नशा उन्मूलन अभियान: पूर्व केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर को राष्ट्रीय सनातन महासंघ का समर्थन

दैनिक इंडिया न्यूज़ ,लखनऊ। पूर्व केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर के नेतृत्व में नशा उन्मूलन के लिए चलाए जा रहे अभियान को समाज के विभिन्न वर्गों और संगठनों का सहयोग मिल रहा है। इसी कड़ी में, हाल ही में आयोजित एक ऑनलाइन बैठक में राष्ट्रीय सनातन महासंघ के अध्यक्ष जितेन्द्र प्रताप सिंह ने अभियान को अपना पूर्ण समर्थन देते हुए कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए।

जितेन्द्र प्रताप सिंह ने बैठक में कहा कि अवैध रूप से घुसपैठ कर भारत में रह रहे बांग्लादेशी और रोहिंग्या नागरिकों ने कूटरचित दस्तावेजों के माध्यम से आधार कार्ड और बिजली-पानी के कनेक्शन प्राप्त कर लिए हैं। इनकी अवैध बस्तियों में नशाखोरी के अड्डे संचालित हो रहे हैं, जो युवाओं, विद्यालयों और ग्रामीण क्षेत्रों तक नशे का अवैध व्यापार फैला रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इन गतिविधियों से कानून-व्यवस्था और पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।

उन्होंने पुलिस और प्रशासन से ऐसे तत्वों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। इसके साथ ही राष्ट्रीय सनातन महासंघ ने नशा उन्मूलन अभियान में हरसंभव सहयोग और सक्रिय सहभागिता का आश्वासन दिया।

संगठनों का समर्थन और नशा उन्मूलन की रणनीति
बैठक में देश के विभिन्न क्षेत्रों से शामिल संगठनों ने भी जनजागरण का आह्वान किया। इन संगठनों ने नशा उन्मूलन के लिए लोगों को संकल्पित करने की दिशा में काम करने की प्रतिबद्धता जताई।

कौशल किशोर ने इस अभियान में सहभागिता करने वाले सभी संगठनों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि समाज को नशामुक्त बनाने के लिए सभी का सहयोग आवश्यक है। उन्होंने इस मुहिम को और गति देने का संकल्प लिया और कहा कि बैठक में उठाए गए सभी बिंदुओं पर शासन और प्रशासन से चर्चा की जाएगी। इसके अलावा, भविष्य में पुनः बैठक आयोजित कर इस अभियान की प्रगति का आकलन किया जाएगा।

अभियान को जन आंदोलन बनाने का लक्ष्य
नशा उन्मूलन अभियान का उद्देश्य इसे एक जन आंदोलन में परिवर्तित करना है। इसके लिए युवाओं और समाज के विभिन्न वर्गों को जागरूक कर उनकी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। कौशल किशोर ने कहा कि नशा मुक्त समाज ही देश के उज्जवल भविष्य का आधार है।
यह बैठक न केवल नशा उन्मूलन के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि समाज को संगठित करने का एक प्रयास भी है। राष्ट्रीय सनातन महासंघ और अन्य संगठनों की भागीदारी से यह मुहिम और अधिक प्रभावशाली बनने की संभावना है।

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