दैनिक इंडिया न्यूज़, 19 जुलाई 2024 ,नई दिल्ली ।हाल ही में UPSC ने आईएएस अधिकारी पूजा खेड़कर के खिलाफ गंभीर आरोपों के तहत FIR दर्ज की है। इस घटना ने प्रशासनिक सेवाओं में चयन प्रक्रिया और पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। आइए विस्तार से जानें कि यह मामला क्या है और इसके पीछे के कारण क्या हैं।
पूजा खेड़कर का चयन और विवाद की शुरुआत
पूजा खेड़कर का चयन UPSC की सिविल सेवा परीक्षा 2022 के तहत हुआ था। उनका अखिल भारतीय रैंक 841 था। उनकी ट्रेनिंग पुणे में शुरू हुई थी। शुरुआती दिनों में ही उन पर कई प्रकार के आरोप लगे, जिनमें सरकारी सुविधाओं का दुरुपयोग और अनुचित लाभ उठाने का दावा शामिल था।
FIR का कारण
UPSC ने पूजा खेड़कर पर आरोप लगाया कि उन्होंने परीक्षा में अतिरिक्त प्रयास करने के लिए अपनी पहचान बदलकर धोखाधड़ी की। उन्होंने अपना नाम, मोबाइल नंबर, पता और अन्य विवरण बदलकर अधिक परीक्षा प्रयास किए। इसके अलावा, उन पर विकलांगता और OBC नॉन-क्रीमी लेयर कोटा के तहत झूठे दस्तावेज प्रस्तुत करने के भी आरोप हैं।
धोखाधड़ी के आरोप
पूजा खेड़कर पर आरोप है कि उन्होंने विकलांगता का झूठा दावा किया था ताकि उन्हें परीक्षा में विशेष सुविधाएं मिल सकें। इसके लिए उन्होंने मानसिक बीमारी और दृष्टि दोष का झूठा प्रमाणपत्र प्रस्तुत किया। जब उन्हें AIIMS दिल्ली में जांच के लिए बुलाया गया, तो उन्होंने COVID-19 संक्रमण का हवाला देकर जांच में शामिल होने से मना कर दिया।
अनुचित सुविधाओं का उपयोग
पूजा खेड़कर पर यह भी आरोप है कि उन्होंने अपने निजी ऑडी कार पर लाल-नीला बत्ती और VIP नंबर प्लेट का उपयोग किया, जो कि एक प्रशिक्षु अधिकारी के लिए अनुचित है। इसके अलावा, उन्होंने सरकारी आवास, निजी केबिन और चपरासी जैसी सुविधाओं की भी मांग की थी, जो कि उनके पद के अनुसार नहीं मिलनी चाहिए थी।
स्थानांतरण और उत्पीड़न के आरोप
पुणे के जिलाधिकारी सुहास दिवसे ने पूजा खेड़कर पर कई अनुशासनात्मक आरोप लगाए, जिसके बाद उनका स्थानांतरण वाशिम जिले में कर दिया गया। पूजा खेड़कर ने जिलाधिकारी पर उत्पीड़न का आरोप लगाया और इस मामले में उन्होंने एक शिकायत भी दर्ज कराई।
माता-पिता का विवाद
पूजा खेड़कर के पिता दिलीप खेड़कर, जो कि राज्य सरकार के पूर्व अधिकारी हैं, और उनकी माता मनोरा खेड़कर पर भी किसानों को धमकाने के आरोप में FIR दर्ज की गई है। यह घटना पुणे जिले के धडवली गांव में हुई थी, जहां मनोरा खेड़कर ने कथित रूप से एक किसान को बंदूक से धमकाया था। यह पूरा मामला UPSC की साख और परीक्षा प्रणाली की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल उठाता है। पूजा खेड़कर पर लगे आरोपों ने प्रशासनिक सेवाओं में सुधार की आवश्यकता को उजागर किया है। प्रशासनिक अधिकारियों की चयन प्रक्रिया में और भी कठोर जांच और संतुलन की आवश्यकता है ताकि ऐसे मामलों को रोका जा सके।