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महाकुंभ-2025, ‘जीरो पॉवर्टी अभियान’ और आर्थिक विकास पर दिया जोर
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संविधान के 75 वर्ष पूर्ण होने पर कार्यक्रमों का आयोजन
हरेंद्र सिंह दैनिक इंडिया न्यूज़ लखनऊ, 19 फरवरी 2025 – उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने आज उत्तर प्रदेश विधान मंडल के दोनों सदनों के वर्ष 2025 के प्रथम सत्र के समवेत अधिवेशन को संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने राज्य सरकार की विकासोन्मुख नीतियों और जनकल्याणकारी योजनाओं की संक्षिप्त रूपरेखा प्रस्तुत की।
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राज्यपाल ने महाकुंभ-2025 के भव्य आयोजन को लेकर सरकार के प्रयासों की सराहना की और कहा कि प्रयागराज में स्वच्छता, सुरक्षा और सुव्यवस्था के नए मानक गढ़े गए हैं। उन्होंने 22 जनवरी 2025 को पावन त्रिवेणी तट पर हुई मंत्रिपरिषद की ऐतिहासिक बैठक का उल्लेख किया, जिसमें प्रदेश के हित में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
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संविधान के 75 वर्ष पूर्ण होने पर कार्यक्रमों का आयोजन
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राज्यपाल ने कहा कि वर्ष 2025 हम सभी के लिए प्रेरणादायक है, क्योंकि इस वर्ष भारतीय संविधान ने 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा पूरी की है। इस अवसर पर गणतंत्र के अमृत वर्ष में सरकार द्वारा कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि संविधान की मूल भावना – न्याय, समता और बंधुता – के आधार पर उत्तर प्रदेश को सशक्त और समृद्ध बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
काकोरी ट्रेन एक्शन का शताब्दी वर्ष और जनजातीय गौरव वर्ष
राज्यपाल ने बताया कि स्वतंत्रता संग्राम के प्रेरक अध्याय काकोरी ट्रेन एक्शन का शताब्दी वर्ष 9 अगस्त 2024 से मनाया जा रहा है। इसके साथ ही 2025 को जनजातीय गौरव वर्ष के रूप में भी मनाया जा रहा है, जिससे समाज के वंचित तबकों के योगदान को सम्मान दिया जा सके।
‘जीरो पॉवर्टी अभियान’ और आर्थिक सशक्तिकरण
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 2 अक्टूबर 2024 से ‘जीरो पॉवर्टी अभियान’ की शुरुआत की गई थी। इस अभियान के तहत प्रदेश की प्रत्येक ग्राम पंचायत में निर्धनतम परिवारों को चिन्हित कर उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। सरकार का लक्ष्य है कि इन परिवारों की वार्षिक आय कम से कम 1.25 लाख रुपये तक पहुंचाई जाए।
वहीं, राज्य में डिजिटल व्यापार को भी बढ़ावा दिया गया है, जिससे जनवरी 2025 तक लगभग 6,099 करोड़ रुपये का डिजिटल लेनदेन हुआ।
गन्ना किसानों को 2.73 लाख करोड़ रुपये का भुगतान
राज्यपाल ने बताया कि वर्ष 2017 से अब तक उत्तर प्रदेश सरकार ने लगभग 2.73 लाख करोड़ रुपये के गन्ना मूल्य का भुगतान किया है, जो 1995 से 2017 के बीच हुए कुल भुगतान से 59,143 करोड़ रुपये अधिक है।
मनरेगा में उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर
राज्यपाल ने कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के अंतर्गत मानव दिवस सृजन और धनराशि व्यय में उत्तर प्रदेश देश में पहले स्थान पर है। इस योजना में महिलाओं की भागीदारी 42% तक पहुंच गई है।
युवा सशक्तिकरण और नई योजनाएं
युवाओं को सरकारी नीति निर्माण में भागीदार बनाने के लिए मुख्यमंत्री फेलोशिप कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है, जो 108 आकांक्षात्मक विकास खंडों में लागू किया गया है।
इसके अलावा, पहली बार ग्राम पंचायतों को ऑनलाइन खरीद प्रणाली से जोड़ने के लिए जेम पोर्टल का भारत सरकार के ई-ग्राम स्वराज्य सॉफ्टवेयर से इंटीग्रेशन किया गया है।
