में नवीन क्षमताओं का निर्माण करना तथा वैज्ञानिक दृष्टिकोण के माध्यम से नवीन प्रवृत्ति के अपराधों को नियंत्रित कर, प्रदेश में पुलिसिंग को और बेहतर बनाना है। वर्तमान समय में तकनीक को बढ़ावा देकर ही अपराधों को रोका जा सकता है। इस दिशा में यह संस्थान महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पुलिस कर्मियों के हितों को ध्यान में रखते हुए उ0प्र0 पुलिस तकनीकी सेवायें मुख्यालय द्वारा ‘उ0प्र0 पुलिस मानव सम्पदा पोर्टल’ विकसित किया गया है। इस व्यवस्था के माध्यम से पुलिस कर्मियों की भर्ती से लेकर सेवा के विभिन्न स्तरों पर प्रमोशन, स्थानान्तरण व ट्रेनिंग आदि को समाहित करते हुये, उनके सेवानिवृत्त होने तक सभी प्रविष्टियों को स्वतः अपडेट होने का प्राविधान किया गया है। इस पोर्टल के माध्यम से पुलिसकर्मियों को अपना अभिलेख देखने में सुगमता होगी। उ0प्र0 पुलिस तकनीकी सेवायें द्वारा विकसित किया गया यह पोर्टल पुलिस आधुनिकीकरण की दिशा में एक उल्लेखनीय पहल है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि साइबर फ्रॉड इन्वेस्टीगेशन के संबंध में पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षित करने तथा जनता को जागरूक करने के उद्देश्य से, गत 15 सितम्बर से आज तक थाना स्तर एवं विभिन्न पुलिस लाइन्स में जूम सेशन के माध्यम से 50,000 से अधिक पुलिसकर्मियों को साइबर क्राइम का आधारभूत प्रशिक्षण दिया गया है। इन प्रशिक्षित पुलिसकर्मियों के माध्यम से प्रत्येक थाने में साइबर हेल्प डेस्क का गठन कर साइबर क्राइम के पीड़ित व्यक्ति की पूरी मदद की जायेगी। वर्तमान में बढ़ते साइबर अपराधों के दृष्टिगत इस व्यवस्था को और प्रभावी बनाने की जरूरत है।
इससे पूर्व, मुख्यमंत्री जी के समक्ष साइबर क्राइम पर केन्द्रित एक फिल्म का भी प्रदर्शन किया गया। उन्होंने ‘उत्तर प्रदेश पुलिस मानव सम्पदा पोर्टल’ का शुभारम्भ भी किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी को एक प्रतीक चिन्ह भी भेंट किया गया।
अतिथियों का स्वागत पुलिस महानिदेशक श्री मुकुल गोयल ने किया। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) श्री प्रशान्त कुमार ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम के अवसर पर अपर मुख्य सचिव गृह श्री अवनीश कुमार अवस्थी सहित पुलिस प्रशासन के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।