उदय राज /डीडी इंडिया
लखनऊ, । योगी सरकार ने जहां गन्ना मूल्य बढ़ाकर किसानों को रिझाने का प्रयास किया है, तो वहीं भाजपा उस आंदोलन को ही फर्जी साबित कर देना चाहती है, जो कृषि कानूनों के विरोध में विपक्षी दलों के समर्थन से चलाया जा रहा है। पार्टी के किसान मोर्चा ने इसके लिए हर ग्राम पंचायत में किसान चौपाल आयोजित करने की रूपरेखा बनाई है। दावा है कि उसके जरिये न सिर्फ मोदी-योगी सरकार के किसान हित के निर्णय बताए जाएंगे, बल्कि ग्रामीणों को यह भी बताया जाएगा कि यह आंदोलन फर्जी है।भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश और क्षेत्रीय पदाधिकारियों की बैठक सोमवार को प्रदेश मुख्यालय में हुई। प्रदेश अध्यक्ष कामेश्वर सिंह की अध्यक्षता में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर किसान हित के फैसलों के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गन्ना मूल्य बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद दिया गया। इसके अलावा विचार-विमर्श कर तय किया गया कि 15 से 30 अक्टूबर के बीच केंद्र व प्रदेश सरकार की किसान हितैषी नीतियों को किसानों तक पहुंचाने के लिए प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों में ग्राम किसान चौपाल का आयोजन किसान मोर्चा करेगा। चौपाल में शामिल होने के साथ ही मोर्चा के पदाधिकारी गांव-गांव जाएंगे। केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा किसानों के हितों में लिए गए निर्णयों की जानकारी किसानों को देंगे। उन्हें बताएंगे कि देश में चल रहा आंदोलन किसान विरोधी व फर्जी है। किसान विरोधी शक्तियों द्वारा वित्तपोषित तथाकथित किसान नेता प्रधानमंत्री को बदनाम करने का कुत्सित प्रयास कर रहे हैं। आंदोलन के नाम पर देश के विकास को अवरुद्ध कर रहे हैं।प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि रविवार को लखनऊ में आयोजित किसान सम्मेलन इस बात का प्रमाण है कि प्रदेश के किसानों का समर्थन केंद्र व प्रदेश सरकार को है। सम्मेलन में बड़ी संख्या में शामिल होकर किसानों ने तथाकथित किसान नेताओं के आंदोलन को करारा जवाब दिया है। उन्होंने बताया कि किसान चौपाल के लिए तीन सदस्यीय समिति भी गठित की गई है। संयोजक मोर्चा के प्रदेश महामंत्री घनश्याम पटेल, जबकि प्रदेश मंत्री सुरेश मौर्या और प्रदेश सह कार्यालय प्रभारी रामानंद कटियार सदस्य होंगे। बैठक में मोर्चा के प्रदेश प्रभारी प्रकाश पाल, सह प्रभारी संजय राय सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।