

संविधान में है एक साथ चुनाव की व्यवस्था- जस्टिस रंगनाथ पांडेय

अनुच्छेद 324, 327, 328 का किया उल्लेख,


‘उत्तर प्रदेश नागरिक परिषद’ द्वारा आयोजित संगोष्ठी में प्रमुख नेताओं ने दिया ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ का आह्वान



दैनिक इंडिया न्यूज़ ,लखनऊ। ‘एक देश, एक चुनाव’ (One Nation One Election) को लेकर उत्तर प्रदेश नागरिक परिषद द्वारा राजधानी लखनऊ में आयोजित भव्य संगोष्ठी में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि बार-बार चुनाव होने से न केवल देश की आर्थिक क्षति होती है, बल्कि सरकारों के निर्णय लेने की प्रक्रिया भी बाधित होती है। उन्होंने कहा कि “हर बार किसी न किसी राज्य में चुनाव की वजह से प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री तक व्यस्त हो जाते हैं। इससे कई बड़े नीतिगत फैसले टल जाते हैं। केवल चुनाव जीतने की प्राथमिकता रह जाती है और जनता की जरूरतें पीछे छूट जाती हैं।”
चौहान ने कहा कि “आचार संहिता लागू होते ही सरकारें ठहर जाती हैं, प्रशासन रुक जाता है, विकास की रफ्तार थम जाती है और देश की जनता को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है। इस समस्या का एक ही हल है — पूरे देश में एक साथ चुनाव।”
संविधान में मौजूद है व्यवस्था
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति रंगनाथ पांडे ने स्पष्ट किया कि भारत के संविधान में अनुच्छेद 324, 327 और 328 पहले से ही चुनाव प्रणाली को संगठित करने और आवश्यकता अनुसार उसमें सुधार करने की अनुमति प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि “संसद और राज्य विधानसभाएं, अपने-अपने क्षेत्र में कानून बना सकती हैं और भारत निर्वाचन आयोग को संविधान प्रदत्त शक्तियों के माध्यम से यह प्रक्रिया एकीकृत रूप से संचालित करने का अधिकार है। इसीलिए एक साथ चुनाव पूरी तरह से संविधान सम्मत और संभव है।”
जनता से सीधा संवाद, मिला जोरदार समर्थन
शिवराज सिंह चौहान ने जनता से सीधे संवाद करते हुए पूछा, “क्या पूरे देश में एक साथ चुनाव होना चाहिए?” सभागार से एक स्वर में उत्तर आया – “हां!” इस पर चौहान ने कहा, “यही है भारत का जनमत – एक राष्ट्र, एक चुनाव।” उन्होंने मंच से यह भी कहा कि यह कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं, बल्कि राष्ट्रहित का मुद्दा है।
अटल बिहारी वाजपेयी के वीडियो प्रस्तुति पर जताई नाराजगी
कार्यक्रम में एक टेक्नोलॉजी आधारित प्रस्तुति के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की आवाज की मिमिक्री कर तैयार एक वीडियो दिखाया गया, जिस पर शिवराज सिंह चौहान ने नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा, “अटल जी जैसे तपस्वी नेता की मिमिक्री करना हमें उचित नहीं लगा। वे हमारे मार्गदर्शक थे। उनके चरणों की धूल के बराबर भी हम नहीं हैं। मैं मंचासीन अतिथियों और जनता से क्षमा मांगता हूं।”
विशिष्ट अतिथि रहे ये नेता
संगोष्ठी में उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, सांसद बृजलाल, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी, भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष त्र्यंबक त्रिपाठी, वरिष्ठ भाजपा नेता नीरज सिंह, महानगर अध्यक्ष आनंद द्विवेदी, एमएलसी मुकेश शर्मा सहित अनेक गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे। सभी वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि “एक देश, एक चुनाव” भारतीय लोकतंत्र को मजबूती देगा और आमजन के हित में होगा।
देशहित में हो विचार, सभी दल आएं एक मंच पर
समारोह में यह भी संदेश दिया गया कि अब समय आ गया है जब सभी राजनीतिक दल अपने-अपने मतभेदों से ऊपर उठकर राष्ट्रहित में एक मंच पर आएं और इस ऐतिहासिक सुधार को साकार करें।