लखनऊ।समाजवादी पार्टी के बागी विधायक और उत्तर प्रदेश विधानसभा के उपाध्यक्ष पद के प्रत्याशी नितिन अग्रवाल ने बीजेपी की प्रशंसा करते हुए रविवार को कहा कि सत्तारूढ़ दल विधानसभा उपाध्यक्ष जैसी संस्था में विश्वास रखता है इसलिए 14 साल बाद वह इस पद के लिए चुनाव करा रहा है।
बीजेपी द्वारा समर्थित समाजवादी पार्टी (सपा) के बागी विधायक नितिन अग्रवाल का उत्तर प्रदेश विधानसभा उपाध्यक्ष चुना जाना लगभग तय है। मतदान सोमवार को होगा। उल्लेखनीय है कि परंपरागत तौर पर मुख्य विपक्षी दल के विधायक को ही विधान सभा उपाध्यक्ष बनाया जाता रहा है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने सपा के बागी विधायक नितिन अग्रवाल को समर्थन दिया है। नितिन अग्रवाल के पिता एवं पूर्व सांसद नरेश अग्रवाल 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले सपा छोड़कर भाजपा में शामिल हो गये थे।
हरदोई से तीन बार विधायक चुने जा चुके नितिन ने विधानसभा उपाध्यक्ष पद का नामांकन दाखिल करने के बाद ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में आरोप लगाया कि 2007 के बाद राज्य में बनी सरकारों ने विधानसभा उपाध्यक्ष के पद पर किसी की भी नियुक्ति नहीं की क्योंकि उन्हें इस संवैधानिक पद में विश्वास ही नहीं था।
विधानसभा अध्यक्ष जब भी उचित समझें तब उपाध्यक्ष का चुनाव कराया जा सकता है।’’ विधानसभा उपाध्यक्ष का चुनाव सोमवार को सदन के विशेष सत्र के दौरान कराया जाएगा। इस चुनाव में मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने महमूदाबाद सीट से पार्टी विधायक नरेंद्र सिंह वर्मा को उम्मीदवार बनाया है। नितिन तकनीकी रूप से तो समाजवादी पार्टी के विधायक हैं लेकिन उन्हें सत्तारूढ़ भाजपा का समर्थन हासिल है लिहाजा उनका विधानसभा उपाध्यक्ष चुना जाना लगभग तय है। इससे पहले वर्ष 2004 में राजेश अग्रवाल को विधानसभा उपाध्यक्ष निर्विरोध चुना गया था। वह 2007 तक इस पद पर रहे थे।