100 से अधिक लोगों की मौत के बाद भी पहचान नहीं हुई, रेल मंत्री का दावा- घटना का कारण पता चल गया

बड़ी संख्या में पहुचे RSS कार्यकर्ताओं को देखकर डॉक्टर भी हैरान हुए, देवदूत बन की मदद, घायलों के लिए 500 यूनिट किया रक्तदान

बालासोर : ज़िंदगी को पटरी पर लाने के लिए, 1000 लोगों की रेस्क्यू टीम, 36 घंटे से ज्यादा समय तक डॉक्टर-नर्स और इंजीनियर कर रहे संघर्ष

ट्रेन दुर्घटना को लेकर ममता बनर्जी और अश्विनी वैष्णव के बीच हुई तीखी बहस

ओडिसा रेल हादसे की जांच का मामले अब पहुँचा सुप्रीम कोर्ट

ओडिसा रेल हादसे पर अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने जताया शोक

दैनिक इंडिया न्यूज ; बालासोर के बहनागा बाजार में हुए रेल हादसे में जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 288 तक पहुंच गई है, जो शुक्रवार को हुआ था। इस हादसे में 1175 लोग घायल हुए थे और उन्हें अस्पतालों में भर्ती कराया गया। इसमें से 793 लोगों को छुट्टी दे दी गई है, जबकि 382 लोगों का इलाज अभी भी जारी है। दो लोगों की स्थिति गंभीर बताई जा रही है। रेलवे ने मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायल लोगों को 2 लाख रुपये और अन्य घायल लोगों को 50,000 रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद ओडिशा पहुंचे और इस दुःखद घटना की जांच करवाई। इस दौरान रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भी मौजूद रहे और उन्होंने हालात की समीक्षा की।

ओडिशा रेल हादसे में RSS स्वयंसेवकों ने देवदूत बन की मदद, घायलों के लिए 500 यूनिट किया रक्तदान

ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार (2 जून) शाम को हुई भीषण रेल दुर्घटना के बाद, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सैकड़ों स्वयंसेवक राहत और बचाव कार्य में जुटे हुए हैं। संघ के स्वयंसेवकों ने करीब 500 यूनिट रक्तदान किया है। बालासोर जिले के बहनागा रेलवे स्टेशन के पास हुए इस भीषण ट्रेन हादसे के बाद, संघ के स्वयंसेवक तुरंत घटना स्थल पर पहुंच गए थे।

पहले ही, लगभग साढ़े सात बजे तक, एनडीआरएफ और प्रशासन की टीमें घटनास्थल पर पहुंच गई थीं। जहां दुर्घटना हुई, वहां स्थित बहनागा गांव में संघ की शाखा होने के कारण शुरुआत में ही कम संख्या में स्वयंसेवक पहुंच गए थे, लेकिन रात तक आते-आते लगभग ढाई सौ स्वयंसेवकों ने दुर्घटना स्थल पर प्रशासन और राहत कार्यों में जवानों की सहायता की। दरअसल, बालासोर के RSS के व्हाट्सएप ग्रुप में हादसे की जानकारी के साथ ही रक्तदान करने की अपील की गई थी। इसके बाद कार्यकर्ता हॉस्पिटल पहुँच गए।

स्वयंसेवक घायलों को निकालते रहे पूरी रात

राहत और बचाव कार्यों में कोई देरी नहीं हुई, इसलिए स्वयंसेवकों ने तत्काल प्रभाव से ऑटो और मोटरसाइकिल से घायलों को अस्पताल ले जाना शुरू कर दिया। स्वयंसेवक रमेश विपरीत परिस्थितियों में बोगी के अंदर जाकर पूरी रात घायलों को निकालते रहे और अन्य स्वयंसेवक उन्हें अस्पताल तक पहुंचाने में सहायता करते रहे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों ने प्रशासन और बचाव कार्यों में लगे विभिन्न एजेंसियों के जवानों के साथ मिलकर दुर्घटना में फंसे हुए घायल यात्रियों की सहायता की।

