डॉ. महेंद्र सिंह के मंच पर पहुंचते ही गूंजे ‘जय श्री राम’ के नारे, सनातन का महा संदेश और समयचक्र की गहरी व्याख्या

दैनिक इंडिया न्यूज़ लखनऊ, 27 अप्रैल।श्रीराम हनुमत महोत्सव के अंतिम दिन, विधान परिषद सदस्य डॉ. महेंद्र सिंह ने सभा में पहुँचते ही जय श्री राम के उद्घोष के साथ माहौल को भक्तिमय बना दिया। उनके मंच पर आते ही समूचा वातावरण जयकारों से गूंज उठा। डॉ. महेंद्र सिंह का संबोधन न केवल श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक दिशा-निर्देश था, बल्कि उन्होंने सनातन धर्म की महिमा और सृष्टि के समयचक्र पर गहरी व्याख्या भी की।


सनातन का महा संदेश: न आदि है, न अंत है

डॉ. महेंद्र सिंह ने सबसे पहले सनातन धर्म की शाश्वतता को समझाया और कहा,

सनातन न तो कभी प्रारंभ हुआ है, न कभी समाप्त होगा। यह अनादि और अनंत है। यह वह धर्म है, जो न सृष्टि के प्रारंभ से जुड़ा है, न इसके अंत से। यह धर्म शाश्वत है और उसका अस्तित्व सदैव रहेगा।”

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सनातन धर्म को न कोई समाप्त कर सकता है, न ही उसे मिटा सकता है। यह धर्म सृष्टि के प्रारंभ से पूर्व भी था और इसके बाद भी रहेगा।


समयचक्र और चतुर्युग की व्याख्या

डॉ. महेंद्र सिंह ने अपने व्याख्यान में समयचक्र और चतुर्युग के महत्व को स्पष्ट किया। उन्होंने बताया कि सृष्टि के हर युग की एक विशेष अवधि होती है, जिसे चतुर्युग कहा जाता है। उन्होंने समयचक्र की अवधारणा को विस्तृत रूप से समझाते हुए कहा कि:

कलियुग की अवधि: 4,32,000 वर्ष

द्वापरयुग की अवधि: 8,64,000 वर्ष

त्रेतायुग की अवधि: 12,96,000 वर्ष

सत्ययुग की अवधि: 17,28,000 वर्ष

चतुर्युग की कुल अवधि 43,20,000 वर्ष होती है, जो ब्रह्मा के एक दिन के बराबर है। डॉ. सिंह ने बताया कि इस समयचक्र का प्रवाह निरंतर चलता रहता है और जब हम पूजा करते हैं, तो हम इस विशाल समयचक्र में अपने स्थान को स्वीकारते हुए अपने कर्तव्यों का निर्वाह करते हैं।


पहलगाव की घटना पर विश्वास का संदेश

डॉ. महेंद्र सिंह ने पहलगाव में हुई घटना पर भी विश्वास दिलाते हुए कहा,

“यह भारत नहीं, सनातन है — अनंत, अखंड और अपराजेय। जो इसे समाप्त करने का प्रयास करेंगे, वे कभी सफल नहीं होंगे। यह हमारी संस्कृति, हमारा धर्म है, जो कभी नष्ट नहीं होगा।”

उन्होंने यह भी कहा कि जिन लोगों ने निर्दोष नागरिकों के साथ अन्याय किया है, सरकार उन्हें किसी भी हाल में माफ नहीं करेगी। उनके इस बयान ने सभा में बैठे लोगों में विश्वास और उम्मीद की किरण जगा दी।


नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत का आत्मगौरव

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए डॉ. महेंद्र सिंह ने कहा,

“आज भारत अपने आत्मगौरव को पुनः स्थापित कर रहा है। कोई भी बाहरी या भीतरी शक्ति इसे चुनौती नहीं दे सकती। हम सनातन के इस नए जागरण के युग में प्रवेश कर चुके हैं।”


पवन सिंह चौहान की अखिल भारतीय अध्यक्ष ने की सरहना

महोत्सव के दौरान, विधान परिषद सदस्य पवन सिंह चौहान ने भी अपने संबोधन में सभी को अयोध्या में श्रीराम के चित्र और एस आर ग्लोबल स्कूल के बैग देकर सम्मानित किया। जितेंद्र प्रताप सिंह, राष्ट्रीय सनातन महासंघ के अखिल भारतीय अध्यक्ष ने पवन सिंह चौहान की सराहना करते हुए कहा,

“आज से अयोध्या में प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा के बाद, पवन सिंह चौहान के प्रयासों से राजधानी के एक तिहाई से अधिक घरों में श्रीराम का चित्र भेजा गया है। यह कार्य एक ऐतिहासिक कदम है।”

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