मुख्यमंत्री ने उ0प्र0 के सफल कोविड प्रबन्धन पर आई0आई0टी0 कानपुर के अध्ययन ‘कोविड संग्राम, यूपी माॅडल: नीति, युक्ति, परिणाम’ का विमोचन किया
हरिंद्र सिंह/डीडी इंडिया
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की प्रेरणा, मार्गदर्शन और इन्टरएक्शन से उत्तर प्रदेश में कोविड प्रबन्धन के कार्य को सफलतापूर्वक सम्पादित किया गया है। प्रधानमंत्री जी के ‘04 टी’ के मंत्र-ट्रेस, टेस्ट, ट्रीट एण्ड टीका‘’ से सबसे बड़ी आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में कोरोना को नियंत्रित करने में सफलता मिली है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय तथा नीति आयोग के दिशा-निर्देशों का उत्तर प्रदेश ने अक्षरशः पालन करते हुए कोरोना संक्रमण के नियंत्रण की कार्यवाही को आगे बढ़ाया। इसके कारण प्रदेश सरकार ने तमाम चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना करते हुये कोविड प्रबन्धन का बेहतरीन माॅडल प्रस्तुत किया।
मुख्यमंत्री जी आज यहां लोक भवन में उत्तर प्रदेश के सफल कोविड प्रबन्धन पर आई0आई0टी0 कानपुर के अध्ययन ‘कोविड संग्राम, यूपी माॅडल: नीति, युक्ति, परिणाम’ का विमोचन कर रहे थे। यह अध्ययन आई0आई0टी0 कानपुर के वरिष्ठ प्राध्यापक प्रो0 मणिन्द्र अग्रवाल के नेतृत्व में किया गया। इस अध्ययन के निष्कर्षाें के अनुसार यू0पी0 माॅडल से अनेक लाभ हुए। यू0पी0 माॅडल के तहत संक्रमण को नियंत्रित करने में जहां प्रभावी सफलता मिली, वहीं दूसरी ओर आर्थिक गतिविधियों की निरन्तरता भी बनी रही। इसके अलावा, अन्य राज्यों से प्रदेश में बड़ी संख्या में आये प्रवासी कामगारों और श्रमिकों के साथ-साथ स्थानीय श्रमिकों को रोजगार भी उपलब्ध हुआ।
मुख्यमंत्री जी ने तथ्यों पर आधारित इस अध्ययन के लिए प्रो0 मणिन्द्र अग्रवाल तथा उनकी टीम की सराहना करते हुए कहा कि कोविड नियंत्रण के लिए प्रदेश में किए गये प्रयासों का यह डाॅक्यूमेंटेशन भविष्य में ऐसी परिस्थितियों से निपटने में अत्यन्त उपयोगी सिद्ध होगा। उन्होंने इस अध्ययन की प्रतियां जनप्रतिनिधियों, शासन-प्रशासन के साथ-साथ केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय तथा विभिन्न राज्यों को प्रेषित करने के निर्देश भी दिए। उन्होेंने कहा कि कोरोना की प्रथम लहर के दौरान जाॅन हाॅपकिंस विश्वविद्यालय ने संक्रमण को नियन्त्रित करने के लिए प्रदेश में अपनाये गये माॅडल का अध्ययन किया तथा अब आई0आई0टी0 कानपुर द्वारा प्रदेश के कोविड प्रबन्धन पर अध्ययन किया गया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश के हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया है। पहले देश में केवल एक एम्स था। पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने देश को 06 एम्स दिये। प्रधानमंत्री जी ने एम्स की संख्या 06 से बढ़ाकर 22 कर दी। विगत 07 वर्षाें में देश में 22 एम्स निर्माणाधीन हैं। उन्होंने कहा कि ‘प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना’ के अन्तर्गत प्रदेश में विभिन्न मेडिकल काॅलेज निर्मित कराए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश के हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया है। पहले देश में केवल एक एम्स था। पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने देश को 06 एम्स दिये। प्रधानमंत्री जी ने एम्स की संख्या 06 से बढ़ाकर 22 कर दी। विगत 07 वर्षाें में देश में 22 एम्स निर्माणाधीन हैं। उन्होंने कहा कि ‘प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना’ के अन्तर्गत प्रदेश में विभिन्न मेडिकल काॅलेज निर्मित कराए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश एक बड़ी आबादी का राज्य है। 