
दैनिक इंडिया न्यूज़, अक्तूबर 2025।
इंटीग्रल यूनिवर्सिटी, बदायूं की छात्राओं ने आज रावे उझानी में “किसान गोष्ठी” का सफल आयोजन किया। इस गोष्ठी का मुख्य उद्देश्य क्षेत्र के किसानों को आधुनिक, वैज्ञानिक और लागत-प्रभावी कृषि तकनीकों से परिचित कराना था, ताकि वे कम संसाधनों में अधिक उपज प्राप्त कर सकें और अपनी आय में वृद्धि कर सकें।
कार्यक्रम के दौरान कृषि विशेषज्ञों ने मिट्टी परीक्षण, जल प्रबंधन, कीट नियंत्रण के सुरक्षित उपाय, जैविक उर्वरक के उपयोग और फसल चक्र के वैज्ञानिक नियोजन पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने बताया कि खेती में छोटे-छोटे बदलाव—जैसे सिंचाई के समय का निर्धारण, जैविक खादों का प्रयोग, और स्थानीय मौसम के अनुसार फसल चयन—किसान की उत्पादकता और मुनाफे को कई गुना बढ़ा सकते हैं।
छात्राओं ने किसानों को केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न कृषि योजनाओं, पशुपालन, और बहुफसली खेती के लाभों के बारे में भी जानकारी दी। उनका कहना था कि नई सोच और तकनीक अपनाने से न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, बल्कि पर्यावरणीय संतुलन भी बनाए रखा जा सकेगा।
गोष्ठी के अंत में प्रश्नोत्तर सत्र आयोजित किया गया, जिसमें किसानों ने अपनी व्यावहारिक समस्याएँ रखीं। विशेषज्ञों ने प्रत्येक समस्या का सरल और उपयोगी समाधान प्रस्तुत किया, जिसे किसानों ने बड़े ध्यान से सुना और सराहा।
आयोजक श्वेता सिंह और आंशिक यादव ने बताया, “हमारा लक्ष्य सिर्फ ज्ञान देना नहीं, बल्कि उसे खेतों में उतारना है। जब किसान विज्ञान और परंपरा को जोड़कर काम करेगा, तभी सच्चा विकास संभव होगा।”
