नोएडा के बाद लखनऊ में भी जस्ट डायल के खिलाफ गहराया विवाद, जल्द हो सकती है FIR

दैनिक इंडिया न्यूज़, लखनऊ।नोएडा में कुछ दिन पहले ड्राइविंग स्कूल संचालकों ने जस्ट डायल के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी। आरोप लगाया गया था कि जस्ट डायल ने फर्जी ड्राइविंग स्कूलों को प्रमोट कर ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी को बढ़ावा दिया और असली ड्राइविंग स्कूलों का व्यवसाय छीन लिया। इस विवाद की आग अब लखनऊ तक पहुंच चुकी है, और यहां के ड्राइविंग स्कूल संचालक भी जल्द ही इसी तरह की कार्रवाई की योजना बना रहे हैं।

नोएडा का मामला

नोएडा के ड्राइविंग स्कूल संचालकों ने आरोप लगाया था कि जस्ट डायल फर्जी ड्राइविंग स्कूलों के विज्ञापन चलाकर उन व्यवसायों को बढ़ावा दे रहा था, जो ग्राहकों को ठगने में शामिल हैं। इन घटनाओं के कारण प्रतिष्ठित और मान्यता प्राप्त ड्राइविंग स्कूलों को भारी नुकसान उठाना पड़ा। नोएडा में दर्ज FIR ने इस मामले को उजागर किया, जिससे अन्य शहरों के व्यवसायियों ने भी अपनी आवाज उठानी शुरू कर दी है।

लखनऊ के ड्राइविंग स्कूलों की प्रतिक्रिया

लखनऊ के मान्यता प्राप्त ड्राइविंग स्कूलों का कहना है कि जस्ट डायल की यही रणनीति यहां भी अपनाई जा रही है। उन्होंने दावा किया कि फर्जी ड्राइविंग स्कूलों को बढ़ावा देकर जस्ट डायल उनके व्यवसाय को खत्म कर रहा है। लखनऊ ड्राइविंग स्कूल संघ के संचालकों ने कहा, “हम सरकार से अपील करेंगे कि जस्ट डायल की इन अनैतिक गतिविधियों पर रोक लगाई जाए और इसे लखनऊ में बंद किया जाए।”

जल्द हो सकती है FIR

लखनऊ के ड्राइविंग स्कूल संचालकों ने यह स्पष्ट किया है कि यदि जस्ट डायल की गतिविधियां नहीं रुकीं, तो वे भी नोएडा की तर्ज पर FIR दर्ज कराएंगे। उनका कहना है कि फर्जी स्कूलों के कारण न केवल व्यवसाय प्रभावित हो रहा है, बल्कि ग्राहकों का विश्वास भी टूट रहा है।

व्यवसाय और ग्राहक हितों की रक्षा की मांग

ड्राइविंग स्कूल उद्योग ने यह भी कहा है कि सरकार को इस मामले में दखल देना चाहिए और जस्ट डायल जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखनी चाहिए। उनका मानना है कि यदि यह समस्या समय रहते नहीं सुलझाई गई, तो स्थानीय व्यवसायों और ग्राहकों दोनों को लंबे समय तक नुकसान उठाना पड़ेगा।

यह विवाद स्थानीय व्यवसायों और बड़े डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के बीच पारदर्शिता और नैतिकता की बढ़ती मांग को उजागर करता है। अब देखना यह है कि लखनऊ में इस मुद्दे पर क्या कदम उठाए जाते हैं और क्या यह मामला सरकार और प्रशासन का ध्यान आकर्षित कर पाता है।

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