सिर्फ घोटालों के ‘खेल’ में माहिर थी पिछली सरकारः सीएम योगी 

◆खेल पर दिए बयान को लेकर नेता विपक्षी दल को सीएम योगी ने घेरा 

◆सीएम ने कहा- इनके समय में प्रदेश में चल रहा था घोटालों का खेल  

◆ये क्रिकेट खेलते थे और पहली बॉल में हो जाते थे कैच आउटः सीएम 

◆अच्छे खिलाड़ी होते तो खेल पुरस्कार के लिए भेज देते नामः योगी 

हरिंद्र सिंह दैनिक इंडिया न्यूज लखनऊ, 25 फरवरी। राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए सीएम योगी ने विपक्ष के हर हमले का करारा जवाब दिया। उन्होंने नेता विपक्षी दल अखिलेश यादव को उनके खेल पर दिए गए बयान पर उनके समय की याद दिलाते हुए कहा कि इनके समय में बहुत खेल होते थे। लैपटॉप घोटाले का खेल, खाद्यान्न घोटाले का खेल, गोमती रिवर फ्रंट का खेल। कैग की रिपोर्ट अभी आई है उन्होंने इनके कार्यकाल का 97 हजार करोड़ के घोटाले का उल्लेख किया है। भर्ती घोटाले का खेल भी प्रदेश में हुआ है। भर्तियों में जमकर भ्रष्टाचार और प्रतिभा के साथ छल, ये भी खेल होता था और मुजफ्फरनगर के दंगे, मथुरा में रामवृक्ष कांड का खेल, पत्रकार को जिंदा जलाने का खेल समेत बुंदेलखंड क्राइसिस, भू माफिया के खेल चल रहे थे। यही नहीं आतंकियों पर मुकदमे वापस लेने का भी खेल चल रहा था। ये खेल कहां तक लेकर जाएंगे ये लोग। मुझे ऐसा कुछ नहीं खेलना। मैं एक सामान्य व्यक्ति हूं। हर एक के साथ सद्भावना के साथ पेश आता हूं। सम्मानजनक व्यवहार करता हूं। सबका साथ और सबके विकास की बात करता हूं।

पहली बॉल में कैच आउट, ये है इनका क्रिकेट 

सीएम योगी ने अखिलेश पर चुटीले अंदाज में भी प्रहार किया। उन्होंने कहा कि यहां पर नेता विरोधी दल के मुख से एक नई चर्चा भी सुनने को मिली खेल के बारे में। वो कह रहे थे कि आप अकेले मैच क्यों देख रहे हैं। भाई मैं तो अकेला ही हूं, अकेले ही आया हूं और अकेले ही जाना है। मुझे लगा कि नेता विरोधी दल बड़े खिलाड़ी होंगे तो उनका नाम किसी पुरस्कार के लिए भेज देते हैं। मुझे लगा कि मेरे पूर्ववर्ती सीएम का नाम यदि मेजर ध्यानचंद्र खेल रत्न पुरस्कार में आ जाए तो अच्छी बात होगी। ये कैसे खेलते थे समाचार पत्रों में इसका उदाहरण देखने को मिला। इसमें लिखा था कि सीएम के आते ही बरसे रन…12वें ओवर में सीएम का शॉट सीधे कप्तान आलोक रंजन के हाथ में चिपक गया। ये क्रिकेट खेल रहे हैं, पहली बॉल में कैच आउट हो रहे हैं। लेकिन वहां से कह दिया जाता है कि ये तो नो बॉल है। 

शिवपाल और आजम खान भी लपेटे में 

इसी चर्चा पर सीएम योगी ने शिवपाल यादव और आजम खान के बयानों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि तब शिवपाल जी ने बड़ी अच्छी टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि हमेशा अच्छी नीयत से खेलना चाहिए। मेरे पास भी खेल का सर्टिफिकेट है और मैं आज भी खेल रहा हूं। हालांकि मंजिल तक पहुंचने के लिए दांव-पेंच भी आने चाहिए। सीएम योगी ने आजम खान का नाम लिए बिना कहा कि इनके एक और चाचा जान थे, उनका बयान भी आया। उन्होंने कहा कि सीएम साहब, अच्छी बात है कि आपको खेलने का वक्त मिल जाता है। खुदा न खाश्ता आप हार जाते तो मैं यही कहता कि अधिकारियों का ध्यान खेल पर ज्यादा है और काम पर कम। अधिकारी हार गए तो माना जा सकता है कि थोड़ा बहुत काम कर रहे हैं। 

इधर के भय से ही सही, काका श्री को सम्मान तो मिला

सीएम ने शिवपाल यादव का जिक्र करते हुए अखिलेश पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भगवान राम ने कहा था कि भय बिनु होई न प्रीति…। इधर के भय से ही सही, लेकिन कम से कम काका श्री (शिवपाल यादव) को सम्मान मिलना शुरू हो गया। सीएम ने शिवपाल यादव की ओर देखते हुए कहा कि मैं जब भी आपको देखता हूं तो मुझे महाभारत का दृश्य याद आता है। आप जैसा अनुभवी व्यक्ति हर बार छला जाता है। बार-बार अपमानित होते हैं। आपके अनुभव, संघर्षों का लाभ समाजवादी पार्टी नहीं लेती है। हम उनका सम्मान करते हैं, लेकिन शिवपाल जी को भी अपना स्वाभिमान बनाए रखना चाहिए।

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