विकास कार्यों में उत्तर प्रदेश की बड़ी उपलब्धियां
- उत्तर प्रदेश का 9.96% भौगोलिक क्षेत्र अब वनावरण और वृक्षारोपण क्षेत्र में आ चुका है, जिससे यह देश में दूसरे स्थान पर है।
- राज्य कर विभाग का प्रदेश के कुल कर राजस्व में 56% योगदान है।
- उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य की दिशा में प्रभावी कार्य किए जा रहे हैं।
- सरकार के प्रयासों से अब तक प्रदेश को लगभग 45 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 15 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश को धरातल पर उतारा जा चुका है।
- उत्तर प्रदेश अब भारत के विकास का “ग्रोथ इंजन” बनकर उभरा है।
इंफ्रास्ट्रक्चर और एक्सप्रेसवे नेटवर्क में बड़ी छलांग
उत्तर प्रदेश अब “एक्सप्रेसवे प्रदेश” के रूप में पहचाना जाता है। वर्तमान में राज्य में चार प्रमुख एक्सप्रेसवे (यमुना, आगरा-लखनऊ, पूर्वांचल और बुंदेलखंड) संचालित हैं। इसके अलावा, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे और गंगा एक्सप्रेसवे निर्माणाधीन हैं।
राज्य सरकार कई नए एक्सप्रेसवे बनाने की दिशा में भी कार्य कर रही है, जिसमें विंध्य एक्सप्रेसवे, चंदौली से गाजीपुर लिंक, बुंदेलखंड से प्रयागराज लिंक और गंगा एक्सप्रेसवे को मेरठ से हरिद्वार तक जोड़ने की योजनाएं शामिल हैं।
डिफेंस और एविएशन सेक्टर में नए अवसर
राज्यपाल ने बताया कि उत्तर प्रदेश में डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर तेजी से विकसित हो रहा है। झांसी, कानपुर, अलीगढ़ और लखनऊ में विभिन्न रक्षा कंपनियां निवेश कर रही हैं, जिनमें लगभग 9,500 करोड़ रुपये का निवेश संभावित है।
एविएशन सेक्टर में भी राज्य ने बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं। 2017 से पहले प्रदेश में केवल चार हवाई अड्डे (लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर और आगरा) थे, लेकिन अब इनकी संख्या बढ़कर 16 हो गई है। कुशीनगर और अयोध्या में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे शुरू किए गए हैं, जबकि गौतम बुद्ध नगर में विश्वस्तरीय अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का कार्य प्रगति पर है।
विद्युत आपूर्ति में सुधार और ऊर्जा क्षेत्र में उन्नति
उत्तर प्रदेश में अब ग्रामीण क्षेत्रों में औसतन 20 घंटे 35 मिनट, तहसील मुख्यालयों पर 22 घंटे 36 मिनट और जिला मुख्यालयों पर 24 घंटे बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। कानपुर में 3,660 मेगावाट की घाटमपुर तापीय परियोजना की पहली इकाई पूरी हो चुकी है और दूसरी एवं तीसरी इकाई मई और अगस्त 2025 तक चालू हो जाएंगी।
राज्यपाल का यह अभिभाषण उत्तर प्रदेश सरकार की विकास योजनाओं का व्यापक खाका प्रस्तुत करता है। महाकुंभ-2025 को लेकर राज्य सरकार ने जो तैयारी की है, वह प्रदेश को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
‘जीरो पॉवर्टी अभियान’ के माध्यम से सरकार ने ग्रामीण विकास और गरीबी उन्मूलन को प्राथमिकता दी है, जो सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) की दिशा में एक मजबूत पहल है।
उत्तर प्रदेश की आर्थिक वृद्धि दर और निवेश में वृद्धि से संकेत मिलता है कि राज्य अब बीमारू राज्यों की श्रेणी से निकलकर भारत के सबसे तेजी से बढ़ते राज्यों में शामिल हो गया है। इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में एक्सप्रेसवे और हवाई अड्डों के विकास से प्रदेश में लॉजिस्टिक और औद्योगिक गतिविधियों को बल मिलेगा।
कुल मिलाकर, यह अभिभाषण उत्तर प्रदेश सरकार की उपलब्धियों और आगामी योजनाओं का एक संतुलित प्रस्तुतीकरण है, जिसमें विकास, सामाजिक कल्याण और आधारभूत संरचना के हर पहलू को छुआ गया है।