राष्ट्रीय सनातन महासंघ और वारियर्स डिफेंस एकेडमी के संयुक्त तत्वावधान में 76वें गणतंत्र दिवस का भव्य आयोजन संपन्न

दैनिक इंडिया न्यूज़,लखनऊ। राष्ट्रीय सनातन महासंघ, महानगर विस्तार जनकल्याण समिति, और वारियर्स डिफेंस एकेडमी के संयुक्त तत्वावधान में 76वें गणतंत्र दिवस का आयोजन भव्यता और उत्साह के साथ संपन्न हुआ। इस अवसर पर विशाल तिरंगा यात्रा और प्रेरणादायक वक्तव्यों ने समारोह को गौरवपूर्ण बना दिया।

कार्यक्रम की शुरुआत वारियर्स डिफेंस एकेडमी, निकट रैदास मंदिर से हुई। तिरंगा यात्रा का नेतृत्व राष्ट्रीय सनातन महासंघ के अध्यक्ष और वारियर्स डिफेंस एकेडमी के संरक्षक जितेन्द्र प्रताप सिंह ने किया। यात्रा में सैकड़ों छात्र-छात्राएं और फैकल्टी सदस्य शामिल हुए। यह यात्रा अलीगंज, कपूरथला चौराहे और महानगर मंदिर मार्ग से होती हुई पद्मश्री एस. सी. राय पार्क, महानगर विस्तार में समाप्त हुई।

ई पार्क में ध्वजारोहण के साथ गणतंत्र दिवस समारोह का शुभारंभ हुआ। मुख्य अतिथि प्रभु अपरिमेय श्याम दास (इस्कॉन) और विशिष्ट अतिथि डॉ. देवी सिंह ने झंडारोहण किया। समारोह में राज्यसभा सांसद अशोक वाजपेई ने भी शिरकत की। दीप प्रज्वलन के पश्चात अतिथिगणों ने मंचासीन होकर अपने विचार साझा किए।

राज्यसभा सांसद अशोक वाजपेई ने सनातन संस्कृति और राष्ट्रप्रेम पर अपने विचार प्रस्तुत किए। उन्होंने कहा, “सनातन संस्कृति हमारे देश की आत्मा है। इसका संदेश ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ पूरे विश्व को प्रेम और एकता का पाठ पढ़ाता है। गणतंत्र दिवस केवल एक उत्सव नहीं है, यह संविधान और सनातन मूल्यों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रतीक है। युवाओं को चाहिए कि वे इन मूल्यों को अपनाएं और राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभाएं।”

इस अवसर पर डॉ. बी. पी. सिंह ने सनातन और विज्ञान के गहरे संबंधों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “हमारे प्राचीन ग्रंथ विज्ञान और आध्यात्मिकता का अद्भुत संगम हैं। आज जो आधुनिक विज्ञान है, वह हमारे ऋषि-मुनियों के शोध का परिणाम है। युवाओं को चाहिए कि वे सनातन ज्ञान को समझें और इसे अपने जीवन में अपनाएं।”

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रभु अपरिमेय श्याम दास ने भगवद्गीता के उपदेशों को समकालीन जीवन और राष्ट्रभक्ति से जोड़ते हुए कहा, “गीता केवल आध्यात्मिक ग्रंथ नहीं है, यह जीवन का मार्गदर्शन करने वाला अमूल्य शास्त्र है। गीता का संदेश कर्तव्य, त्याग, और राष्ट्रप्रेम की प्रेरणा देता है। यदि हम गीता के संदेशों को आत्मसात करें, तो हमारा जीवन और राष्ट्र दोनों ही सशक्त होंगे।” उन्होंने आगे कहा, “गीता हमें यह सिखाती है कि हमारा हर कार्य केवल अपने लिए नहीं, बल्कि समाज और राष्ट्र की भलाई के लिए होना चाहिए। सनातन धर्म में निहित मूल्य ही भारत की शक्ति हैं। युवाओं को चाहिए कि वे गीता के संदेशों को समझें और उनके अनुसार जीवन जीएं।”

गणतंत्र दिवस समारोह में देशभक्ति गीतों और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने उत्सव को और अधिक आकर्षक बना दिया। छात्रों ने देशभक्ति से भरी प्रस्तुतियों के माध्यम से अपने भावों को व्यक्त किया। उपस्थित जनसमूह ने इस आयोजन की भूरि-भूरि प्रशंसा की।

कार्यक्रम के अंत में अतिथियों ने युवाओं से सनातन मूल्यों को आत्मसात करने और राष्ट्र निर्माण में योगदान देने की अपील की। इस अवसर पर जितेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा, “सनातन संस्कृति हमारी धरोहर है, और इसे संरक्षित करना हम सबकी जिम्मेदारी है। आज के युवा हमारे भविष्य के निर्माता हैं, और वे ही भारत को विश्वगुरु बनाने में अहम भूमिका निभाएंगे।”

कार्यक्रम का समापन तिरंगे को सलामी और राष्ट्रगान के साथ हुआ। उपस्थित लोगों ने इस आयोजन को समाज में जागरूकता फैलाने का महत्वपूर्ण माध्यम बताया।

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