‘जय जवान, जय किसान’ का नारा आज भी प्रासंगिक, शास्त्री जी की विरासत को जीवंत रखना हर नागरिक का कर्तव्य
दैनिक इंडिया न्यूज़, नई दिल्ली, 2 अक्टूबर: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को उनकी जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय सनातन महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष जितेंद्र प्रताप सिंह ने भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। शास्त्री जी की सादगी, ईमानदारी, और दृढ़ संकल्प की सराहना करते हुए श्री सिंह ने कहा कि शास्त्री जी का जीवन एक आदर्श नेतृत्व का उदाहरण है, जिसे भारत के हर नागरिक को आत्मसात करना चाहिए।
जितेंद्र प्रताप सिंह ने कहा, “लाल बहादुर शास्त्री जी का ‘जय जवान, जय किसान’ का नारा न केवल उस समय के लिए प्रासंगिक था, बल्कि आज भी राष्ट्र निर्माण और आत्मनिर्भरता की दिशा में यह नारा हर भारतीय को प्रेरित करता है। उनके द्वारा दिखाया गया मार्ग हमें याद दिलाता है कि एक सशक्त और समृद्ध राष्ट्र के निर्माण के लिए हमारे जवान और किसान दोनों का सशक्त होना अत्यंत आवश्यक है।”
श्री सिंह ने शास्त्री जी के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि उनका जीवन सादगी और अनुशासन का प्रतीक था। “उनकी विनम्रता और कर्तव्यनिष्ठा ने उन्हें जनता के दिलों में विशेष स्थान दिलाया। एक कठिन समय में उन्होंने देश का नेतृत्व किया और हमारे सैनिकों तथा किसानों के सम्मान के लिए जो कदम उठाए, वह आज भी एक प्रेरणा हैं,” उन्होंने कहा।
उन्होंने आगे कहा कि शास्त्री जी ने न केवल भारत की सुरक्षा को सुदृढ़ किया, बल्कि उन्होंने देश के भीतर आत्मनिर्भरता और कृषि विकास को भी एक नई दिशा दी। “आज जब हम आत्मनिर्भर भारत की बात करते हैं, तो शास्त्री जी के प्रयासों और विचारों को नहीं भुलाया जा सकता। उनकी दूरदर्शी सोच आज भी हमारी नीतियों का मार्गदर्शन करती है,” जितेंद्र प्रताप सिंह ने कहा।
अंत में, उन्होंने सभी नागरिकों से आग्रह किया कि वे शास्त्री जी के आदर्शों का पालन करें और उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए भारत को प्रगति के पथ पर आगे ले जाएं। “शास्त्री जी की विरासत को जीवंत रखना हमारा कर्तव्य है, और उनके सादगीपूर्ण जीवन से हमें देश की सेवा करने की प्रेरणा मिलती है,” श्री सिंह ने अपने संदेश में कहा।