कुलाधिपति की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ अटल बिहारी वाजपेई चिकित्सा विश्वविद्यालय का प्रथम दीक्षांत समारोह

महिला विद्यार्थियों ने रचा नया कीर्तिमान

शिक्षा, स्वास्थ्य और समाज सेवा के संकल्पों से गूँजा समारोह

दैनिक इंडिया न्यूज़,लखनऊ। प्रदेश की राज्यपाल एवं राज्य विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में अटल बिहारी वाजपेई चिकित्सा विश्वविद्यालय, लखनऊ का प्रथम दीक्षांत समारोह भव्यता और गरिमा के साथ सम्पन्न हुआ। इस ऐतिहासिक अवसर पर कुल 8507 उपाधियाँ प्रदान की गईं, जिनमें से 6150 उपाधियाँ छात्राओं को प्राप्त हुईं। यह कुल संख्या का लगभग 72 प्रतिशत है। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 73 विद्यार्थियों को स्वर्ण एवं रजत पदक प्रदान किए गए, जिनमें से 82 प्रतिशत बेटियाँ रहीं।

राज्यपाल ने छात्राओं की उपलब्धियों पर गहरा संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि “यह सिद्ध करता है कि अब कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं है, जहाँ महिलाएँ पीछे हों। आने वाले समय में वे प्रत्येक क्षेत्र में नेतृत्व की भूमिका निभाएँगी।” उन्होंने कहा कि बेटियों का यह आत्मविश्वास और परिश्रम ही विकसित भारत का मजबूत आधार बनेगा।

समाज सेवा और स्वास्थ्य संरक्षण का संकल्प

समारोह में राज्यपाल ने 300 आंगनबाड़ी केंद्रों को किट प्रदान की और निर्देश दिए कि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को विश्वविद्यालय स्तर पर प्रशिक्षण दिया जाए। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षित कार्यकत्रियाँ गर्भवती महिलाओं को वैज्ञानिक और व्यवहारिक जानकारी देकर स्वस्थ शिशु जन्म एवं पोषण संबंधी मार्गदर्शन प्रदान करेंगी। राज्यपाल ने जिलाधिकारियों को भी निर्देशित किया कि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को नियमित प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाए और केंद्रों पर समग्र दवा-किट मुहैया कराई जाए।

सामाजिक चेतना और शिक्षा का समन्वय

राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों द्वारा गोद लिए गए विद्यालयों में वार्षिक कैलेंडर तैयार कर पर्यावरण संरक्षण, जल बचत, स्वच्छता, दहेज निषेध और बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीतियों पर प्रतियोगिताएँ आयोजित करने की बात कही। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की गतिविधियाँ विद्यार्थियों में ज्ञानवर्धन के साथ-साथ समाज निर्माण और राष्ट्र सेवा की भावना को भी प्रबल करेंगी।

शिक्षा में संवेदनशीलता और सुरक्षा

राज्यपाल ने यह भी कहा कि मेडिकल कॉलेजों में पढ़ने वाली बेटियों की सुरक्षा और सम्मान सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। साथ ही, उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि शैक्षणिक सत्र के बीच फीस वृद्धि न हो, ताकि गरीब परिवारों के बच्चे बिना कठिनाई के अपनी पढ़ाई पूरी कर सकें। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय परिसर में एक नए चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना का भी सुझाव दिया।

प्रदेश के लिए गौरव का क्षण

इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि “बेटियों की उपलब्धियाँ न केवल परिवार बल्कि पूरे प्रदेश का सम्मान बढ़ाती हैं। यह गौरव का क्षण है।” उन्होंने घोषणा की कि विश्वविद्यालय परिसर में नया चिकित्सा शिक्षा महाविद्यालय स्थापित किया जाएगा।

राज्य मंत्री चिकित्सा शिक्षा मयंकेश्वर शरण सिंह तथा कुलपति डॉ. संजीव मिश्रा ने भी विद्यार्थियों को बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

समारोह में विश्वविद्यालय के संकायाध्यक्ष, कार्यपरिषद एवं विद्या परिषद के सदस्य, अधिकारी, शिक्षकगण, विद्यार्थी, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियाँ एवं गणमान्यजन उपस्थित रहे।

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