
शस्त्र और शास्त्र दोनों के समन्वय से भारत बनेगा विश्वगुरु : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

राष्ट्र की रक्षा के लिए वीरता ही सर्वोच्च साधन

दैनिक इंडिया न्यूज़,लखनऊ, 30 अगस्त 2025
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारतीय परंपरा सदैव इस बात पर बल देती है कि शस्त्र और शास्त्र का समन्वय ही राष्ट्र को शक्तिशाली बनाता है। उन्होंने स्मरण कराया— “शस्त्रेण रक्षिते राष्ट्रे शास्त्रचिंता प्रवर्तते” अर्थात जब राष्ट्र शस्त्रबल से सुरक्षित होता है तभी ज्ञान और विज्ञान की प्रगति संभव है। मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि “वीर भोग्या वसुंधरा”— धरती उसी की है, जिसके पास पराक्रम है।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत वर्ष 1947 से अब तक अनेक चुनौतियों का सामना करता आया है और हर युद्ध ने अपनी नई परिभाषा गढ़ी है। ऑपरेशन ‘सिन्दूर’ ने भारत की सैन्य क्षमता का लोहा पूरी दुनिया से मनवाया है। यह ऑपरेशन केवल हमारी रणनीतिक श्रेष्ठता का प्रमाण ही नहीं, बल्कि भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए एक नई प्रेरणा भी है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि भारत अब केवल युद्ध झेलने वाला राष्ट्र नहीं, बल्कि चुनौतियों को अवसर में बदलने वाला राष्ट्र है।
इस अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी भारतीय सेना की वीरता, साहस और संकल्प का गुणगान किया। उन्होंने कहा कि भारत की सीमाएं अब सुरक्षित हाथों में हैं और दुश्मन राष्ट्र केवल दूर से देखने को मजबूर हैं। राजनाथ सिंह ने दो टूक कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत आज आत्मनिर्भर रक्षा उत्पादन की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है और आने वाले समय में भारत हथियारों का आयातक नहीं, बल्कि दुनिया को हथियार उपलब्ध कराने वाला राष्ट्र बनेगा।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज भारत के पास न केवल रणनीतिक शक्ति है बल्कि आत्मबल भी है, और यही संयोजन हमें विश्वगुरु बनाएगा। उन्होंने आह्वान किया कि राष्ट्र की शक्ति का मूलमंत्र यही है कि हम सभी अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखें।
इससे पूर्व, रक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री ने ड्रोन प्रदर्शनी का अवलोकन किया और कहा कि आधुनिक तकनीक और स्वदेशी उत्पादन ही भविष्य का वास्तविक हथियार है। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि, सैन्य क्षेत्र के अधिकारी, शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी तथा रेफी एम फाइबर प्रा.लि. कंपनी के पदाधिकारी उपस्थित रहे।