1947 से 2016-17 तक उत्तर प्रदेश में मात्र 12 से 15 मेडिकल काॅलेज बन पाये थे। आज राज्य के 59 जनपदों में सरकारी अथवा प्राइवेट मेडिकल काॅलेज का अच्छा हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर स्थापित करने में प्रदेश सरकार सफल हुई है। शेष 16 जनपदों में पी0पी0पी0 मोड पर मेडिकल काॅलेज की स्थापना कर हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का 05 साल का कार्यकाल पूर्ण होने तक प्रदेश के सभी 75 जनपदों में 01 मेडिकल काॅलेज अवश्य होगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सुदृढ़ हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर की अहमियत यह है कि प्रधानमंत्री जी द्वारा हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर पर जोर देने के कारण ही हम कोरोना जैसी वैश्विक महामारी को नियंत्रित करने में सफल हुए। आज उत्तर प्रदेश में कोरोना के उपचार के लिये आवश्यक मैनपावर सहित 01 लाख 80 हजार बेड्स की उपलब्धता सुनिश्चित करायी गयी हैं। कोरोना की प्रथम लहर के प्रारम्भ मंे प्रदेश में कोविड जैसी जांच की कोई सुविधा नहीं थी। के0जी0एम0यू0, लखनऊ में प्रदेश में पहली जांच प्रयोगशाला स्थापित की गयी। आज प्रदेश में 04 लाख कोविड टेस्ट प्रतिदिन करने की क्षमता विकसित हो चुकी है।
उन्होंने कहा कि कोरोना को नियंत्रित करने में सभी विभागों ने मिलकर कार्य किया। यह एक टीम वर्क की भावना से ही सम्भव हो सका। इसके लिए राज्य सरकार ने कोविड की प्रथम लहर में टीम-11 और द्वितीय लहर में टीम-9 का गठन किया। 25 मार्च, 2020 से मुख्यमंत्री जी लगभग प्रतिदिन इस टीम की बैठक के माध्यम से सभी विभागों के कार्यों की समीक्षा करते हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2017 में इन्सेफेलाइटिस उन्मूलन के लिए सभी विभागों द्वारा एक साथ मिलकर जो कार्य किये गये वह रोग नियंत्रण के प्रथम माॅडल के रूप में सामने आये। उस समय इन्सेफेलाइटिस से प्रदेश के 38 जनपद प्रभावित थे। इनमें से पूर्वी उत्तर प्रदेश के 07 जनपद ऐसे थे जहां मध्य जुलाई से मध्य नवम्बर तक 1,500 से 2,000 बच्चों की मृत्यु हो जाती थी। मार्च, 2017 के बाद वर्तमान सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन तथा शुद्ध पेयजल पर ध्यान देते हुए अन्तर्विभागीय समन्वय, कन्वर्जेन्स और टीम वर्क से इन्सेफेलाइटिस उन्मूलन का माॅडल प्रस्तुत किया। इन्सेफेलाइटिस उन्मूलन का यह अभियान स्वच्छता के कार्यक्रम के साथ जनपद कुशीनगर में साबुन वितरण के साथ प्रारम्भ किया गया था। इन्सेफेलाइटिस माॅडल को अपनाते हुए कोरोना महामारी पर नियंत्रण स्थापित किया गया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना कालखण्ड में अनेक चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना किया। लाॅकडाउन लागू होने के बाद उत्तर प्रदेश में 40 लाख से अधिक प्रवासी कामगार और श्रमिक आये। इन्हें घरों तक सुरक्षित पहुंचाया गया। इसके लिए भारत सरकार के सहयोग से रेल के साथ-साथ राज्य परिवहन निगम की बसों की व्यवस्था की गयी। कोटा (राजस्थान) में कोचिंग कर रहे प्रदेश के 15,000 छात्र-छात्राओं तथा प्रयागराज में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे 15,000 प्रतियोगी छात्रों को उनके घर सुरक्षित पहुंचाने की व्यवस्था की गयी। इसी दौरान प्रवासी कामगारों और श्रमिकों की स्किल मैपिंग करते हुए उनके लिये रोजगार का प्रबन्ध किया गया। परम्परागत उद्यम के साथ-साथ उनके लिये प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किये गये। बैंकों के माध्यम से लोन की व्यवस्था की गयी। यह सभी कार्य अलग-अलग विभागों द्वारा एक साथ संचालित किये गये।