स्वयंसेवकों ने घटनास्थल से लेकर अस्पताल तक राहत और बचाव कार्यों में लगे रहे। उन्होंने शवों को निकालकर एंबुलेंस तक पहुंचाया, घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया, खून की व्यवस्था की और भोजन और पानी की व्यवस्था की।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, हिंदू जागरण मंच, बजरंग दल, सेवा भारती के सैकड़ों कार्यकर्ता ने निरंतर राहत और बचाव कार्यों में योगदान दिया। इस भयानक दुर्घटना में जीवन गंवाने वाले यात्रियों के शवों को लेने में उनके परिजनों की मदद करने के अलावा, स्वयंसेवक भी लगातार रहे। सेवा विभाग से जुड़े स्वयंसेवक ने कटक के एससीबी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में सक्रिय भूमिका निभाई। संघ के क्षेत्रीय सेवा प्रमुख जगदीश खाडंगा और प्रांत सेवा प्रमुख शांतनु माझी भी दुर्घटनास्थल पर मौजूद थे और उनके प्रत्यक्ष निरीक्षण के तहत यह कार्य किया गया।

रेल हादसे में अभी तक100 से अधिक लोगों की पहचान नहीं हुई है।

ओडिशा रेल हादसे में 100 से अधिक शवों को भुवनेश्वर एम्स भेजा गया है। सूत्रों के अनुसार, ये शव बालासोर में पाए जाते हैं। ये सभी शव ऐसे हैं जिनकी पहचान अभी तक नहीं हुई है या फिर कोई उन्हें लेने नहीं आया है।

ट्रेन दुर्घटना को लेकर ममता बनर्जी और अश्विनी वैष्णव के बीच हुई तीखी बहस

इस रेल दुर्घटना में मरने वालों की संख्या को लेकर केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच असहमति देखी गई। वैष्णव ने ममता बनर्जी के साथ मौतों की सही संख्या बताने की बात कही और कहा कि मौतें 500 से अधिक हो सकती हैं। जबकि ममता बनर्जी ने कहा, “मैंने सुना है कि यह (मौतों का आंकड़ा) 500 हो सकता है।” वैष्णव ने दावा किया कि बचाव कार्य पूरा हो गया है।

ट्रेन दुर्घटना की सूचना एनडीआरएफ जवान ने दी थी

एक एनडीआरएफ जवान ने कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन हादसे की सूचना दी थी। यह संभावित है कि वह पहला व्यक्ति था जिसने आपातकालीन सेवाओं को ट्रेन हादसे के बारे में सूचित किया था। इससे पहले कि उन्हें बचाव कार्य में शामिल होने का मौका मिले। इस हादसे में, एनडीआरएफ जवान वेंकटेश एन. के. छुट्टी पर थे और उनकी यात्रा पश्चिम बंगाल के हावड़ा से तमिलनाडु थी। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, वेंकटेश ने अपने कोच बी-7 की जांच की और इसलिए उन्हें हादसे से बच गए क्योंकि उनका कोच ट्रैक से उतर गया था, हालांकि उनके कोच की टक्कर अगले कोचों से नहीं हुआ। वे थर्ड एसी कोच में यात्रा कर रहे थे और उनकी सीट संख्या 58 थी।

घायलों के मसीहा बने वेंकटेश

कोलकाता में स्थित एनडीआरएफ के दूसरे बटालियन में सेवारत 39 वर्षीय वेंकटेश ने सबसे पहले अपने वरिष्ठ निरीक्षक को फोन करके हादसे की जानकारी दी। उसके बाद, उन्होंने व्हाट्सएप पर साइट की लाइव लोकेशन को एनडीआरएफ नियंत्रण कक्ष को भेजा और इसका उपयोग बचाव दल को मौके पर पहुंचने के लिए किया।

वेंकटेश ने कहा, “मुझे एक जबरदस्त झटका लगा… और उसके बाद मैंने अपने कोच में कुछ यात्रियों को गिरते हुए देखा। मैंने पहले एक यात्री को बाहर निकाला और उन्हें रेलवे ट्रैक के पास एक दुकान में बिठाया… फिर मैं दूसरों की मदद के लिए दौड़ा।”

रेल मंत्री दावा करते हैं – घटना का कारण पता चल गया है

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दावा किया है कि ओडिशा के बालासोर में हुए रेल हादसे के कारण का पता चल गया है। उन्होंने कहा, “कल प्रधानमंत्री जी ने बोला है कि काम चल रहा है। इस घटना के कारण का पता चल गया है। बुधवार सुबह तक हालत सामान्य हो जाएगी.”

