अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे 104 भारतीय नागरिकों को हथकड़ी लगाकर वापस भेजने पर भारत ने जताई आपत्ति

विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी प्रशासन के समक्ष उठाया मुद्दा, पीएम मोदी की यात्रा के दौरान भी चर्चा संभव

विपक्ष ने सरकार पर साधा निशाना, सम्मानजनक वापसी सुनिश्चित करने की मांग

दैनिक इंडिया न्यूज,नई दिल्ली। भारत ने अमेरिका से 104 भारतीय नागरिकों को हथकड़ी और बेड़ियों में जकड़कर मिलिट्री एयरक्राफ्ट के ज़रिए वापस भेजे जाने पर कड़ी आपत्ति जताई है। विदेश मंत्रालय ने इस मामले को अमेरिकी प्रशासन के समक्ष गंभीरता से उठाया है और भारतीय नागरिकों के साथ इस तरह के व्यवहार को अस्वीकार्य बताया है।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संसद में इस विषय पर विस्तार से जानकारी दी थी, जिसके बाद विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने इस मुद्दे पर भारत की स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि सरकार अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे भारतीयों की वापसी को लेकर संवेदनशील है, लेकिन किसी भी परिस्थिति में उनके साथ अमानवीय व्यवहार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

बुधवार को अमेरिकी सेना का एक विमान अमृतसर हवाई अड्डे पर उतरा, जिसमें 104 भारतीय नागरिकों को हथकड़ियों और बेड़ियों में जकड़कर भेजा गया था। ये सभी अमेरिका में बिना वैध दस्तावेजों के रह रहे थे। इस घटना को लेकर देशभर में आक्रोश व्याप्त है और सरकार पर कूटनीतिक स्तर पर ठोस कार्रवाई करने का दबाव बढ़ रहा है।

पीएम मोदी उठा सकते हैं मुद्दा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12-13 फरवरी को अमेरिका की यात्रा पर जाने वाले हैं, जहां उनकी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ द्विपक्षीय वार्ता प्रस्तावित है। विदेश मंत्रालय ने संकेत दिया है कि इस बैठक में भारतीय नागरिकों के साथ किए गए अपमानजनक व्यवहार का मुद्दा उठाया जा सकता है।

विपक्ष का सरकार पर हमला

इस घटना को लेकर विपक्षी दलों ने भी सरकार पर निशाना साधा है। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने इस विषय पर उपराष्ट्रपति के समक्ष चिंता व्यक्त करते हुए कहा, “भारतीय नागरिकों को हथकड़ियां पहनाकर और बेड़ियों में बांधकर भेजा जाना बेहद निंदनीय है। छोटे-छोटे देश अपने नागरिकों को सम्मानजनक तरीके से वापस लाते हैं, लेकिन भारत सरकार अमेरिकी प्रशासन के समक्ष प्रभावी कदम उठाने में विफल रही है।”

कांग्रेस ने भी भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए इसे भारतीय नागरिकों के अधिकारों की अनदेखी बताया और कहा कि सरकार को इस विषय पर कड़े कूटनीतिक कदम उठाने चाहिए।

भारत की सख्त प्रतिक्रिया आवश्यक

विशेषज्ञों का मानना है कि इस घटना पर भारत को अमेरिका के सामने कड़े शब्दों में विरोध दर्ज कराना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भविष्य में भारतीय नागरिकों के साथ ऐसा व्यवहार न हो। अंतरराष्ट्रीय संबंधों के जानकारों का कहना है कि अमेरिका में अवैध प्रवासियों को वापस भेजने की प्रक्रिया में अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकारों का सम्मान किया जाना चाहिए।

सरकार ने आश्वासन दिया है कि वह इस मामले में उचित कूटनीतिक कदम उठाएगी और भारतीय नागरिकों के सम्मान की रक्षा के लिए हरसंभव प्रयास करेगी। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि प्रधानमंत्री मोदी की आगामी अमेरिका यात्रा के दौरान इस मुद्दे को कितनी गंभीरता से उठाया जाता है और क्या इसका कोई ठोस समाधान निकलता है।

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