दैनिक इंडिया न्यूज़ नई दिल्ली :नीट 2024 परीक्षा में धांधली के आरोपों ने व्यापक चर्चा का विषय बना दिया है। इस साल 24 लाख से अधिक छात्रों ने इस परीक्षा में भाग लिया, जो 4,750 केंद्रों पर आयोजित की गई थी। परीक्षा के परिणाम घोषित होने के बाद, कई छात्रों ने पेपर लीक और अनियमितताओं के आरोप लगाए।
मुख्य आरोप और अनियमितताएं
इस साल नीट परीक्षा के परिणामों में असामान्यताएं देखने को मिली हैं। लगभग 67 छात्रों ने 99.997129 पर्सेंटाइल स्कोर किया है, जो सामान्य से काफी अधिक है। कुछ परीक्षा केंद्रों पर पेपर लीक होने की खबरें आईं और कई छात्रों को अनियमित ग्रेस मार्क्स दिए जाने के आरोप लगे हैं। छात्रों का आरोप है कि इस साल असाधारण रूप से उच्च अंक प्राप्त हुए हैं और कई छात्रों ने 720 में से पूर्ण 720 अंक प्राप्त किए हैं, जो असामान्य है।
सरकारी प्रतिक्रिया और जांच
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने इन आरोपों को खारिज करते हुए बताया कि कुछ छात्रों को परीक्षा के दौरान समय की हानि के कारण मुआवजा अंक दिए गए थे। इसके बावजूद, सुप्रीम कोर्ट ने NTA और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है और इस मामले की जांच की मांग की है। कोर्ट ने कहा कि परीक्षा की शुचिता को बहाल करने के लिए पारदर्शी और निष्पक्ष जांच आवश्यक है।
विपक्ष का आरोप
विपक्षी नेताओं ने इस घोटाले को “अस्वीकार्य” और “अक्षम्य” करार दिया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश और प्रियंका गांधी ने सरकार की निष्क्रियता पर सवाल उठाते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। उनका कहना है कि यह देश के लाखों छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है और सरकार को इस मामले की सच्चाई सामने लानी चाहिए।
न्यायालय की प्रतिक्रिया
सुप्रीम कोर्ट ने 11 जून 2024 को NTA और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया और मामले की अगली सुनवाई 8 जुलाई को निर्धारित की है। कोर्ट ने यह भी कहा कि परीक्षा की शुचिता बहाल करने के लिए पारदर्शी और निष्पक्ष जांच आवश्यक है।
नीट 2024 घोटाला न केवल छात्रों के लिए बल्कि पूरे परीक्षा तंत्र के लिए एक गंभीर मुद्दा बन गया है। अब सभी की निगाहें सुप्रीम कोर्ट की जांच और उसके परिणामों पर हैं, जिससे यह पता चलेगा कि इस परीक्षा की शुचिता को कैसे बहाल किया जाएगा।