होली: सनातन संस्कृति का प्रतीक, सामाजिक समरसता का उत्सव—महापौर सुषमा खर्कवाल

दैनिक इंडिया न्यूज़ ,लखनऊ। राजधानी लखनऊ में होली के महापर्व पर भव्य आयोजन हुआ, जिसमें आम जनमानस से लेकर शहर के गणमान्य व्यक्तियों तक की उपस्थिति ने इस पर्व को और भी विशेष बना दिया। लखनऊ की महापौर सुषमा खर्कवाल के आवास पर आयोजित इस उत्सव में राष्ट्रीय सनातन महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष जितेंद्र प्रताप सिंह, वरिष्ठ भाजपा नेता नीरज सिंह, महानगर अध्यक्ष आनंद द्विवेदी, पूर्व महानगर अध्यक्ष एवं एमएलसी मुकेश शर्मा, विधायक ओपी श्रीवास्तव, विधायक डॉ. नीरज बोरा, विधायक योगेश शुक्ला, पूर्व महापौर संजुक्ता भाटिया, विधायक रामचंद्र प्रधान, वरिष्ठ भाजपा नेता अमित टंडन, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से वीरेंद्र भाटिया, महासमिति से विनय पांडे, नगर पार्षदगण समेत समाज के प्रतिष्ठित लोग शामिल हुए। इस शुभ अवसर पर लोक संगीत, सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और रंगों के उत्साह से उल्लासपूर्ण वातावरण बना रहा।

महापौर सुषमा खर्कवाल ने इस मौके पर मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, “होली केवल रंगों का पर्व नहीं, बल्कि हमारी सनातन संस्कृति की जीवंत धरोहर है। यह उत्सव हमें हमारी जड़ों से जोड़ता है, हमारे संस्कारों को सुदृढ़ करता है और समरसता का संदेश देता है।” उन्होंने कहा कि यह त्योहार हमें यही सिखाता है कि चाहे परिस्थितियां कैसी भी हों, सत्य की सदा विजय होती है, ठीक वैसे ही जैसे हिरण्यकशिपु के अत्याचार का अंत हुआ और भगवान प्रह्लाद की भक्ति की जीत हुई।

महापौर ने आगे कहा, “होली केवल एक पर्व नहीं, बल्कि हमारे संस्कृत राष्ट्र की गौरवशाली विरासत का प्रतीक है। हमारे ऋषि-मुनियों ने जिन परंपराओं की नींव रखी, वे हमारी आत्मा में बसती हैं। यह पर्व हमें यह संदेश देता है कि सनातन धर्म केवल पूजा-पद्धति नहीं, बल्कि एक जीवनशैली है, जो प्रेम, एकता और सामाजिक सद्भाव को सर्वोपरि रखती है।”

उन्होंने यह भी कहा कि लखनऊ जैसे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक नगर में इस पर्व की अलग ही महिमा है। यहाँ की गलियों में गूंजती फाग, अबीर-गुलाल से सजीं चौक और अमीनाबाद की गलियां, ठाकुरद्वारे में गूंजते होली के पद—यह सब हमारी परंपरा की जीवंत झलक हैं। उन्होंने सभी नागरिकों से आग्रह किया कि इस अवसर पर हम अपने आसपास के लोगों के साथ प्रेम बांटें, आपसी मतभेद भुलाकर समरसता के रंगों में रंग जाएं।

राष्ट्रीय सनातन महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष जितेंद्र प्रताप सिंह ने भी इस आयोजन में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और कहा, “होली केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि सनातन चेतना को जाग्रत करने का पर्व है। यह हमें सिखाता है कि धर्म की रक्षा और सत्य की स्थापना के लिए हर युग में जागरूक रहना आवश्यक है।”

कार्यक्रम में पारंपरिक होली गायन, गुलाल-अबीर की वर्षा और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने माहौल को मंत्रमुग्ध कर दिया। नगरवासी इस आयोजन से भावविभोर हो उठे। अंत में महापौर ने सभी नागरिकों को इस महापर्व की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हमें अपनी सांस्कृतिक विरासत को सहेजते हुए अगली पीढ़ी को इसका महत्व समझाना चाहिए।

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