सर्वपितृ अमावस्या पर झूलेलाल वाटिका में 108 कुण्डीय महायज्ञ व सामूहिक श्राद्ध के साथ 11 हजार दीपों का हुआ दान

पितरों, पूर्वजों की आत्मिक शांति व मोक्ष के लिए भव्य स्तर पर समाविष्ट तर्पण एवं दीपदान कार्यक्रम हुआ संपन्न

दैनिक इंडिया न्यूज लखनऊ।

हिन्दू धर्म का व्यक्ति अपने जीवित माता-पिता की सेवा तो करता ही है, उनके देहावसान के बाद भी उनके कल्याण की भावना करता है एवं उनके अधूरे शुभ कार्यों को पूर्ण करने का प्रयत्न करता है। ‘श्राद्ध-विधि’ इसी भावना पर आधारित है। इस बार सर्वपितृ अमावस्या 25 सितंबर को था।

राजधानी में बीते रविवार को सर्वपितृ अमावस्या के मौके पर गोमती नदी किनारे झूलेलाल वाटिका में श्री ठाकुरजी मंदिर ट्रस्ट के तत्वावधान में 108 कुण्डीय मां पीतांबरा महायज्ञ, पितरों, पूर्वजों की आत्मिक शांति व मोक्ष के लिए भव्य स्तर पर समाविष्ट तर्पण एवं 11हजार दीपों से दीपदान कार्यक्रम का आयोजन सांय 4 बजे से शुरू हुआ।

कार्यक्रम के प्रेरणास्त्रोत अनन्तश्री विभूषित दंडीस्वामी रामाश्रम महाराज रहें। इस अवसर पर मुख्य अतिथि स्वतंत्र देव सिंह जनशक्ति मंत्री, जे पी सिंह अध्यक्ष संस्कृत भारती न्यास अवध प्रान्त, अशोक बाजपेई राज्यसभा सदस्य, जुगल किशोर पूर्व सांसद सहित विभिन्न सामाजिक संगठनों के सदस्यों, पदाधिकारियों ने अपनी उपस्थिति में पूर्वजों के मोक्ष प्राप्ति व सनातनी, जिनमें हजारों-हजार कश्मीरी पंडित जिन्हें विधर्मी आतताईयों के हाथों निर्मूल विनाश प्राप्त हुआ और उनके वंश में कोई जीवित न होने के कारण ऐसी पुण्य आत्माएं मोक्ष प्राप्त न कर पाईं, ऐसे पितरों को याद कर उनके मोक्ष निमित्त, सर्व पितृ अमावस्या पर दीपदान एवं श्राद्ध का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में हिन्दू धर्मा विलंबी उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में प्रसाद वितरण व भंडारे का आयोजन किया गया है।

कार्यक्रम के अंत में महराज रामाश्रम ने अवगत कराया कि आगामी 22 जनवरी से 30 जनवरी 2023 में गुप्त नवरात्रि में 108 कुंडीय महायज्ञ का आयोजन राष्ट्र उत्थान व सनातन संस्कृति से विश्व को आलोकित करने के लिए किया जाएगा।

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