
दैनिक इंडिया न्यूज़ लखनऊ।हाल ही में एक ग्राहक ने सुरक्षा कारणों से अपना IDFC फर्स्ट बैंक का क्रेडिट कार्ड ब्लॉक कराया था। बाद में उन्होंने नया कार्ड जारी करवाने का अनुरोध किया, लेकिन बैंक की लापरवाही से कार्ड ऐसे मोबाइल नंबर पर भेज दिया गया जो अब ग्राहक के पास उपलब्ध नहीं है। परिणामस्वरूप, कार्ड लौटकर वापस चला गया।
ग्राहक ने जब अपना पता सही कराने के लिए बैंक के कस्टमर केयर से संपर्क किया, तो उन्हें बार-बार परेशान किया गया और उचित समाधान नहीं दिया गया। हैरानी की बात यह है कि ग्राहक अपनी मर्जी से पता अपडेट नहीं करवा पा रहा है, जो न केवल असुविधाजनक है, बल्कि साइबर धोखाधड़ी की संभावना को भी बढ़ाता है।
इस प्रकार की प्रणालीगत समस्याएं उपभोक्ता अधिकारों का हनन हैं और सरकार को इस पर संज्ञान लेते हुए सख्त कदम उठाने चाहिए। बैंकिंग संस्थानों की जिम्मेदारी है कि वे ग्राहक की सुरक्षा और सुविधा को सर्वोच्च प्राथमिकता दें।