संस्कृत भाषा के उन्नयन के लिए संस्कृतभारती का प्रयास सराहनीय- डॉ दिनेश शर्मा

ब्यूरो दैनिक इंडिया न्यूज

आज संस्कृतभारती अवधप्रान्त का अवासीय प्रबोधन वर्ग का समापन डा दिनेश शर्मा पूर्व उप मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किया गया।इस अवसर पर संस्कृतभारती के श्री श्रीशदेव पुजारी अखिल भारतीय महामंत्री,श्री जे पी सिंह अध्यक्ष संस्कृतभारती न्यासअवधप्रान्त,श्री कन्हैयालाल झा क्षेत्र संयोजक, श्री सुन्दर लाल उकिल प्रांत अध्यक्ष, श्री गौरव नायक संगठन मंत्री अवधप्रान्त ने मुख्य अतिथि आदरणीय डा दिनेश शर्मा जी के साथ दीप प्रज्वलन कर समापन सत्र का प्रारम्भ किया।
संस्कृतभारती अवध प्रान्त के द्वारा 12 दिवसीय आवासीय प्रबोधन वर्ग बासुदेव डिग्री कॉलेज, अमराई गांव, लखनऊ में आयोजित किया गया। समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रुप में पूर्व उप मुख्यमंत्री उ.प्र. सरकार, डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि
संस्कृत का साहित्य अत्यन्त प्राचीन, विशाल और विविधतापूर्ण है। इसमें अध्यात्म, दर्शन, ज्ञान-विज्ञान और साहित्यध्ययन संस्कृत भाषा के शब्द मूलत रूप से सभी आधुनिक भारतीय भाषाओं में हैं। सभी भारतीय भाषाओं में एकता की रक्षा संस्कृत के माध्यम से ही हो सकती है। संस्कृत भाषा के उन्नयन में संस्कृत भारती का प्रयास सराहनीय है जो हमे बारम्बार गौरवान्वित करता है। नवोदय विद्यालय में संस्कृत पढ़ाने के हेतु उनका संवाद उच्च शिक्षा मंत्री रहते केंद्रीय शिक्षा मंत्री से हुई।

संस्कृत के संवर्धन हेतु हमारी सरकार कृत संकल्पित-डॉ दिनेश शर्मा

हमारे पिछली सरकार के कार्यकाल में 900 से अधिक संस्कृत शिक्षकों की नियुक्ति की गई। संस्कृत भाषा के विकास के लिए अभिनव गुप्त संस्थान के पुनरुद्धार के लिए विशेष बजट की व्यवस्था की। संस्कृतभारती को संस्कृत विद्यालयों में नवनियुक्त शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए प्रस्ताव दिया और कहा कि संस्कृत भाषा के उन्नयन के लिए संस्कृतभारती का प्रयास सराहनीय है। मुख्य वक्ता के रूप में संस्कृतभारती के अखिल भारतीय महामंत्री श्रीश देवपुजारी ने कहा कि संस्कृतभारती भारत में ही नहीं अपितु संपूर्ण विश्व में स्थापित करने हेतु प्रयासरत है। अवध प्रांत भी इसी का घटक है। संस्कृत भारती अवध प्रान्त 7 जिलों से आए प्रतिभागियों ने कथा, अभ्यास, गीत, लेखन, इतिहास के माध्यम से संस्कृत संभाषण का अभ्यास किया। सभी प्रशिक्षार्थी यहां से जाकर अपने-अपने जनपद में संस्कृत का प्रचार-प्रसार करेंगे।कार्यक्रम का संचालन डॉ. अनिल कुमार तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ. रत्नेश त्रिपाठी ने किया।

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