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इस्कॉन मंदिर द्वारा निकली गयी भव्य रथ यात्रा
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दैनिक इंडिया न्यूज़, 7 जुलाई 2024, लखनऊ: राजधानी लखनऊ के रविंद्रालय में आज इस्कॉन मंदिर समिति के पूज्य गुरु प्रभु देवकीनंदनप्रभु क्षेत्रीय सचिव (उत्तरप्रदेश, बिहार, राजस्थान, गुजरात) ने भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा की कथा सुनाई। कथा सुनकर भगवान श्री कृष्ण के भक्तों में भक्ति की लहर दौड़ गई, और हर थोड़े-थोड़े देर बाद “हरे कृष्णा हरे कृष्णा, राधे,राधे” के जयघोष से वातावरण गूंज उठा।
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प्रभु देवकीनंदन ने भगवान जगन्नाथ की पौराणिक कथा का सुंदर और भावपूर्ण वर्णन किया। उन्होंने बताया कि कैसे भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा हर साल पुरी के गुंडिचा मंदिर की यात्रा पर निकलते हैं। उन्होंने कथा के माध्यम से यह भी बताया कि यह यात्रा भक्तों के लिए कितनी महत्वपूर्ण है और इसमें शामिल होने से उनके सारे पाप धुल जाते हैं और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है।
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कथा सुनते समय भक्तगण अत्यंत भावविभोर हो गए। कथा के हर महत्वपूर्ण हिस्से पर भक्तगण “हरे कृष्णा हरे कृष्णा, हरे रामा हरे रामा” का जयघोष करने लगे। इस दौरान प्रभु देवकीनंदन ने भी भक्तों के साथ भजन-कीर्तन में हिस्सा लिया, जिससे माहौल और भी भक्तिमय हो गया। कथा के दौरान उपस्थित लोगों में भक्ति और श्रद्धा की भावना इतनी प्रबल थी कि पूरा रविंद्रालय भगवान श्री जगन्नाथ के भक्ति रस में डूब गया।
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इस विशेष अवसर पर इस्कॉन ग्रुप लखनऊ के अध्यक्ष प्रभु अपरिमेय श्याम दास जी ने राष्ट्रीय सनातन महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष जितेंद्र प्रताप सिंह को मंच पर बुलाकर प्रभु देवकीनंदन जी के करकमलों अंगवस्त्र, पुष्पमाला से सम्मानित किया। प्रभु अपरिमेय जी ने भगवान जगन्नाथ प्रभु का चित्र प्रस्तुत किया और सुशोभित पुष्पों की माला से जितेंद्र प्रताप सिंह का सम्मान किया। इस अवसर पर जितेंद्र प्रताप सिंह ने इस पावन कार्य हेतु शुभकामनाएं ज्ञापित कीं और प्रभु देवकीनंदन का धन्यवाद सहितसाधुवाद दिया। उनकी उपस्थिति और सम्मान ने इस कार्यक्रम की गरिमा को और बढ़ा दिया।
प्रभु देवकीनंदन ठाकुर ने इस महत्वपूर्ण दिन पर भक्तों को संबोधित करते हुए कहा, “आज के इस खास दिन पर हम सब मिलकर प्रभु को प्रसन्न करने के लिए गाते और नृत्य करते हैं। यह भक्ति का सर्वोच्च रूप है जिससे हम भगवान के निकट पहुंच सकते हैं।” उनके इस संदेश ने भक्तों के दिलों में भक्ति और समर्पण की भावना को और भी मजबूत कर दिया।
कथा सुनने आए भक्तों में सभी आयु वर्ग के लोग शामिल थे। इस आयोजन ने लखनऊ के लोगों में धार्मिक जागरूकता और भक्ति भावना को और प्रबल किया। कथा के समापन पर, सभी भक्तों ने प्रभु देवकीनंदन का धन्यवाद जयघोष से किया और उनका आशीर्वाद प्राप्त किए।
इस प्रकार की धार्मिक कथाएं समाज में न केवल भक्ति और श्रद्धा का संचार करती हैं, बल्कि हमें हमारी समृद्ध संस्कृति और परंपराओं से जोड़ती हैं। प्रभु देवकीनंदन द्वारा प्रस्तुत भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा की कथा ने लखनऊ के भक्तों के दिलों में एक अनोखी छाप छोड़ी और उन्हें भगवान के प्रति अपने समर्पण को और भी मजबूत करने का अवसर प्रदान किया।
यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण था। इससे यह स्पष्ट हो गया कि भक्ति और प्रेम का मार्ग ही हमें ईश्वर के समीप ले जा सकता है।