
दैनिक इंडिया न्यूज़ वाराणसी। पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मंडल द्वारा अपने यात्रियों को संरक्षित, सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा अनुभव उपलब्ध कराने के उद्देश्य से स्टेशनों पर कोचों में त्वरित जल आपूर्ति हेतु क्विक वाटरिंग सिस्टम की स्थापना की जा रही है। इस दिशा में अब तक मंडल के बनारस, छपरा और मऊ स्टेशनों पर यह अत्याधुनिक प्रणाली स्थापित की जा चुकी है, जबकि बलिया स्टेशन पर कार्य प्रगति पर है।
इस प्रणाली के माध्यम से 24 कोचों वाली ट्रेनों में केवल पाँच से छह मिनट में पानी भरा जा रहा है, जिससे ट्रेनों के संचालन में किसी प्रकार का विलंब नहीं हो रहा है। क्विक वाटरिंग सिस्टम से कोचों में जल आपूर्ति की उपलब्धता, दबाव, मात्रा, खपत, फ्लो और संबंधित ट्रेन संख्या आदि की रियल टाइम मॉनिटरिंग एक ही स्क्रीन पर संभव हो पाती है। इससे जल आपूर्ति की पारदर्शिता और दक्षता दोनों में वृद्धि हुई है।
इस तकनीकी व्यवस्था से यात्रियों को यात्रा के दौरान आवश्यक जल उपलब्धता सुनिश्चित हुई है, जिससे यात्री संतुष्टि का स्तर भी बेहतर हुआ है। विशेष रूप से लंबी दूरी की और कम ठहराव वाली ट्रेनों में इस प्रणाली का विशेष लाभ मिल रहा है, क्योंकि कम समय में जल रिफिलिंग की सुविधा से ट्रेनों को समय पर रवाना करना आसान हो गया है।
जल संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता दर्शाते हुए वाराणसी मंडल द्वारा प्लेटफार्मों की मैकेनाइज्ड सफाई और कोचों की धुलाई के लिए आधुनिक ऑटोमैटिक कोच वॉशिंग प्लांट का भी उपयोग किया जा रहा है, जिससे पानी की बचत सुनिश्चित हो रही है।
इसके अतिरिक्त, राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (NGT) के निर्देशों के अनुपालन में मंडल के प्रमुख स्टेशनों पर वॉटर रिचार्ज, वॉटर बॉडीज, डी-कम्पोस्ट प्लांट, वाटर हार्वेस्टर, वाटर रिसाइक्लिंग प्लांट और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट जैसी व्यवस्थाओं के माध्यम से जल संरक्षण को सक्रिय रूप से बढ़ावा दिया जा रहा है।
वाराणसी मंडल की यह पहल न केवल यात्रियों को बेहतर सेवाएं प्रदान कर रही है, बल्कि जल संसाधनों के कुशल प्रबंधन और संरक्षण की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है।