मनोज कुमार सिंह बने उत्तर प्रदेश के स्थाई मुख्य सचिव: क्या यह नई शुरुआत है या पुराने विवादों का अंत?

दैनिक इंडिया न्यूज़ लखनऊ, 29 जून 2024: उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक नया अध्याय शुरू हुआ है, जो रहस्यों और विवादों से भरा हुआ है। आखिरकार, राज्य को स्थाई मुख्य सचिव मिला है, और यह कोई और नहीं बल्कि 1988 बैच के आईएएस अधिकारी मनोज कुमार सिंह हैं। उनकी नियुक्ति एक लंबी प्रतीक्षा और कई विवादों के बाद हुई है, जिसने इस कहानी को और भी रोमांचक बना दिया है।

प्रशासनिक करियर की शुरुआत

मनोज कुमार सिंह का जन्म बिहार के गया जिले में हुआ था। पटना से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद, उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) से समाजशास्त्र में स्नातकोत्तर किया। शिक्षा और विचारधारा ने उन्हें भारतीय प्रशासनिक सेवा में शामिल होने के लिए प्रेरित किया।

लेकिन, यह कहानी यहां से शुरू नहीं होती। कहानी की शुरुआत होती है 1988 में, जब एक युवा और उत्साही आईएएस अधिकारी, मनोज कुमार सिंह, फैजाबाद (अब अयोध्या) में बतौर एसडीएम अपनी पहली पोस्टिंग के लिए पहुंचे। फैजाबाद में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने भूमि विवादों के निपटारे, कृषि योजनाओं के क्रियान्वयन और ग्रामीण विकास कार्यक्रमों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी मेहनत और समर्पण ने उन्हें जल्दी ही एक प्रभावशाली अधिकारी बना दिया।

प्रशासनिक पदों पर कार्यकाल

  • एसडीएम, फैजाबाद: फैजाबाद में भूमि विवादों के निपटारे में उनकी अहम भूमिका रही। यहां उनकी कार्यशैली ने उन्हें एक कुशल और संवेदनशील अधिकारी के रूप में स्थापित किया।
  • डीएम, मथुरा: मथुरा में जिलाधिकारी के रूप में, उन्होंने जिले में विकास कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाया और प्रशासनिक सुधारों को लागू किया। उनके नेतृत्व में मथुरा में कई सामाजिक और बुनियादी ढांचे की परियोजनाओं को सफलतापूर्वक पूरा किया गया।
  • अपर मुख्य सचिव (वाणिज्यिक कर): इस पद पर रहते हुए, उन्होंने राज्य के राजस्व संग्रह में महत्वपूर्ण सुधार किए और कर प्रशासन को अधिक प्रभावी बनाया। उनकी नीतियों और सुधारों से राज्य के राजस्व में उल्लेखनीय वृद्धि हुई।
  • प्रधान सचिव (औद्योगिक विकास): इस पद पर रहते हुए, उन्होंने राज्य में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाओं को सफलतापूर्वक लागू किया। उनके प्रयासों से राज्य में कई नए उद्योग स्थापित हुए और रोजगार के अवसर बढ़े।
  • मण्डलायुक्त, वाराणसी मण्डल: इस पद पर रहते हुए उन्होंने प्रशासनिक प्रबंधन और विकास कार्यों को सुचारू रूप से संचालित किया। उनकी नेतृत्व क्षमता और प्रबंधन कौशल से वाराणसी मण्डल में विकास कार्यों की गति तेज हुई।

विवादों की छाया

मनोज कुमार सिंह की नियुक्ति एक सरल प्रक्रिया नहीं थी। दुर्गा शंकर मिश्र के तीन बार सेवा विस्तार के बाद भी, मनोज कुमार सिंह को इंतजार करना पड़ा। यह सवाल उठता है: इतने योग्य और अनुभवी अधिकारी को इतनी देर तक क्यों प्रतीक्षा करनी पड़ी? इसके पीछे कई प्रशासनिक और राजनीतिक कारण बताए जाते हैं। मिश्र के कार्यकाल के दौरान, कुछ लोगों ने प्रशासनिक निरंतरता की आवश्यकता पर जोर दिया, जबकि अन्य ने इसे एक योग्य अधिकारी की उपेक्षा के रूप में देखा। क्या यह सचमुच योग्यता और राजनीतिक गतिशीलता का टकराव था, या इसके पीछे कुछ और रहस्य छिपा था?

मुख्यमंत्री से मुलाकात और आगे की योजना

मुख्य सचिव के पद पर आसीन होने के बाद, मनोज कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। इस बैठक में प्रदेश के विकास के लिए महत्वपूर्ण कदमों पर विचार-विमर्श किया गया। योगी आदित्यनाथ ने मनोज कुमार सिंह को मुख्य सचिव बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मुख्यमंत्री ने उनके अनुभव और नेतृत्व क्षमता पर विश्वास जताते हुए उन्हें इस पद के लिए उपयुक्त माना।

औद्योगिक विकास के प्रति प्रतिबद्धता

मुख्य सचिव के रूप में अपने कार्यभार ग्रहण करने के बाद, मनोज कुमार सिंह ने प्रदेश के अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ बैठक कर राज्य के विकास के लिए अपनी प्राथमिकताओं और नीतियों पर चर्चा की। उन्होंने राज्य के औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाओं का खाका तैयार किया है और उसे शीघ्र अमल में लाने का संकल्प लिया है। उनकी प्राथमिकताएं राज्य के औद्योगिक ढांचे को मजबूत करने, निवेशकों को आकर्षित करने और रोजगार के नए अवसर पैदा करने पर केंद्रित हैं।

मुख्य सचिव के रूप में मनोज कुमार सिंह की नियुक्ति ने प्रदेश में एक नई ऊर्जा का संचार किया है। उनके नेतृत्व में उत्तर प्रदेश निश्चित रूप से अपने लक्ष्यों को प्राप्त करेगा और राज्य के नागरिकों को एक बेहतर भविष्य की ओर अग्रसर करेगा। राज्य की जनता ने भी इस नियुक्ति का स्वागत किया है और मनोज कुमार सिंह से अपेक्षाएं जताई हैं कि वे प्रदेश के विकास को एक नई दिशा देंगे।

क्या यह नई शुरुआत है या पुराने विवादों का अंत?

मनोज कुमार सिंह का व्यक्तित्व और प्रशासनिक दक्षता निश्चित रूप से उत्तर प्रदेश को विकास के पथ पर अग्रसर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मनोज कुमार सिंह को मुख्य सचिव और इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (IIDC) दोनों पदों पर नियुक्त करने का निर्णय लिया है। यह निर्णय प्रदेश की औद्योगिक और प्रशासनिक ढांचे को और अधिक सुदृढ़ और प्रभावी बनाने के उद्देश्य से लिया गया है।

मनोज कुमार सिंह की इस नियुक्ति के बाद, प्रदेश के प्रशासनिक ढांचे में एक नई स्फूर्ति आई है और हर कोई इस नई यात्रा में उनके साथ है। उनकी कुशलता, अनुभव और नेतृत्व क्षमता के बल पर उत्तर प्रदेश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की उम्मीद की जा रही है। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह नई शुरुआत है या पुराने विवादों का अंत? यह तो समय ही बताएगा।

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