
अधिकारियों को मिले सख्त निर्देश, जनता की समस्याओं का होगा तत्काल समाधान हो CM

दैनिक इंडिया न्यूज़ वाराणसी।उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को वाराणसी के सर्किट हाउस में आयोजित जनता दर्शन कार्यक्रम में जनता से सीधे संवाद किया। प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से आए सैकड़ों लोग अपनी समस्याओं और शिकायतों को लेकर मुख्यमंत्री से मिले।
मुख्यमंत्री ने जनता की समस्याओं को गंभीरता से सुनते हुए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि किसी भी शिकायत को टालमटोल की भेंट न चढ़ाया जाए और हर समस्या का समाधान समयबद्ध व गुणवत्तापूर्ण तरीके से किया जाए।
जनता से सीधा संवाद, अधिकारियों पर सख्ती
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री योगी ने कई शिकायतकर्ताओं से व्यक्तिगत रूप से बात की और उनकी समस्याओं को विस्तार से समझा। उन्होंने तत्काल प्रभाव से शिकायतों का संज्ञान लेते हुए मौके पर ही मंडलायुक्त एस. राजलिंगम और जिलाधिकारी सत्येन्द्र कुमार को सभी प्रार्थना पत्र सौंपे और कहा कि “जनता की समस्याओं का निस्तारण ही प्रशासन का पहला दायित्व है। इस कार्य में लापरवाही या ढिलाई किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
जनता में दिखा उत्साह और विश्वास
जनता दर्शन में मुख्यमंत्री से सीधे संवाद करने का अवसर मिलने पर लोगों में उत्साह देखा गया। कई लोग भावुक होते हुए बोले कि उनकी समस्या वर्षों से लंबित थी, लेकिन अब मुख्यमंत्री के सामने रखने से उन्हें समाधान की उम्मीद जगी है।
कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी
इस अवसर पर श्रम एवं सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर, स्टाम्प एवं पंजीयन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवीन्द्र जायसवाल, आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’, वाराणसी के महापौर अशोक तिवारी सहित अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सन्देश
सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश सरकार जनता की उम्मीदों पर खरी उतरेगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि “जनता के हर प्रार्थना पत्र को प्राथमिकता दी जाए और उसका निस्तारण जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप किया जाए। शासन का उद्देश्य जनता की सेवा है, और इस दिशा में कोई समझौता स्वीकार्य नहीं।”
राष्ट्रीय स्तर पर संदेश
वाराणसी में हुए इस जनता दर्शन कार्यक्रम ने यह साफ संदेश दिया है कि उत्तर प्रदेश सरकार जनता की समस्याओं के समाधान के लिए प्रतिबद्ध है। सीएम योगी आदित्यनाथ का यह कदम न सिर्फ वाराणसी बल्कि पूरे प्रदेश और देश के लिए प्रशासनिक जवाबदेही की मिसाल है।