ओडिशा त्रासदी: रेल हादसे की जांच का मामले अब पहुँचा सुप्रीम कोर्ट तक

बालासोर रेल हादसे की जांच के लिए वकील विशाल तिवारी द्वारा सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है। इस याचिका में, पूर्व जस्टिस की अध्यक्षता में जांच आयोग और रेलवे सुरक्षा के लिए विशेषज्ञ कमिटी की मांग की गई है। साथ ही, ‘कवच’ सिस्टम को रेल दुर्घटना से बचाने के लिए तत्परता से जल्द से जल्द लागू करने की मांग भी की गई है।

दो दिनों से घटनास्थल पर डटे रेल मंत्री, प्रधानमंत्री ने फोन पर की बात

पीएम नरेंद्र मोदी ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से फोन पर बातचीत की है। प्रधानमंत्री ने अश्विनी वैष्णव से कार्य प्रगति की जानकारी मांगी और उन्हें पीड़ितों की सहायता के लिए संभव प्रयास के निर्देश दिए। अश्विनी वैष्णव पिछले दो दिनों से घटनास्थल पर अधिकारियों के साथ बंधे हुए हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने यह बताया कि रेलवे में 3 लाख पद खाली हैं और इनमें से कुछ पदों को 9 सालों से भरा नहीं गया है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को इस बात पर सवाल उठाया कि वे हरी झंडी दिखाने में व्यस्त रहते हैं, लेकिन रेल सुरक्षा को ध्यान नहीं देते। उन्होंने कहा कि इसे सुधारने के लिए ऊपर से नीचे तक के पदों की जवाबदेही तय करनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोका जा सके और हादसे के पीड़ितों को न्याय मिल सके। वे ने यह भी कहा कि PMO द्वारा भर्ती किए जाने वाले बड़े अधिकारियों के पद भी खाली हैं और इन्हें 9 सालों में क्यों नहीं भरा गया है।

बालासोर पहुच कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने राहत बचाव कार्यों में जुटी टीमों की कि सराहना

पूर्व केंद्रीय रेल मंत्री और कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी बालासोर के हादसे के स्थान पर पहुंचे। उन्होंने कहा, “घटना के बाद जो भी कार्य होने चाहिए, वह हो रहे हैं। मैं यह कहना चाहूंगा कि हमारी कोशिश कामयाब हो रही है, हम यह काम कर रहे हैं। मैं राहत टीमों की सराहना करना चाहता हूं। ये सभी कार्य घटना के बाद हो रहे हैं। यदि हम इस तरह की तत्परता को पहले दिखाते, तो शायद हमें यह हादसा देखने का सामर्थ्य नहीं मिलता.”

AIIMS भुवनेश्वर में ले जाए गए बालासोर ट्रेन हादसे के मृतकों के शव

बालासोर ट्रेन हादसे के मृतकों के शवों को AIIMS भुवनेश्वर में ले जाया गया है। DCP प्रतीक सिंह ने बताया, “मृत्यु की संख्या में से 160 शवों को यहां लाया जा रहा है। AIIMS में सबसे बड़ा केंद्र है जहां करीब 100 शवों को संभाला जा सकता है और अन्य शवों को अन्य अस्पतालों में रखा जाएगा। सभी शवों की तस्वीरें लेकर एक डेटाबेस तैयार किया जा रहा है जिससे शवों के परिचित लोग हेल्प डेस्क पर फोटो देखकर पहचान सकेंगे कि उन्हें कौन सा अस्पताल जाना होगा।”

रेस्क्यू ऑपरेशन सफल, पटरियां दुरुस्त करने का काम तेजी से चल रहा है

बालासोर ट्रेन हादसे में 288 लोगों की मौत के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन सफलतापूर्वक पूरा हो गया है और अब पटरियां दुरुस्त करने का काम तेजी से चल रहा है। अब तक हावड़ा-चेन्नई रूट की 90 ट्रेनें रद्द की गई हैं और 46 ट्रेनों का रूट बदल दिया गया है। उम्मीद है कि कल तक ट्रैक दुरुस्त हो जाएगा।

ओडिसा रेल हादसे पर अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने जताया शोक

अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने ओडिशा में हुए भयावह ट्रेन हादसे के लिए शोक व्यक्त किया। उन्होंने पीड़ितों के लिए प्रार्थना की और उन्होंने बताया कि उन्हें और उनकी पत्नी को इस दुर्घटना से बहुत दुख हुआ है। ह्वाइट हाउस द्वारा जारी बयान में राष्ट्रपति ने यह संदेश दिया कि हम उन परिवारों और घायलों के प्रति संवेदनशील हैं जो इस हादसे में अपनों को खो चुके हैं। अमेरिका इस दुःख की घड़ी में भारतीय लोगों के साथ खड़ा है।

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