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दैनिक इंडिया न्यूज़,भोपाल। केन्द्रीय पुलिस प्रशिक्षण अकादमी, भोपाल में नव नियुक्त सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारियों के 45 दिवसीय आधारभूत प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने की। इस अवसर पर उच्चतम न्यायालय के न्यायाधिपति न्यायमूर्ति जे. के. माहेश्वरी और जबलपुर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत सहित अन्य गणमान्यजन उपस्थित रहे।
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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपने संबोधन में कहा कि यह प्रशिक्षण अभियोजन अधिकारियों को न्याय प्रणाली और अभियोजन प्रक्रिया की गहन समझ प्रदान करेगा, जिससे वे अपने दायित्वों का प्रभावी और दक्षतापूर्वक निर्वहन कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि अभियोजन अधिकारियों की भूमिका सुशासन और विधि-व्यवस्था को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण होती है। पीड़ितों को त्वरित और प्रभावी न्याय दिलाने के लिए अभियोजन अधिकारियों को कानूनी दक्षता के साथ-साथ नैतिक मूल्यों और संवेदनशीलता को भी आत्मसात करना होगा।
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इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में अभियोजन प्रक्रिया, भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता, साक्ष्य अधिनियम सहित विभिन्न विधिक विषयों पर विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान दिए जाएंगे। इसके अलावा, अभियोजन अधिकारियों को न्यायालयीन प्रक्रिया, विवेचना प्रणाली और साइबर अपराधों से संबंधित नवीनतम कानूनी प्रावधानों पर भी प्रशिक्षित किया जाएगा।
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कार्यक्रम में उपस्थित न्यायमूर्ति जे. के. माहेश्वरी ने कहा कि एक सशक्त अभियोजन व्यवस्था न्यायिक प्रक्रिया की रीढ़ होती है। वहीं, मुख्य न्यायाधिपति सुरेश कुमार कैत ने अभियोजन अधिकारियों को निडरता, निष्पक्षता और सत्यनिष्ठा के साथ कार्य करने की प्रेरणा दी।
इस अवसर पर राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, विधि विशेषज्ञ और अन्य न्यायिक अधिकारी भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री ने नव नियुक्त अभियोजन अधिकारियों को उनके उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएँ दीं और उनसे न्यायिक प्रणाली को पारदर्शी और प्रभावी बनाने में योगदान देने का आह्वान किया।