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जब आॅक्सीजन की मांग में अप्रत्याशित वृद्धि हुई, तब प्रयास किया गया कि आॅक्सीजन का संकट न हो। इसके लिये गृृह विभाग के नेतृत्व में एक टीम गठित कर आॅक्सीजन की सुचारु आपूर्ति के प्रबन्ध किये गये। पुलिस पेट्रोलिंग के साथ आॅक्सीजन टैंकरों को उनके गन्तव्य तक पहुंचाया गया। गन्तव्य तक पहुंचाने के बाद आॅक्सीजन की आॅडिट की व्यवस्था भी करायी गयी। आॅक्सीजन आपूर्ति के लिये भारतीय वायु सेवा के विमान तथा भारतीय रेल के माध्यम से आॅक्सीजन के टैंकर उपलब्ध कराये गये। उद्योग जगत ने भी मुक्त हस्त से इस कार्य में सहयोग किया। शीघ्र ही आॅक्सीजन आपूर्ति को सामान्य किया गया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश ने आॅक्सीजन में आत्मनिर्भरता की दिशा में सार्थक कदम बढ़ाये हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री जी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश को पी0एम0 केयर्स फण्ड के माध्यम से 127 आॅक्सीजन प्लाण्ट उपलब्ध गए। इनमें से 124 आॅक्सीजन प्लाण्ट प्रदेश के विभिन्न मेडिकल काॅलेजों और अस्पतालों में लगाये जा चुके हैं। प्रदेश में लगभग साढ़े पांच सौ आॅक्सीजन प्लाण्ट स्थापित होने हैं, जिनमें से 497 आक्सीजन प्लाण्ट अब तक स्थापित किये जा चुके हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना की पहली लहर में लाॅकडाउन के कारण उद्योग धन्धे दो महीने के लिये बन्द किये गये थे। प्रधानमंत्री जी के जीवन और जीविका, दोनों को बचाने के मंत्र के अनुरूप, दूसरी लहर में उद्योग धन्धों तथा कार्यालयों को बन्द न करने का निर्णय लिया। यह व्यवस्था की गयी कि सभी जगह कोविड हेल्प डेस्क स्थापित किये जाएं। 10 से कम कर्मचारी वाले उद्यमों में कोविड हेल्प डेस्क स्थापित कराते हुये इनमें इन्फ्रारेड थर्मामीटर, पल्स आॅक्सीमीटर तथा आवश्यकतानुसार आॅक्सीजन कन्सन्ट्रेटर की उपलब्धता सुनिश्चित करायी गयी। 10 से 25 कर्मियों वाली इकाइयों में कम से कम 02 बेड का कोविड केयर सेन्टर स्थापित कराया गया। यह कार्य अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग तथा एम0एस0एम0ई0 विभाग की देखरेख में सम्पन्न हुआ।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री जी के संकल्प को लागू करते हुए उनकी मंशा के अनुरूप संक्रमण को नियंत्रित करने के लिये कार्य किया। इसके परिणाम सबके सामने हैं। वर्तमान में प्रदेश के लगभग 40 जनपदों में कोरोना का एक भी एक्टिव केस नहीं है। आज 38 जनपद ऐसे है जहां एक भी कोविड पाॅजिटिव का केस नहीं आया। लगभग एक दर्जन जो नये केस सामने आये हैं, जो वह अन्य राज्यों से आये हुए लोगों से सम्बन्धित हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में 72 हजार निगरानी समितियां गठित की गयीं। ग्रामीण क्षेत्र में हर ग्राम पंचायत में निगरानी समिति का गठन हुआ है। प्रत्येक ग्राम पंचायत में 11 से 12 सदस्यीय निगरानी समिति की टीम कार्य कर रही है। प्रत्येक टीम में आंगनबाड़ी कार्यकत्री, आशा वर्कर, ए0एन0एम0, ग्राम प्रधान, पूर्व प्रधान, राजस्वकर्मी, ग्राम्य विकास तथा पंचायतीराज कर्मी शामिल हैं। निगरानी समिति द्वारा डोर टू डोर स्क्रीनिंग, संदिग्ध व्यक्ति को मेडिसिन किट उपलब्ध कराने के साथ-साथ अगले 24 घण्टे के अन्दर आर0आर0टी0 की टीम भेजकर टेस्ट करवाने के यह सभी कार्य एक साथ प्रारम्भ हुए। पहली लहर के दौरान 72 हजार टीमों को पल्स आॅक्सीमीटर, इन्फ्रारेड थर्मामीटर, मास्क, सैनिटाइजर उपलब्ध कराए गये थे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि संक्रमण की सम्भावित तीसरी लहर से निपटने के लिये समय से तैयारियां प्रारम्भ कर दी गयी। इसके लिये एक विशेषज्ञ समिति गठित की गयी। गांव-गांव और हर मोहल्ले तक विभिन्न आयुवर्ग के अनुरूप बच्चों को निगरानी समितियों के माध्यम से मेडिसिन किट वितरित करने का कार्य किया गया। यह कार्य आज भी संचालित हो रहा है। स्वच्छता, सैनिटाइजेशन, फाॅगिंग, शुद्ध पेयजल की आपूर्ति आदि कार्य भी कराये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में अब तक 08 करोड़ से अधिक कोविड टेस्ट किये गये तथा 11 करोड़ 50 लाख से अधिक लोगों को कोविड की वैक्सीन लगायी जा चुकी है।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए पुस्तक कोविड संग्राम, यूपी माॅडल के लेखक प्रो0 मणिन्द्र अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश सरकार ने उचित प्रबन्धन एवं समन्वित प्रयासों से वैश्विक महामारी कोरोना को नियंत्रित करने में सफलता पायी है।