
दैनिक इंडिया न्यूज़, नई दिल्ली।”जिस दिन भारत चुप रहता है, समझ लो वो दिन पाकिस्तान के लिए आख़िरी चैन की नींद होती है!”
7 मई की रात, जब पूरी दुनिया सो रही थी, भारत के जांबाज़ जगा रहे थे पाकिस्तान की नींद। ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के ज़रिए पीओके और पाकिस्तान की धरती पर पल रहे 70 से ज़्यादा आतंकियों को मौत की नींद सुलाकर भारत ने फिर बता दिया—हम युद्ध नहीं चाहते, लेकिन जवाब देना भी जानते हैं।
और अब, उसी ज़वाब के अगले दिन लाहौर की रात कांपी, कराची की सांसें थमीं। ताबड़तोड़ तीन धमाकों ने लाहौर को दहला दिया। ड्रोन अटैक की आशंका जताई जा रही है, जिससे पाकिस्तान के हुक्मरानों के होश उड़ गए। सायरनों की आवाजें, आसमान में धुएं के गुबार और सड़क पर भागते लोग—ये सब कुछ उस मुल्क में हो रहा है जो कल तक भारत को आंखें दिखा रहा था।
धमाके कहां हुए?
पाकिस्तानी मीडिया की मानें तो लाहौर के गोपाल नगर, नसीराबाद और वाल्टन एयरपोर्ट क्षेत्र में ये धमाके हुए। कुछ ही सेकंड में एयरपोर्ट को बंद कर दिया गया, और कराची एयरपोर्ट पर भी फ्लाइट ऑपरेशंस रोक दिए गए। डर इतना फैल चुका है कि पाकिस्तानी फौज अब अपने ही बंकरों में सहमी बैठी है।
पाकिस्तानी सेना का ठिकाना बना निशाना!
सूत्रों के मुताबिक ये धमाके उस क्षेत्र में हुए हैं जहां पाकिस्तानी आर्मी की यूनिट मौजूद थी। क्या यह महज़ संयोग है या एक सटीक संदेश? यह सवाल अब पाकिस्तान के जनरलों के लिए नींद हराम कर रहा है।
पाकिस्तान में रेड अलर्ट – डर की हकीकत
पाकिस्तान ने रेड अलर्ट जारी कर दिया है। देश की हवाई सीमाएं 36 घंटे के लिए बंद, सभी स्कूल-कॉलेज बंद, सरकारी अस्पतालों को अलर्ट पर रखा गया है। इस्लामाबाद से लाहौर तक और पंजाब से कराची तक दहशत का माहौल है। यह वह पाकिस्तान है, जो कुछ दिन पहले भारत को चेतावनी दे रहा था।
भारत नहीं करता वार, लेकिन वार झेल भी नहीं सकता कोई!
ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ़ एक कार्रवाई नहीं, बल्कि भारत की उस नई सैन्य नीति का संकेत है जिसमें अब आतंक को पालने वालों को घर में घुसकर सबक सिखाया जाएगा। ये वही भारत है जो अब ‘कूटनीति के साथ युद्धनीति’ में भी माहिर हो चुका है।
राष्ट्र का एक ही मंत्र – “ना भूलेंगे, ना छोड़ेंगे!”