
रामस्वरूप यूनिवर्सिटी में छात्रों का उग्र प्रदर्शन, पुलिस का अमानवीय चेहरा आया सामने

सीओ सिटी हटाए गए, इंस्पेक्टर व चौकी इंचार्ज लाइन हाजिर, जांच आईजी अयोध्या रेंज को सौंपी गई
Dainik India news Lucknow /Barabanki उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले की श्रीराम स्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी में सोमवार को उस समय माहौल बेकाबू हो गया जब एलएलबी के छात्र-छात्राओं ने विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया। छात्रों का आरोप है कि विश्वविद्यालय ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) से मान्यता प्राप्त किए बिना सैकड़ों छात्रों का एडमिशन लेकर पढ़ाई कराई, जिससे उनके भविष्य के साथ खुला खिलवाड़ हुआ है।
कई दिनों से जारी विरोध प्रदर्शन सोमवार को तब और उग्र हो गया जब अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) समर्थन में उतर आई। देखते ही देखते बड़ी संख्या में छात्र एकत्रित हो गए और गेट पर नारेबाजी शुरू कर दी। इस बीच पुलिस और छात्रों के बीच नोकझोंक बढ़ी, जिसके बाद हालात तनावपूर्ण हो गए।
पुलिस का बर्बर लाठीचार्ज, छात्र-छात्राएं गंभीर रूप से घायल
स्थिति को नियंत्रण में लाने के नाम पर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज कर दिया। चश्मदीद छात्रों का आरोप है कि पुलिस ने शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे छात्रों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। लाठीचार्ज में ABVP के प्रांत सह मंत्री अभिषेक बाजपेयी, जिला संयोजक अनुराग मिश्रा, महानगर सह संयोजक अभय शंकर पांडेय समेत कई छात्र-छात्राएं गंभीर रूप से घायल हुए।
घायलों में अंकित पांडे, नवीन, अर्पित शुक्ला, आशुतोष राय, प्रत्यूष पांडेय, अंकुर अवस्थी, सिद्धार्थ तिवारी, विदित प्रताप सिंह, योगेश सिंह, अभय शुक्ला, पुष्पा गौतम, लक्ष्मी पांडे, वैष्णवी सिंह, आराध्या सिंह, सलाहुद्दीन, शक्ति सिंह, अमन सिंह, विवेक मिश्रा, अमित पाठक, आकाश मिश्रा सहित दो दर्जन से अधिक छात्र शामिल हैं। सभी को उपचार के लिए मेयो अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां कई की हालत नाजुक बनी हुई है।
मुख्यमंत्री का कड़ा ऐक्शन, जिम्मेदार अधिकारी हाशिये पर
छात्रों पर हुए इस अमानवीय लाठीचार्ज की जानकारी जैसे ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंची, उन्होंने कड़ा रुख अपनाया। मुख्यमंत्री ने नाराजगी जताते हुए तत्काल प्रभाव से सीओ सिटी हर्षित चौहान को हटाकर एसपी ऑफिस से सम्बद्ध कर दिया। वहीं, कोतवाली प्रभारी इंस्पेक्टर रामकिशन राणा और गदिया चौकी इंचार्ज को लाइन हाजिर कर दिया गया।
पूरा मामला आईजी अयोध्या रेंज प्रवीण कुमार को जांच के लिए सौंपा गया है। मुख्यमंत्री ने साफ निर्देश दिए हैं कि छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करने वालों और पुलिस की बर्बरता के जिम्मेदार लोगों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
बाराबंकी का यह मामला न केवल छात्रों के भविष्य से जुड़े गंभीर सवाल खड़ा करता है बल्कि यह भी दर्शाता है कि जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही और पुलिस की कठोरता किस तरह से लोकतांत्रिक आवाज़ को दबाने की कोशिश कर रही है। मुख्यमंत्री की सख्ती के बाद अब सभी की निगाहें जांच रिपोर्ट और आगामी कार्रवाई पर टिकी हैं।