इंटरसिटी बस सेवा में लापरवाही: नशे में ड्राइवर और यात्रियों के प्रति गैर-जिम्मेदार रवैया

लखनऊ से दिल्ली के बीच चलने वाली बस सेवा में लापरवाही और अनियमितताओं का मामला उजागर हुआ है।

दैनिक इंडिया न्यूज़ के हालिया सर्वे में बस संख्या BR 6 PF4771 में गंभीर खामियां सामने आईं। यात्रियों ने शिकायत की कि बस का ड्राइवर नशे की हालत में गाड़ी चला रहा था, जिससे यात्रियों की सुरक्षा को बड़ा खतरा उत्पन्न हो गया।

यात्रियों के सामान के प्रति गैर-जिम्मेदाराना रवैया

सर्वे के दौरान एक यात्री ने बताया कि जब उन्होंने अपने क्रॉकरी के सामान को सीट पर रखने की अनुमति मांगी, तो ड्राइवर ने साफ मना कर दिया और कहा कि सामान को लगेज में डालें। साथ ही, ड्राइवर ने स्पष्ट कर दिया कि अगर सामान टूट गया, तो इसकी कोई जिम्मेदारी बस प्रशासन नहीं लेगा। इस तरह का रवैया न केवल यात्रियों के अधिकारों की अनदेखी है, बल्कि उनके सामान की सुरक्षा के लिए भी घोर लापरवाही दर्शाता है।

ऑनलाइन और ऑफलाइन किराए में भारी अंतर

यात्रियों ने यह भी खुलासा किया कि इस रूट पर ऑनलाइन बुकिंग के माध्यम से बस का किराया ₹400 से ₹670 के बीच दिखाया जाता है। लेकिन ऑफलाइन यात्रियों से मनमाना किराया वसूला जा रहा है। कई यात्रियों ने बताया कि उनसे ₹950 से लेकर ₹1000 तक का किराया मांगा गया। यह स्पष्ट नहीं है कि यह बस संचालकों की मिलीभगत है या बस स्टाफ की मर्जी से किया जा रहा है।

बुनियादी सुविधाओं का अभाव

बस स्टैंड पर वेटिंग रूम, साफ-सफाई और यात्री सुविधाओं की घोर कमी है। इसके अलावा, यात्री शिकायत करने के लिए किसी भी स्पष्ट प्रक्रिया का अभाव महसूस करते हैं। बस सेवा के कर्मचारियों की मनमानी और यात्रियों की शिकायतों के प्रति उदासीनता से यात्रियों में गहरी नाराजगी है।

यात्रियों की मांग: सरकार जल्द करे कार्रवाई

यात्रियों ने मांग की है कि परिवहन विभाग इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करे। ड्राइवरों की नशा-मुक्तता सुनिश्चित करने के लिए नियमित जांच की जानी चाहिए। साथ ही, बस संचालकों के लिए स्पष्ट नियम बनाए जाएं और यात्रियों के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रभावी शिकायत तंत्र लागू किया जाए।

यात्रियों ने यह भी कहा कि सरकार को ऑनलाइन और ऑफलाइन किराए में अंतर पर अंकुश लगाना चाहिए और इस तरह की गैर-कानूनी गतिविधियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने चाहिए। यदि इन समस्याओं को जल्द सुलझाया नहीं गया, तो यह न केवल यात्रियों की असुविधा बढ़ाएगा, बल्कि उनकी सुरक्षा को भी खतरे में डालेगा।

सरकार और संबंधित विभाग से अपील है कि यात्रियों के हित में इस प्रकार की लापरवाही और मनमानी पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।

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