वैश्विक भुखमरी सूचकांक 2021 में भारत 101वें स्थान पर, पाकिस्तान-बांग्लादेश और नेपाल से पीछे

ब्यूरो डीडी इंडिया

भुखमरी के मामले में पाकिस्तान, नेपाल और बांग्लादेश से पिछड़ा भारत, 116 देशों की लिस्ट में 101वें नंबर पर है:-

ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2021 की रिपोर्ट में भारत को भुखमरी के लिहाज से “अलार्मिंग” कैटेगरी में रखा गया है।

ग्लोबल हंगर इंडेक्स (GHI)

2021 की लिस्ट जारी हो गई है. इस लिस्ट के अनुसार भारत में भुखमरी की स्थिति पहले से भी ज्यादा चिंताजनक हो गई है।116 देशों की लिस्ट में भारत 101वें नंबर पर आ गया है। इसके पहले 2020 की लिस्ट में भारत 94 वें नंबर पर था. ग्लोबल हंगर इंडेक्स रिपोर्ट में भारत को “अलार्मिंग” हंगर कैटेगरी रखा गया है।भारत भुखमरी के मामले में पाकिस्तान, नेपाल और बांग्लादेश से भी पिछड़ गया है. हालांकि, भारत के पड़ोसी देश नेपाल, बांग्लादेश, म्यांमार, और पाकिस्तान को भी अलार्मिंग” हंगर कैटेगरी में रखा गया है, लेकिन फिर भी इन देशों ने हंगर इंडेक्स में भारत से बेहतर प्रदर्शन किया है.

कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने इस मामले पर ट्वीट करते हुए केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा।सिब्बल ने सरकार के गरीबी मिटाने, भूख मिटाने और भारत को ग्लोबल पावर बनाने के दावों को लेकर सवाल किया है।

कुल 18 देश हैं टॉप पर


GHI की वेबसाइट के मुताबिक, चीन, कुवैत और ब्राजील समेत कुल 18 देशों ने इस इंडेक्स में टॉप रैंक हासिल किया है. इन देशों का GHI स्कोर पांच से भी कम है. 116 देशों की इस लिस्ट में भारत से पीछे केवल 15 देश हैं. ये 15 देश हैं – पापुआ न्यू गिनी (102), अफगानिस्तान (103), नाइजीरिया (103), कांगो (105), मोजाम्बिक (106), सिएरा लियोन (106), तिमोर-लेस्ते (108), हैती (109) ), लाइबेरिया (110), मेडागास्कर (111), कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (112), चाड (113), मध्य अफ्रीकी गणराज्य (114), यमन (115) और सोमालिया (116)

भारत के GHI स्कोर में भी गिरावट

साल 2020 में भारत इस इंडेक्स में 107 देशों में 94वें स्थान पर था. अब 116 देशों में यह 101वें स्थान पर आ गया है. इतना ही नहीं, भारत के GHI स्कोर में भी गिरावट हुई है. साल 2000 में भारत का GHI स्कोर 38.8 था. यह साल 2012-2021 के बीच में गिरकर 28.8 – 27.5 के स्तर पर पहुंच गया है. GHI स्कोर की गणना चार पैमानों के आधार पर की जाती है. ये चार पैमाने हैं – अल्पपोषण, चाइल्ड वेस्टिंग (पांच साल से कम उम्र के ऐसे बच्चे जिनका वजन लंबाई के हिसाब से कम है), चाइल्ड स्टंटिंग (पांच साल से कम उम्र के ऐसे बच्चे जिनकी उम्र के अनुसार लंबाई कम है) और बाल मृत्यु दर (पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर). रिपोर्ट के अनुसार, भारत में चाइल्ड वेस्टिंग 1998-2002 के बीच 17.1 प्रतिशत थी, जो बढ़कर 2016-2020 के बीच 17.3 प्रतिशत हो गई।

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