कौशल महोत्सव’ – उत्तर प्रदेश के युवाओं के लिए सम्मान, अवसर और विकसित भारत की नींव​

दैनिक इंडिया न्यूज़ लखनऊ।​प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में ‘विकसित भारत 2047’ का सपना सिर्फ एक नारा नहीं, बल्कि देश के हर युवा को सशक्त करने का एक व्यापक संकल्प है। इसी संकल्प की एक महत्वपूर्ण कड़ी है कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय द्वारा आयोजित किया जा रहा “कौशल महोत्सव”। लखनऊ में 16 और 17 सितंबर को कॉल्विन तालुकदार्स कॉलेज ग्राउंड में होने वाला इस महोत्सव का तीसरा संस्करण, केवल एक रोजगार मेले से कहीं अधिक है – यह उत्तर प्रदेश के युवा कार्यबल को सम्मान, आकांक्षा और वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता से लैस करने की एक प्रेरक पहल है।


​यह आयोजन इसलिए भी खास है क्योंकि यह माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के 75वें जन्मदिवस के पावन अवसर पर ‘सेवा पखवाड़ा’ उत्सव के अंतर्गत आयोजित किया जा रहा है। 7,500 से अधिक रोजगार के अवसर प्रदान करने का लक्ष्य इस बात का प्रमाण है कि सरकार युवाओं के लिए सिर्फ वादे नहीं, बल्कि ठोस परिणाम देने के लिए प्रतिबद्ध है। यह संख्या सिर्फ आंकड़े नहीं, बल्कि हजारों परिवारों के लिए उम्मीद की नई किरण है, जो उन्हें आर्थिक स्थिरता और आत्मनिर्भरता की ओर ले जाएगी।
​इस महोत्सव में केंद्रीय मंत्री जयन्त चौधरी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति कार्यक्रम के महत्व को और बढ़ा देती है। यह केंद्र और राज्य के बीच युवाओं के भविष्य को संवारने की साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता श्री नीरज सिंह और लखनऊ महानगर अध्यक्ष आनंद द्विवेदी के बयान इस पहल के पीछे के व्यापक दृष्टिकोण को उजागर करते हैं – ‘कौशल से रोजगार तक, स्थानीय गौरव से वैश्विक अवसर तक’। यह दर्शाता है कि कौशल महोत्सव केवल नौकरियां पैदा नहीं कर रहा, बल्कि भविष्य के भारत को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।


​एक महत्वपूर्ण पहलू यह भी है कि यह महोत्सव केवल पारंपरिक नौकरियों तक सीमित नहीं है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा एनालिटिक्स, ड्रोन टेक्नोलॉजी, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और साइबर सिक्योरिटी जैसे उभरते करियर क्षेत्रों को प्रदर्शित करने के लिए ‘स्पेशल इंटरएक्टिव ज़ोन’ का समावेश यह दिखाता है कि आयोजक भविष्य की ज़रूरतों के प्रति कितने सजग हैं। यह युवाओं को उन कौशलों से लैस करेगा जिनकी मांग आने वाले समय में सबसे अधिक होगी, जिससे वे न केवल आज के बल्कि कल के कार्यबल के लिए भी तैयार हो सकें।


​इसके अतिरिक्त, कक्षा 10 उत्तीर्ण छात्रों से लेकर पोस्टग्रेजुएट तक, हर स्तर के उम्मीदवारों के लिए अवसरों का सृजन समावेशी विकास की दिशा में एक बड़ा कदम है। ₹13,000 से ₹25,000 या उससे अधिक के सैलरी पैकेज यह सुनिश्चित करेंगे कि युवाओं को उनके कौशल और मेहनत का उचित प्रतिफल मिले। विभिन्न केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (CPUs) जैसे BHEL, BEL, HAL, ONGC आदि की भागीदारी, औद्योगिक क्षेत्र के साथ मजबूत जुड़ाव और बड़े पैमाने पर गुणवत्तापूर्ण रोजगार सुनिश्चित करती है।
​उत्तर प्रदेश ने नेशनल अपरेंटिसशिप प्रमोशन स्कीम के तहत 2018-19 से अब तक 3.21 लाख से अधिक युवाओं को अपरेंटिसशिप प्रदान करके जो प्रगति की है, यह महोत्सव उसी गति को और आगे बढ़ाता है। ‘इंडिया स्किल्स 2025’ के लिए लखनऊ से पंजीकरण की शुरुआत भी युवाओं को वैश्विक स्तर पर अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर देगी।
​कौशल महोत्सव – लखनऊ 2025 एक ऐसा मंच है जो न केवल बेरोजगारी की चुनौती का सामना कर रहा है, बल्कि युवाओं को उनके सपनों को साकार करने के लिए आवश्यक कौशल और अवसर प्रदान कर रहा है। यह वास्तव में ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ के मूल मंत्र को साकार करता हुआ एक प्रयास है, जो भारत को 2047 तक ‘विश्व की कौशल राजधानी’ बनाने के लक्ष्य की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है।

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