

मुख्य बिंदु:
पीओके और पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर भारत का निर्णायक प्रहार
प्रेसिजन स्ट्राइक वेपन सिस्टम (PSWS) से हुए हमले ने किया आतंक का सफाया
आम नागरिकों को बिना नुकसान पहुँचाए सीमित और सफल सैन्य कार्रवाई
दैनिक इंडिया न्यूज़ नई दिल्ली।कश्मीर के पहलगाम में निर्दोष भारतीय पर्यटकों पर हुए कायरतापूर्ण आतंकी हमले का करारा जवाब देते हुए भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और कब्ज़े वाले कश्मीर (PoK) में स्थित कुल 9 आतंकी ठिकानों पर बीती रात सटीक मिसाइल हमले किए। इनमें से 5 ठिकाने पीओके में और 4 पंजाब प्रांत में स्थित थे। बहावलपुर स्थित जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय पूरी तरह नेस्तनाबूद कर दिया गया। साथ ही मसूद अजहर और हाफिज सईद से जुड़े ट्रेनिंग कैंप भी मलबे में तब्दील हो गए।
यह रणनीतिक कार्रवाई भारतीय वायुसेना द्वारा प्रेसिजन स्ट्राइक वेपन सिस्टम (PSWS) के इस्तेमाल से की गई, जिसने सैन्य तकनीक के उच्चतम मानकों पर खरा उतरते हुए दुश्मन को करारा संदेश दिया। इस अत्याधुनिक प्रणाली की सबसे बड़ी विशेषता है—सटीकता, कम से कम कोलैटरल डैमेज और ऑपरेटर की सुरक्षा।
तकनीकी ताकत से आतंक का अंत
PSWS एक मल्टी-गाइडेंस सिस्टम है जिसमें GPS, लेजर, रडार और इन्फ्रारेड तकनीकों का समन्वय होता है। इससे मिसाइल सीधे टारगेट की सबसे संवेदनशील जगह को भेदती है। भारतीय वायुसेना के सुखोई और मिग जैसे लड़ाकू विमानों से लॉन्च की गई मिसाइलें बहावलपुर, कोटली, मुरीदके, बाघ और मुजफ्फराबाद स्थित आतंकी ठिकानों पर कहर बनकर टूट पड़ीं। खास बात यह रही कि हमले इतने सटीक थे कि आसपास के नागरिक क्षेत्रों को कोई नुकसान नहीं हुआ।
इंटेलिजेंस और स्ट्राइक का बेजोड़ तालमेल
इस कार्रवाई में ड्रोन, सैटेलाइट, ग्राउंड रडार और ISR सिस्टम की मदद से रीयल टाइम टारगेटिंग की गई। हमले का समय, कोण और ऊंचाई हर पल डेटा के ज़रिये अपडेट होती रही, जिससे हर मिसाइल ने अधिकतम प्रभाव डाला। कम मिसाइलों से ज़्यादा विनाश—यह भारत की सैन्य योजना की परिपक्वता और तकनीकी श्रेष्ठता का परिचायक है।
भारत का स्पष्ट संदेश: आतंक का अंत तय है
ऑपरेशन सिंदूर न केवल सैन्य सफलता है, बल्कि यह एक स्पष्ट राजनैतिक और नैतिक संदेश भी है—भारत न तो आतंक को सहन करेगा और न ही अपने नागरिकों की सुरक्षा से कोई समझौता करेगा। यह कार्रवाई न केवल आतंकी तंत्र को तोड़ने के लिए थी, बल्कि यह भी बताती है कि भारत सीमित और सटीक वार से दुश्मन की कमर तोड़ सकता है।
भारतीय वायुसेना और सुरक्षा एजेंसियों की इस कार्यवाही ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि जब बात राष्ट्रीय सुरक्षा की हो, तो भारत अपने शत्रुओं को जवाब देने में न तो पीछे रहता है और न ही समय गंवाता है। ऑपरेशन सिंदूर, भारतीय सैन्य इतिहास में तकनीकी पराक्रम और रणनीतिक सफलता का एक नया अध्याय है।