
दैनिक इंडिया न्यूज़ नई दिल्ली, 18 जुलाई 2025 – लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आज संसद भवन में कोरिया गणराज्य के पूर्व प्रधानमंत्री किम बू क्यूम के नेतृत्व में आए संसदीय प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने भारत की आतंकवाद के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति को दोहराते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर में हालिया आतंकी हमला, जिसमें 26 निर्दोष नागरिक मारे गए, जैसी घटनाएं अंतरराष्ट्रीय समुदाय की अंतरात्मा को झकझोर देती हैं।

अध्यक्ष बिरला ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान द्वारा अपनी धरती पर मौजूद आतंकी ढांचे के खिलाफ कार्रवाई न करने के कारण भारत ने अपनी संप्रभुता का प्रयोग करते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत जवाब दिया। उन्होंने बताया कि भारत की प्रतिक्रिया संतुलित, उकसावे से रहित और आतंकवादी ढांचे को नष्ट करने पर केंद्रित थी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति को सख्ती से लागू किया जा रहा है, जिसके लिए सशक्त कानून और सक्षम संस्थाएं कार्यरत हैं। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में कोरिया से निरंतर समर्थन की भी आशा व्यक्त की।

लोकसभा अध्यक्ष ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा करने और अहमदाबाद विमान दुर्घटना पर संवेदना संदेश भेजने के लिए कोरियाई राष्ट्रीय विधानसभा के अध्यक्ष का आभार व्यक्त किया।
उन्होंने कोरिया की जनता को हाल ही में सम्पन्न राष्ट्रपति चुनाव के सफल आयोजन पर बधाई दी और भारतीय संसद की ओर से नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ली जे-म्युंग को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने विश्वास जताया कि राष्ट्रपति ली के नेतृत्व में भारत-कोरिया संबंध और अधिक प्रगाढ़ होंगे, विशेषकर इस पृष्ठभूमि में कि वे कोरिया-भारत संसदीय मैत्री समूह के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं। उन्होंने कहा कि भारत, जो विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, कोरिया के साथ लोकतांत्रिक मूल्यों की साझा प्रतिबद्धता को अत्यंत महत्व देता है।
बैठक के दौरान अध्यक्ष बिरला ने प्रतिनिधिमंडल को सूचित किया कि संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से 21 अगस्त 2025 तक आयोजित किया जाएगा, जिसमें विधायी कार्यों के साथ-साथ राष्ट्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगी।
शासन में प्रौद्योगिकी की परिवर्तनकारी भूमिका पर चर्चा करते हुए बिरला ने बताया कि भारतीय संसद ने पारदर्शिता, दक्षता और नागरिक सहभागिता को बढ़ाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग सहित अत्याधुनिक डिजिटल उपकरणों को अपनाया है। उन्होंने कोरिया गणराज्य के साथ इस अनुभव और तकनीकी विशेषज्ञता को साझा करने की इच्छा व्यक्त की, ताकि दोनों देशों की लोकतांत्रिक संस्थाएं और प्रक्रियाएं और अधिक सुदृढ़ बन सकें।
कोरियाई राष्ट्रीय विधानसभा में कोरिया-भारत संसदीय मैत्री समूह के गठन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए अध्यक्ष बिरला ने बताया कि भारतीय संसद में भी ऐसा ही समूह गठित करने पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ये तंत्र संसदीय आदान-प्रदान और आपसी सहयोग को और अधिक मजबूत करेंगे।
बैठक का समापन करते हुए अध्यक्ष बिरला ने विश्वास जताया कि भारत और कोरिया, इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में लोकतांत्रिक साझेदार के रूप में, शांति, सुरक्षा और आर्थिक प्रगति सुनिश्चित करने के लिए मिलकर कार्य करते रहेंगे।