भारत की संसद में 10वां राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (CPA) भारत क्षेत्र सम्मेलन का आयोजन संसद भवन, नई दिल्ली, 23-24 सितंबर 2024

दैनिक इंडिया न्यूज़ ,नई दिल्ली, 22 सितंबर 2024: भारत की संसद 23 और 24 सितंबर 2024 को 10वें राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (CPA) भारत क्षेत्र सम्मेलन की मेजबानी करेगी। इस उच्च-स्तरीय सम्मेलन का आयोजन संसद भवन, नई दिल्ली में होगा। लोक सभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला, जो राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (CPA) भारत क्षेत्र के चेयरपर्सन भी हैं, इस महत्वपूर्ण सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे।

इस सम्मेलन में राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के विधानमंडलों के 46 प्रमुख अधिकारी भाग लेंगे। इन अधिकारियों में 4 सभापति, 25 अध्यक्ष, 3 उपसभापति, और 14 उपाध्यक्ष शामिल हैं, जो अपने संबंधित राज्यों के प्रधान सचिवों और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उपस्थित रहेंगे।

कार्यकारी समिति की बैठक

सम्मेलन से पहले CPA भारत क्षेत्र की कार्यकारी समिति की बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें आने वाले समय के कार्यों और योजनाओं पर विचार-विमर्श किया जाएगा। इस सम्मेलन का मुख्य विषय “सतत और समावेशी विकास की प्राप्ति में विधायी निकायों की भूमिका” है, जो वर्तमान समय के वैश्विक विकास लक्ष्यों के दृष्टिकोण से बेहद प्रासंगिक है।

CPA भारत क्षेत्र की संरचना

CPA भारत क्षेत्र की स्थापना 2004 में हुई थी। यह नौ क्षेत्रों में से एक है, जिन्हें तत्कालीन सीपीए एशिया क्षेत्र से विभाजित किया गया था। वर्तमान में, इसमें भारत की संसद और 30 राज्यों व संघ शासित प्रदेशों के विधानमंडलों सहित कुल 31 सदस्य शाखाएँ हैं।

यह सम्मेलन भारत क्षेत्र के लिए अपनी तरह का दूसरा आयोजन है, जो नई दिल्ली में हो रहा है। इस आयोजन से सतत और समावेशी विकास के संदर्भ में विधायी निकायों की भूमिका पर गहन चर्चा होने की उम्मीद है, जिससे आने वाले समय में विकासात्मक नीतियों को नई दिशा मिल सकेगी।

कार्यक्रम में विभिन्न विधानसभाओं के प्रतिनिधियों के बीच विचारों का आदान-प्रदान होगा, जिससे सतत विकास के एजेंडे को मजबूती मिलेगी और समावेशी विकास के उद्देश्यों को प्राप्त करने में सहयोग बढ़ेगा।

समावेशी विकास की दिशा में विधायी निकायों की भूमिका

इस सम्मेलन का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि विधायी निकाय विकास और समावेशी नीतियों के निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाएँ। सम्मेलन के माध्यम से सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने में विभिन्न क्षेत्रों और प्रतिनिधियों के बीच सहयोग की भावना को प्रोत्साहन मिलेगा।

यह आयोजन न केवल भारत क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि वैश्विक मंच पर भारत की संसद की भूमिका और नेतृत्व को भी उजागर करता है।

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