पुस्तक ‘चुनौतियां मुझे पसन्द हैं’ का भव्य लोकार्पण

  • राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के प्रेरणादायक जीवन पर आधारित कृति का उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने किया विमोचन

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बोले – चुनौतियों से जूझकर ही जीवन सार्थक होता है

दैनिक इंडिया न्यूज़ ,लखनऊ, 1 मई 2025।
डाॅ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय में आयोजित भव्य समारोह में देश के उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के जीवन पर आधारित पुस्तक ‘चुनौतियां मुझे पसन्द हैं’ का लोकार्पण किया। इस गरिमामयी अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मंचासीन रहे।

उप राष्ट्रपति धनखड़ ने अपने संबोधन में कहा कि राज्यपाल आनंदीबेन पटेल नारी शक्ति की साक्षात प्रतिमूर्ति हैं। उनका जीवन समर्पण, संघर्ष और आत्मबल का परिचायक है। यह पुस्तक उनके जीवन की उन घटनाओं का दस्तावेज है, जहाँ उन्होंने हर चुनौती को अवसर में बदला। उन्होंने कहा, “यह कृति केवल महिलाओं ही नहीं, पूरे समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत है।”

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि “बिना चुनौतियों के जीवन सारहीन होता है। कुछ लोग चुनौतियों से घबराते हैं, तो कुछ निखर जाते हैं। राज्यपाल आनंदीबेन जी का जीवन इस सत्य का प्रमाण है।” उन्होंने कहा कि आनंदीबेन जी का जीवन संघर्षों की नींव पर खड़ा हुआ शिखर है, जिसने शिक्षिका से लेकर मुख्यमंत्री और अब राज्यपाल के रूप में देश को सेवा दी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पुस्तक केवल एक जीवनी नहीं, बल्कि लोकतंत्र की अभिव्यक्ति और प्रेरणा का माध्यम है। इसके 14 अध्याय समुद्र मंथन से निकले 14 रत्नों जैसे हैं। उन्होंने लेखकों – विनय जोशी, अशोक देसाई और पंकज जानी – की सराहना करते हुए कहा कि इन्होंने राज्यपाल के जीवन के प्रत्येक पहलू को सुंदरता से उकेरा है।

उप राष्ट्रपति ने उत्तर प्रदेश के विकास का उल्लेख करते हुए कहा कि योगी सरकार के नेतृत्व में प्रदेश की इकोनॉमी 12.75 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 30 लाख करोड़ रुपये हुई है। प्रति व्यक्ति आय 46,000 रुपये से बढ़कर 1,10,000 रुपये हो गई है। उन्होंने कहा कि प्रयागराज महाकुंभ जैसे आयोजनों का सफल संचालन विश्व के सामने प्रदेश की सांस्कृतिक और प्रशासनिक क्षमता को प्रदर्शित करता है।

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अपनी भावनाएं साझा करते हुए कहा कि पुस्तक का विमोचन मजदूर दिवस पर होना अत्यंत सार्थक है, क्योंकि इसमें परिश्रम, आत्मबल और जीवन संघर्ष की गाथा है। उन्होंने श्रमिकों के सम्मान और सेवा में लगे कर्मियों की भूमिका की सराहना की और कहा कि श्रम को समाज में उचित स्थान देना चाहिए।

कार्यक्रम का समापन एक प्रेरक वृत्तचित्र के प्रदर्शन के साथ हुआ, जिसमें राज्यपाल जी के जीवन के महत्वपूर्ण क्षणों को चित्रित किया गया। समस्त गणमान्य अतिथियों, शिक्षाविदों, छात्रों और प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति में यह आयोजन प्रेरणास्पद एवं स्मरणीय बन गया।

इस अवसर पर उप राष्ट्रपति जी की धर्मपत्नी डाॅ0 सुदेश धनखड़, स्वामी चिदानन्द सरस्वती, विधान सभा अध्यक्ष श्री सतीश महाना, उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य व श्री ब्रजेश पाठक, वित्त मंत्री श्री सुरेश कुमार खन्ना, जल शक्ति मंत्री श्री स्वतंत्र देव सिंह, समाज कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री असीम अरुण, मुख्य सचिव श्री मनोज कुमार सिंह, श्रीमती अनार पटेल, श्री संजय भाई, राष्ट्रीय सनातन महासंघ के अखिल भारतीय अध्यक्ष जितेंद्र प्रताप सिंह तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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