
दैनिक इंडिया न्यूज़, लखनऊ।गुडंबा थाना क्षेत्र के बेहटा गांव में अवैध पटाखा फैक्ट्री में हुए भयावह विस्फोट ने पूरे इलाके को दहला दिया। इस दर्दनाक हादसे में अब तक 2 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई लोग गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं। मलबे में दबे लोगों की आशंका के चलते मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है, दो मकान भी ध्वस्त हो चुके हैं
सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अवैध पटाखा फैक्ट्रियों और देशी पटाखों के उत्पादन पर स्पष्ट रूप से प्रतिबंध लगा दिया था, तो आखिर बेहटा में यह फैक्ट्री कैसे चल रही थी? प्रशासन की आंखों पर पट्टी क्यों बंधी रही?
क्या इस घटना के पीछे पुलिस-प्रशासन की लापरवाही उजागर हो रही है? बेहटा चौकी प्रभारी और गुडंबा थाना प्रभारी आखिर किस जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहे थे? क्या उनके संरक्षण में यह खतरनाक धंधा चल रहा था?
यह हादसा केवल एक विस्फोट नहीं, बल्कि व्यवस्था की चूक का जीवंत उदाहरण है। जिनकी ड्यूटी लोगों की सुरक्षा की है, वही लोग कैसे इस घातक लापरवाही के दोषी बन गए?
अब जब लगातार मौतों का आंकड़ा बढ़ रहा है, तो क्या प्रशासन दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करेगा? या फिर यह भी एक ऐसा मामला बन जाएगा जहां जांच की आड़ में जिम्मेदारों को बचा लिया जाएगा?