हरिंद्र सिंह/दैनिक इंडिया न्यूज
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी आज यहां साइंटिफिक कंवेन्शन सेण्टर, के0जी0एम0यू0 में भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी की पुण्यतिथि पर आयोजित श्रद्धांजलि समारोह में सम्मिलित हुए। उन्होंने श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर अटल बिहारी वाजपेयी मेमोरियल फाउण्डेशन द्वारा अटल जी के जीवन चरित्र पर आधारित ‘विश्व स्वर, अटल अमर’ की संगीतमय प्रस्तुति की गयी। मुख्यमंत्री जी ने इस संगीतमय प्रस्तुति का अवलोकन किया। साथ ही, उन्होंने श्रद्धेय अटल जी के साथ रहे उनके 10 साथियों को सम्मानित भी किया।
इस अवसर पर कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि स्व0 अटल जी भारत के लोकतांत्रिक इतिहास का एक ऐसा चमकता सितारा हैं, जिनकी सर्वस्वीकार्यता 06 दशक तक राजनीति के क्षितिज पर रही। अटल जी ने देश और दुनिया के सामने भारत को एक नई पहचान दी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश अटल जी के पूर्वजों की भूमि थी। स्व0 अटल जी ने एक पत्रकार एवं सांसद के रूप में उत्तर प्रदेश की धरती को अपनी कर्मभूमि के रूप में चुना। पहले वह बलरामपुर से सांसद बने। बाद में, पांच बार संसद में लखनऊ का प्रतिनिधित्व करके तीन बार देश के प्रधानमंत्री बने।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राजनीति केवल राजनीति के लिए नहीं, बल्कि मूल्यों और सिद्धान्तों के लिए होनी चाहिए। देश के समग्र विकास की होनी चाहिए। इन्हें स्थापित करने का श्रेय स्व0 अटल जी को जाता है। उन्होंने कहा कि अटल जी में अनेक दिव्य गुण थे। वह एक पत्रकार, लेखक, कवि व जनप्रिय राजनेता थे। सम व विषम परिस्थितियों में व्यक्ति कैसे कार्य करे, यह अटल जी के व्यक्तित्व में झलकता है। उन्होंने कहा कि भारत जैसे देश में लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमें कैसे मिलकर कार्य करना है यह सब स्व0 अटल जी ने हमें सिखाया। चाहे वह सत्ता पक्ष में रहे हों या विपक्ष में रहे हों, हर दल में स्व0 अटल जी के बारे में लोगों के मन में एक पवित्र श्रद्धा व धारणा थी। लोग उसी श्रद्धाभाव के साथ उन्हें सम्मान भी देते थे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारत के लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए अटल जी कहा करते थे कि लोकतंत्र की यही भावना है कि आदमी न ऊंचा होता है, न नीचा होता है, न बड़ा होता है, न छोटा होता है, आदमी सिर्फ आदमी होता है। इसमें लोकतंत्र का सबकुछ समाहित है। यही तो एक राजनेता के विराट व्यक्तित्व को देश और दुनिया के सामने भारत को एक नई पहचान दे रहा है। अटल जी के नेतृत्व में केन्द्र में बनी सरकार में जिस प्रकार के विकास कार्य हुए, वह सर्वविदित हैं। स्व0 अटल जी ने जो नींव रखी, आज उस पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में देश पूरी मजबूती के साथ दुनिया के सामने विकास, लोक कल्याण, सुशासन का मॉडल खड़ा कर रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जो सपना कभी एक संकल्प के रूप में श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पं0 दीनदयाल उपाध्याय जी ने देखा था, उन संकल्पों को स्व0 अटल जी एवं उनके बाद प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में पूरा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान केन्द्र सरकार द्वारा अपनी विरासत को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए क्या कुछ किया गया, यह आप सबके सामने है। कश्मीर में धारा-370 को समाप्त करने, अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर भगवान राम के भव्य मंदिर के कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के साथ ही गरीब कल्याण के कार्यक्रम भी संचालित किए जा रहे हैं। देश में पहली बार जन-जातीय समुदाय से भी देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी का राष्ट्रपति के रूप में चयन यह सिद्ध करता है कि अंतिम पायदान पर बैठा व्यक्ति भी सत्ता के शीर्ष सिंहासन तक पहुंच सकता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि लखनऊ में अटल जी के नाम पर मेडिकल विश्वविद्यालय स्थापित हो रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार श्रमिकों, निराश्रित एवं अनाथ बच्चों के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त 18 अटल आवासीय विद्यालयों का निर्माण प्रदेश में सभी मण्डलों में कर रही है। अगले सत्र में इन सभी विद्यालयों में बच्चों का प्रवेश प्रारम्भ कर उनको शिक्षा प्रदान की जाएगी।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री ब्रजेश पाठक , श्री केशव प्रसाद मौर्य तथा जल शक्ति मंत्री श्री स्वतंत्र देव सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर अभिनेता श्री अरुण गोविल ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
कार्यक्रम के दौरान वन्दे मातरम गीत भी गाया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी का स्वागत अंग वस्त्र तथा अटल जी की प्रतिमा प्रदान कर किया गया।
इस अवसर पर कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही, उप मुख्यमंत्री श्री ब्रजेश पाठक, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, अरुण गोविल, जितेंद्र प्रताप सिंह, गोपालजी टण्डन सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण तथा गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।